जोधपुर. तूफानी चक्रवात तौकते का असर मंगलवार को जोधपुर में नजर आने लगा है. जहां सुबह से ही शहर में बादल छाए रहे सूर्य के दर्शन नहीं हुए. इसके बाद बूंदा-बांदी और बारिश का दौर शुरू हो गया. जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. वहीं, भीतरी शहर में जहां कई मकान जर्जर अवस्था में हैं, उन्हें खाली करवाने के लिए प्रशासन को मुनादी करवानी पड़ी.
लोगों से अपील की गई कि वह अपने जर्जर मकान खाली कर दें, कहीं और चले जाएं. उनके लिए व्यवस्थाएं भी की गई लेकिन लोग ज्यादातर अपने घरों में ही बने हुए हैं या पड़ोसी के घर जा रहे हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन ने खासतौर से शहर में कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे बड़े अस्पतालों पर फोकस रखा है. यहां अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर का बंपर स्टॉक बनवाया गया है. साथ ही बड़े ऑक्सीजन प्लांट पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात करने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं, तूफान के दौरान बिजली जाने पर अस्पतालों में जनरेटर से आपूर्ति लगातार बनी रहे.
इसको लेकर अस्पतालों के लिए नोडल ऑफिसर तैनात किए गए हैं जो अस्पतालों में जाकर जनरेटर सेट को चलवाकर चेक कर रहे हैं. इसके अलावा कितना लोड ले सकता है. इसके लिए शटडाउन भी लिया जा रहा है. इसके अलावा शहर के 2 क्षेत्रों में मोटर पंप लगाए गए हैं. जिससे पानी पड़ने की स्थिति में तुरंत निकाला जा सके. साथ ही पेड़ गिरने की स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. नगर निगम के आयुक्त रोहिताश सिंह तोमर ने बताया कि लगभग शहर में सभी व्यवस्थाओं को मैपिंग कर लिया गया है. उन सभी के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग के अनुसार जोधपुर में तूफान का व्यापक असर मंगलवार शाम 6 बजे के बाद देखने को मिल सकता है और यह 19 मई तक रह सकता है. इसको लेकर जिला प्रशासन लगातार 48 घंटों की व्यवस्थाओं में लगा हुआ है. इसके साथ ही एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें भी अलर्ट हैं.