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ओसियां में गौ सवकों ने पौधारोपण कार्यक्रम का किया आयोजन, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक ओर जहां राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं को संचालित कर अलग-अलग तरीकों से प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जोधपुर के ओसियां में जय अम्बे मां गौशाला में गौ सेवकों ने पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया. साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.

Environmental protection message, पर्यावरण संरक्षण का संदेश
पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Jul 17, 2020, 5:54 PM IST

ओसियां (जोधपुर). क्षेत्र के निकटवर्ती जाखण गांव स्थित जय अम्बे मां गौशाला में शुक्रवार को गौ सेवकों ने पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया. बता दें कि इस साल गौ सेवकों ने 1500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

बापिणी पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सदासुख विश्नोई और गौशाला अध्यक्ष प्रकाश व्यास के नेतृत्व में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत गौशाला परिसर में अलग-अलग किस्म के सैकड़ों पौधे लगाए गए.

इस दौरान डॉ. विश्नोई ने बताया कि गौशाला में कई जगह तो टीन सेड लए हुए है, लेकिन कुछ जगह खुली है. ऐसे में गायों को धूप से बचाने के लिए पौधे लगाए गए है, जिससे गायों को छाया मिलेगी. वहीं, नीम के पौधे से भविष्य में कीटनाशक बनाया जाएगा और गौवंश को नीम की पत्ती घास के भूसे के साथ मिलाकर दी जाएगी.

पढ़ेंः डोटासरा ने प्रदेश अध्यक्ष बनने पर सोनिया-राहुल का जताया आभार, कहा- 2023 में बहुमत के साथ बनेगी कांग्रेस की सरकार

जिससे कृमि रोग से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी निरन्तर जारी रहेगी, गौ सेवकों ने इस वर्ष 1500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है. साथ ही वहां गोबर गैस प्लांट से निकाली गई, जैविक खाद को पौधों के गड्ढों में डाला जाएगा.

ओसियां (जोधपुर). क्षेत्र के निकटवर्ती जाखण गांव स्थित जय अम्बे मां गौशाला में शुक्रवार को गौ सेवकों ने पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया. बता दें कि इस साल गौ सेवकों ने 1500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

बापिणी पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सदासुख विश्नोई और गौशाला अध्यक्ष प्रकाश व्यास के नेतृत्व में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत गौशाला परिसर में अलग-अलग किस्म के सैकड़ों पौधे लगाए गए.

इस दौरान डॉ. विश्नोई ने बताया कि गौशाला में कई जगह तो टीन सेड लए हुए है, लेकिन कुछ जगह खुली है. ऐसे में गायों को धूप से बचाने के लिए पौधे लगाए गए है, जिससे गायों को छाया मिलेगी. वहीं, नीम के पौधे से भविष्य में कीटनाशक बनाया जाएगा और गौवंश को नीम की पत्ती घास के भूसे के साथ मिलाकर दी जाएगी.

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जिससे कृमि रोग से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी निरन्तर जारी रहेगी, गौ सेवकों ने इस वर्ष 1500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है. साथ ही वहां गोबर गैस प्लांट से निकाली गई, जैविक खाद को पौधों के गड्ढों में डाला जाएगा.

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