जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उदयपुर रेलवे ब्रिज पर ब्लास्ट करने के मामले में चार आरोपियों की ओर से पेश जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी है. जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की अदालत में मामले में विस्फोटक देने वाले आरोपी भरत राज, अशोक, लोकेश कुमार व अमित की ओर से जमानत याचिका पेश की गई थी.
सरकार की ओर से जमानत का विरोध करते हुए एएजी कम जीए अनिल जोशी ने बताया कि उदयपुर में नए रेलवे ब्रिज का उद्घाटन करने के कुछ दिन बाद ही मुख्य आरोपी धुलचंद मीणा ने अपने दो भतीजों के साथ 12 नवम्बर 2022 को ट्रैक ब्लास्ट कर दिया था. इन चारों ने ही विस्फोटक उपलब्ध करवाया जो कि इनकी संलिप्तता को दर्शाता है.
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नियम है कि विस्फोट बेचने से पहले यह पड़ताल कर लेनी चाहिए कि संबंधित व्यक्ति उसका क्या करेगा. इसके अलावा विस्फोट करने वाले अधिकृत व्यक्ति की ओर से माइंस में जाकर स्वयं ब्लास्ट करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इसके साथ ही आईई फार्म 13 पर फर्जी हस्ताक्षर भी किए. अधिकृत व्यक्ति की ओर से माइंस में विस्फोट नहीं किया गया. मामला गंभीर प्रवृत्ति का है जो कि राष्ट्र के लिए भी खतरा हो सकता है. इस पर कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
क्या है पूरा मामला. उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर शनिवार देर रात अज्ञात लोगों ने ब्लास्ट कर दिया था, जिससे पटरियों पर क्रैक आ गया. मौके पर बारूद भी मिला था. बदमाशों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी. धमाके से चार घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का लोकार्पण किया था. मामले की ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है.