जोधपुर. जिले के तिंवरी क्षेत्र से एक अनोखा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. तिंवरी निवासी युवक ने राष्ट्रपति के साथ खुद की फोटो फर्जी तरीके से एडिट की और सोशल मीडिया पर अपलोड कर के फेमस हो गया. लेकिन जब इस बारे में पुलिस को पता चला तो पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, युवक को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का नशा ऐसा चढ़ा की उसने राष्ट्रपति से सम्मानित होने वाले दूसरे युवक की फोटो पर खुद की फोटो लगा दी.
जिसके बाद युवक ने यह फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. जब यह बात फैली तो सामने आया कि यह फोटो फर्जी है. इसके बाद पुलिस में मुकदमा दर्ज हुआ तो पुलिस ने आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
पढ़ेंः Corona को दावत दे रहे भोपालगढ़वासी, नहीं हो रही COVID- 19 गाइडलाइन की पालना
गौरतलब है कि तिंवरी निवासी राहुल राठी नाम के एक युवक ने नियमों को ताक पर रखते हुए खुद को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मानित करते हुए का फोटो मोबाइल एप से फर्जी तरीके से एडिटिंग कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. युवक ने अपने दोस्तों और समाज में सुर्खियां बटोरने के लिए यह तरीका अपनाया.
जागरूक ग्रामीणों कि पड़ताल से युवक कि खुली पोलः
मथानिया थानाधिकारी गौतम डोटासरा ने बताया कि तिंवरी निवासी युवक राहुल राठी, जिसकी उम्र-22 साल है उसने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर खुद को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होते हुए का फोटो वायरल किया. लेकिन कुछ जागरूक ग्रामीणों को फर्जी तरीके से फोटो एडिटिंग करने को लेकर युवक पर शक हुआ. जिस पर ग्रामीणों ने फोटो के बारे में पड़ताल कि तो फोटो फर्जी पाया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह का कोई सम्मान राष्ट्रपति के हाथों इस युवक को नहीं मिला. वहीं ग्रामीणों ने इस सबंध में युवक के खिलाफ मथानिया पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया, जिस पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अनुसंधान शरू कर दिया है. पुलिस के अनुसार युवक को शनिवार में न्यायालय में पेश कर पुछताछ के लिए रिमांंड पर लिया जाएगा.
अखबारों और चैनलों में इंटरव्यू भी दिएः
युवक की फोटो वायरल होते ही अखबार वाले युवक का इंटरव्यू लेने आने लगे. युवक ने कई टीवी चैनलों में भी अपना इंटरव्यू दिया और बताया कि उसने राष्ट्रपति भवन की हैक हुई वेबसाइट को हैकरों से बचाया जिसके लिए उसे यह सम्मान मिला है. लेकिन उसे यह पता नहीं था कि उसने जो फोटो एडिट की है उसमें कई गलतियां है और यही गलतियां उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए काफी थी. युवक ने मीडिया वालों को इंटरव्यू देते समय बताया था कि उसे 8 जुलाई को राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया और 9 जुलाई को उसका सम्मान किया गया.
पढ़ेंः गहलोत सरकार ने किए 8 आरएएस अधिकारियों के तबादले
बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के अन्तर्गत पुलिस को यह अधिकार दिया गया था कि वह सोशल साइट्स पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले को गिरफ्तार कर सकती है. इस धारा के तहत अधिकतम तीन साल की सजा के प्रावधान हैं.