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जन्मजात हृदय संरचना में उलटफेर के रोगी की चिरंजीवी योजना के तहत हुई निशुल्क वाल्व सर्जरी

जन्म से हृदय संरचना में उलटफेर के चलते एक मरीज को पिछले 6 महीनों से सांस फूलने और अनियमित धड़कन चलने की समस्या हो गई. इसका इलाज जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में सफलतापूर्वक किया (Congenital heart disease operation in MDM Jodhpur) गया. चिरंजीवी योजना के तहत चिकित्सकों ने मरीज के लेफ्ट एवी वाल्व को आर्टिफिशियल मैकेनिकल वाल्व से रिप्लेस किया (valve surgery under Chiranjeevi scheme in Jodhpur) गया.

Congenital heart disease operation in MDM Jodhpur under Chiranjeevi Scheme
जन्मजात हृदय संरचना में उलटफेर के रोगी की चिरंजीवी योजना के तहत हुई निशुल्क वाल्व सर्जरी
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Published : Nov 26, 2022, 5:10 PM IST

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में एक मरीज के हृदय की संरचना में जन्मजात उलटफेर होने से हो रही परेशानी का उपचार ​किया गया है. दावा है कि पश्चिमी राजस्थान में यह पहली सर्जरी है, जो चिंरजीवी योजना के तहत की गई है.

विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी 29 वर्षीय जूजाराम के जन्मजात हृदय संरचना में उलटफेर था. लेकिन 6 महीनों से सांस फूलने तथा धड़कन की अनियमितता से ज्यादा परेशान था. कई जगह पर परामर्श लेने के बाद उपचार नहीं हुआ, तो एमडीएम अस्पताल के कार्डियोथेारेसिक विभाग में पहुंचा. यहां पर पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण और इको कराने के बाद पता चला कि मरीज को कंजनाईटली करेक्टेड ट्रांस्पोजिशन ऑफ ग्रेट आर्टरी की जन्मजात हृदय की बीमारी है और उसके बांई तरफ के ए.वी (एट्रियोवेंट्रिकुलर) वाल्व में लीकेज है, जिसके कारण हॉट फेलियर की तरफ बढ़ रहा है.

पढ़ें: कोटा: हार्ट की आर्टरी थी उल्टी पुल्टी, डॉक्टरों ने 8 घंटे की सर्जरी के बाद किया सीधा

इसके चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया गया. इस ऑपरेशन को बाइपास मशीन पर किया गया. जिसमें मरीज के लेफ्ट एवी वाल्व को आर्टिफिशियल मैकेनिकल वाल्व से रिप्लेस किया (valve surgery under Chiranjeevi scheme in Jodhpur) गया. ऑपरेशन के पश्चात मरीज का इलाज सीटीवीएस आईसीयू में हुआ. वाइटल पैरामीटर्स ठीक होने के बाद मरीज को सीटीवीएस वार्ड में शिफ्ट किया गया और अब पूर्णता स्वस्थ है. इस ऑपरेशन में डॉ सुभाष बलारा (विभागाध्यक्ष) और डॉ अभिनव सिंह (सहायक आचार्य) एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर प्रोफेसर और अतिरिक्त प्राचार्य डॉ राकेश करनावत तथा डॉ शिखा सोनी (सह आचार्य) शामिल रहे. सीटीवीएस सर्जन डॉ देवाराम ने भी मरीज के उपचार में अपना सहयोग दिया.

पढ़ें: जोधपुर के MDM अस्पताल में हुआ दुर्लभतम बीमारी का सफल ऑपरेशन...5 साल के मासूम को मिली नई जिंदगी

हृदय की संरचना में उलटफेर: सहायक आचार्य डॉ अभिनव सिंह ने बताया कि यह बीमारी बहुत दुर्लभ है. यह 0.5 से 1% कंजनाईटल हार्ट डिजीज में ही होती है. इस बीमारी में हृदय की संरचना में जन्मजात उलटफेर होता है. इसमें लेफ्ट वेंट्रीकल, राइट साइड तथा राइट वेंट्रीकल, लेफ्ट साइड होता है. साथ ही ह्रदय की मुख्य धमनियों में रोटेशन होता है. इस उलटफेर से लेफ्ट एवी वाल्व (ट्राइकस्पिड वाल्व) में लीकेज शुरू हो जाता है.

पढ़ें: लीवर से हार्ट तक पहुंच गया 'मेटेलिक स्टेंट', चिकित्सकों ने किया सफल ऑपरेशन

उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेफ्ट साइड में वेंट्रीकल का आकार समय के साथ फैलने लगता है. जिसके चलते लीकेज होने लगता है. विश्व में इस बीमारी के ऑपरेशंन की सक्सेस रेट काफी कम है. डॉ‌ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ दिलीप कछवाहा तथा एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी तथा मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी ने बताया कि यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत निशुल्क किया गया.

जोधपुर. मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक विभाग में एक मरीज के हृदय की संरचना में जन्मजात उलटफेर होने से हो रही परेशानी का उपचार ​किया गया है. दावा है कि पश्चिमी राजस्थान में यह पहली सर्जरी है, जो चिंरजीवी योजना के तहत की गई है.

विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष बलारा ने बताया कि बाड़मेर निवासी 29 वर्षीय जूजाराम के जन्मजात हृदय संरचना में उलटफेर था. लेकिन 6 महीनों से सांस फूलने तथा धड़कन की अनियमितता से ज्यादा परेशान था. कई जगह पर परामर्श लेने के बाद उपचार नहीं हुआ, तो एमडीएम अस्पताल के कार्डियोथेारेसिक विभाग में पहुंचा. यहां पर पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण और इको कराने के बाद पता चला कि मरीज को कंजनाईटली करेक्टेड ट्रांस्पोजिशन ऑफ ग्रेट आर्टरी की जन्मजात हृदय की बीमारी है और उसके बांई तरफ के ए.वी (एट्रियोवेंट्रिकुलर) वाल्व में लीकेज है, जिसके कारण हॉट फेलियर की तरफ बढ़ रहा है.

पढ़ें: कोटा: हार्ट की आर्टरी थी उल्टी पुल्टी, डॉक्टरों ने 8 घंटे की सर्जरी के बाद किया सीधा

इसके चलते ऑपरेशन का निर्णय लिया गया. इस ऑपरेशन को बाइपास मशीन पर किया गया. जिसमें मरीज के लेफ्ट एवी वाल्व को आर्टिफिशियल मैकेनिकल वाल्व से रिप्लेस किया (valve surgery under Chiranjeevi scheme in Jodhpur) गया. ऑपरेशन के पश्चात मरीज का इलाज सीटीवीएस आईसीयू में हुआ. वाइटल पैरामीटर्स ठीक होने के बाद मरीज को सीटीवीएस वार्ड में शिफ्ट किया गया और अब पूर्णता स्वस्थ है. इस ऑपरेशन में डॉ सुभाष बलारा (विभागाध्यक्ष) और डॉ अभिनव सिंह (सहायक आचार्य) एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर प्रोफेसर और अतिरिक्त प्राचार्य डॉ राकेश करनावत तथा डॉ शिखा सोनी (सह आचार्य) शामिल रहे. सीटीवीएस सर्जन डॉ देवाराम ने भी मरीज के उपचार में अपना सहयोग दिया.

पढ़ें: जोधपुर के MDM अस्पताल में हुआ दुर्लभतम बीमारी का सफल ऑपरेशन...5 साल के मासूम को मिली नई जिंदगी

हृदय की संरचना में उलटफेर: सहायक आचार्य डॉ अभिनव सिंह ने बताया कि यह बीमारी बहुत दुर्लभ है. यह 0.5 से 1% कंजनाईटल हार्ट डिजीज में ही होती है. इस बीमारी में हृदय की संरचना में जन्मजात उलटफेर होता है. इसमें लेफ्ट वेंट्रीकल, राइट साइड तथा राइट वेंट्रीकल, लेफ्ट साइड होता है. साथ ही ह्रदय की मुख्य धमनियों में रोटेशन होता है. इस उलटफेर से लेफ्ट एवी वाल्व (ट्राइकस्पिड वाल्व) में लीकेज शुरू हो जाता है.

पढ़ें: लीवर से हार्ट तक पहुंच गया 'मेटेलिक स्टेंट', चिकित्सकों ने किया सफल ऑपरेशन

उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेफ्ट साइड में वेंट्रीकल का आकार समय के साथ फैलने लगता है. जिसके चलते लीकेज होने लगता है. विश्व में इस बीमारी के ऑपरेशंन की सक्सेस रेट काफी कम है. डॉ‌ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व नियंत्रक डॉ दिलीप कछवाहा तथा एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ विकास राजपुरोहित ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी तथा मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी ने बताया कि यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत निशुल्क किया गया.

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