जोधपुर. गहलोत सरकार ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए जोधपुर विकास प्राधिकरण में हुए घोटालों के मामले में दोषी कार्मिकों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी है. शहर के आदर्श कॉलोनी मानसागर में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य की ई-निविदा निकाल कर दो करोड रुपए का घोटाला हुआ था.
यह निर्णय चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि यह कार्य गहलोत सरकार के दौरान ही स्वीकृत हुआ था. इस मामले की जांच भाजपा की वसुंधरा सरकार ने एसीबी से करवाई थी. जिसके बाद खुद अशोक गहलोत ही इस मामले में कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को फंसाने का आरोप वसुंधरा सरकार पर लगाते रहे थे. अब जब उनकी सरकार द्वारा ही अभियोजन स्वीकृति जारी हुई है तो इससे भाजपा सरकार की कार्रवाई को भी बल मिला है.
एसीबी ने करीब 2 माह पहले चार मामलों में जेडीए के अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करने के लिए सरकार से स्वीकृति मांगी थी. इनमें करीब 10 अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम शामिल हैं. भाजपा सरकार के समय जेडीए में घोटाले को लेकर एसीबी में 4 एफआईआर दर्ज की गई थी. इनमें एफआइआर संख्या 111 में अभियोजन स्वीकृति मिली है.
भाजपा सरकार के समय हुई जांच के दौरान गहलोत के खासमखास रहे जिले के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी को भी एसीबी ने 2017 में गिरफ्तार किया था. इसके अलावा कई अफसर भी गिरफ्तार हुए थे. तब गहलोत ने वसुंधरा सराकर की इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताया था. अब देखना यह है कि अभियोजन की स्वीकृति के बाद कितने अफसरों पर गाज गिरती है.