जोधपुर. शहर में एक युवक द्वारा लोगों को घर बैठे डिग्री दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. लाखों रुपए बटोर कर जाली डिग्रियां व डिप्लोमा लोगों को थमा दिए गए. पुलिस ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए एक अरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी से कई संस्थानों की डिग्रियां बरामद भी हुई हैं.
पुलिस का कहना है कि आरोपी ने खुद ही डिग्रियां बनाकर थमा दी जो बाद में जाली निकली. इसको लेकर मामला दर्ज हुआ था. कुड़ी भगतासनी थानाधिकारी देवेंद्र सिंह देवड़ा ने बताया कि स्कूल संचालक,अशोक कुमार गुप्ता ने अक्टूबर में एक रिपोर्ट दी थी कि नरेश प्रजापत जिसका जोधाणा टावर में ऑफिस है, उसने किसी भी संस्थान में एडमिशन करवाने का झांसा दिया, इस पर अशोक गुप्ता ने 30 लोगों के एडमिशन अलग-अलग कोर्सेज में करवाने के लिए कागजात दिए. साथ में 26 लाख रुपए फीस के भी दिए. नरेश प्रजापत ने एडमिशन प्रोसेस के बजाय उन्हें अलग-अलग संस्थानों की डिग्रियां दी. जो बाद में जाली पाई गईं. नरेश ने दसवीं-बारहवीं से लेकिन आयुर्वेद चिकित्सक बनाने की डिग्री थमाई है.
जांच में फर्जी पाई डिग्रियां : नरेश ने जिन अभ्यर्थियों को डिग्रियां व डिप्लोमा दिए थे. उन्होंने जब उनको क्रॉस चेक किया तो पता चला कि उनके उन संस्थानों में प्रवेश ही नहीं हुए. जबकि उन्होंने कोर्स करवाने के आवेदन उसे दिए थे. संस्थानों ने सभी डिग्रियां अपने द्वारा जारी नहीं करना बताया. जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज किया. पुलिस ने भी पड़ताल कर नरेश प्रजापत जो कि नागौर जिले का है, उसे गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है. पुलिस का कहना है कि वह लंबे समय से यह काम कर रहा है. उसने कितने लोगों के साथ ठगी की है, इसका पता लगाया जा रहा है.
इन यूनिवर्सिटीज की फर्जी डिग्रियां मिली : पुलिस के अनुसार नरेश प्रजापत ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी, गंगरार, चित्तौडगढ, श्री कृष्णा यूनिवर्सिटी, छतरपुर, मध्यप्रदेश, उतराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद रुड़की के नाम से खुद ही डिग्रियां व डिप्लोमा के सर्टिफिकेट जारी कर दिए. पुलिस इन सब संस्थानों से अब जानकारी प्राप्त कर रही है.