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हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र के सुरक्षा प्रहरियों को हटाने पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र के सुरक्षा प्रहरियों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने यह आदेश मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए हैं.

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Published : Jul 18, 2019, 11:00 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट

जोधपुर. हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र में कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली ने याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है.

दरअसल, पंचायती राज विभाग ने राजीव गांधी सेवा केंद्र में कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को हटाने के आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ छगन सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें कोर्ट को बताया गया था कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग के आदेश संविदा पर कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को राजीव गांधी सेवा केंद्र की सुरक्षा हेतु नियुक्ति दी गई. लेकिन हाल ही में 8 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में पंचायत के मार्फत् संविदा पर कार्यरत इन सुरक्षा कर्मियों को हटाकर प्लेसमेंट एजेंसी से सुरक्षाकर्मी लगाने के निर्देश दिए गए.

हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र के सुरक्षा प्रहरियों के हटाने पर लगाई रोक

याचिकाकर्ता ने बताया कि पंचायती राज विभाग में वह लंबे समय से निरंतर सुरक्षा प्रहरी के पद पर काम कर रहा था. इस पद पर ग्राम पंचायत से अनुबंध के आधार पर नियुक्ति दी गई थी. लेकिन उनकी सेवाएं समाप्त कर प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा अनुबंध पर भर्ती कर नए प्रयोग को नियुक्तियां प्रदान की जा रही है. याचिकार्ता ने पंचायती राज विभाग के इस आदेश को विधि विरुद्ध एवं न्याय सिद्धांतों के विपरीत बताया. जिस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली ने पंचायती राज विभाग के पत्र दिनांक 8 जुलाई 2019 की शर्त संख्या 4 के अनुसार अनुबंध कर्मचारी को किसी अन्य प्लेसमेंट एजेंसी के अनुबंध कर्मचारी के रूप में नियुक्त किए जाने पर रोक लगा दी है.

जोधपुर. हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र में कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली ने याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है.

दरअसल, पंचायती राज विभाग ने राजीव गांधी सेवा केंद्र में कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को हटाने के आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ छगन सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें कोर्ट को बताया गया था कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग के आदेश संविदा पर कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को राजीव गांधी सेवा केंद्र की सुरक्षा हेतु नियुक्ति दी गई. लेकिन हाल ही में 8 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में पंचायत के मार्फत् संविदा पर कार्यरत इन सुरक्षा कर्मियों को हटाकर प्लेसमेंट एजेंसी से सुरक्षाकर्मी लगाने के निर्देश दिए गए.

हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र के सुरक्षा प्रहरियों के हटाने पर लगाई रोक

याचिकाकर्ता ने बताया कि पंचायती राज विभाग में वह लंबे समय से निरंतर सुरक्षा प्रहरी के पद पर काम कर रहा था. इस पद पर ग्राम पंचायत से अनुबंध के आधार पर नियुक्ति दी गई थी. लेकिन उनकी सेवाएं समाप्त कर प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा अनुबंध पर भर्ती कर नए प्रयोग को नियुक्तियां प्रदान की जा रही है. याचिकार्ता ने पंचायती राज विभाग के इस आदेश को विधि विरुद्ध एवं न्याय सिद्धांतों के विपरीत बताया. जिस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली ने पंचायती राज विभाग के पत्र दिनांक 8 जुलाई 2019 की शर्त संख्या 4 के अनुसार अनुबंध कर्मचारी को किसी अन्य प्लेसमेंट एजेंसी के अनुबंध कर्मचारी के रूप में नियुक्त किए जाने पर रोक लगा दी है.

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जोधपुर । राजस्थान हाईकोर्ट ने राजीव गांधी सेवा केंद्र में कार्यरत सुरक्षा प्रहरीयों को पंचायती राज विभाग के आदेश के तहत हटाने पर रोक लगाई गई है। मामले के अनुसार याचिकाकर्ता छगन सिंह व अन्य ने अपने अधिवक्ता पवन सिंह व प्रदीप परिहार के मार्फत कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज विभाग के आदेश संविदा पर कार्यरत सुरक्षा प्रहरियों को राजीव गांधी सेवा केंद्र की सुरक्षा हेतु नियुक्ति दी गई । लेकिन हाल ही में 8 जुलाई 2019 को एक आदेश जारी कर पूरे प्रदेश में पंचायत के मार्फत् संविदा पर कार्यरत इन सुरक्षा कर्मियों को हटाकर प्लेसमेंट एजेंसी से सुरक्षाकर्मी लगाने के निर्देश दिए गए। परंतु याचिकाकर्ता जो कि पंचायती राज विभाग में पिछले काफी वर्षों से निरंतर सुरक्षा प्रहरी के पद पर ग्राम पंचायत से अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं तथा उनकी सेवाएं समाप्त कर प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा अनुबंध पर भर्ती कर नए प्रयोग को नियुक्तियां प्रदान की जा रही है। जो कि विधि विरुद्ध एवं न्याय सिद्धांतों के विपरीत है ।इन दलीलों से संतुष्ट होकर राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण भंसाली ने पंचायती राज विभाग के पत्र दिनांक 8 जुलाई 2019 की शर्त संख्या 4 के अनुसार अनुबंध कर्मचारी को किसी अन्य प्लेसमेंट एजेंसी के अनुबंध कर्मचारी के रूप नियुक्ति किए जाने पर रोक लगा दी है।

बाईट : पवनसिंह, अधिवक्ताConclusion:
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