जोधपुर. जिले में किसानों का आंदोलन 24 दिनों से लगातार जारी है. इस आंदोलन के दौरान 2 बार किसानों की प्रशासन के साथ वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन किसानों की प्रमुख 2 मांगे उनको लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं हो पाया है. जिसके चलते किसान जोधपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर माणकलाव गांव में पिछले 3 दिनों से पड़ाव डाल कर बैठे हैं.
इससे पहले किसानों ने ओसियां में लगातार आंदोलन किया था. शुक्रवार को जिला प्रशासन ने किसानों के साथ एक बार वार्ता के लिए फिर प्रयास किए, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि अब स्थानीय स्तर पर बात करने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचे हैं. हमारी मांग राज्य सरकार से जुड़े हुए मामलों पर हैं. सरकार जल्द से जल्द अनुदान प्रति बिल में जारी करें, और छह माह के कुणाल के किसानों के बिजली के बिल माफ करें अगर सरकार इन मुद्दों पर सहमति देती है, तो किसान वार्ता के लिए तैयार होंगे.
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भारतीय किसान संघ के तुलछाराम सिंवर ने बताया कि किसान पूरी तरह से परेशान हैं और व्यापार की स्थिति में हैं, अगर शनिवार दोपहर तक सरकार ने हमारी मांगों पर अमल नहीं किया, तो किसान पैदल ही माणकलाव से जोधपुर शहर की ओर कूच करेंगे. उसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार और प्रशासन की होगी.
गौरतलब, है कि किसानों ने 25 अगस्त को जोधपुर में महापड़ाव की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें 20 किलोमीटर दूर पहले ही रोक दिया और डिस्कॉम कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात कर दी. इसके बाद वार्ता हुई लेकिन सफल नहीं हुई, एक वार्ता में स्थानीय स्तर पर जो परेशानियां थी उनको लेकर सहमति बनी, लेकिन उनकी बड़ी मांगों को लेकर स्थानीय प्रशासन कुछ नहीं कर सका.