जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जोधपुर दौरे के तीसरे दिन सर्किट हाउस में जनसुनवाई की. इस दौरान बड़ी संख्या में आए फरियादियों ने सीएम को अपनी पीड़ा सुनाई और ज्ञापन दिए. सीएम ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समस्या के समाधान के निर्देश दिए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों से तीन दिव्यांगजनों को ट्राई साइकिल भी भेंट की.
मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में ज्यादातर नगर निगम में पट्टे नहीं मिलने से जुड़ी शिकायतें थीं. शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री ने मौके पर ही कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी को निर्देश दिए. इसके बाद सीएम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जनसुनवाई हर नेता को करनी चाहिए. चाहे वह गांव का सरपंच हो या एमएलए. इससे जनता में संदेश अच्छा जाता है. उन्होंने कहा कि जब मैं आज जन सुनवाई कर रहा था, तब कलेक्टर को साथ रखा था ताकि उनको पता चले कि जनता किस तरह के फीडबैक हमें दे रही है. जब जनसुनवाई करते हैं तो प्रशासनिक ढांचा एक्टिव रहता है और काम भी होते हैं. जनता को भी लगता है कि उनके काम हो रहे हैं.
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सेवक के रूप में काम करता रहूंगा : मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार लगातार जनता के हित में काम कर रही है. मेरी भी इच्छा है कि अंतिम सांस तक सेवक के रूप में काम करूं. प्रथम सेवक का मतलब मुख्यमंत्री हो या कोई और, मेरी इच्छा एक ही है कि मैं जनता के लिए काम करता रहूं. हमने जोधपुर को बहुत कुछ दिया है. राजस्थान के लिए भी बड़ी घोषणा की है. गहलोत ने कहा कि जोधपुर में दिव्यांगजनों के लिए विश्वविद्यालय खुल रहा है, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी खुल रही है. इस यूनिवर्सिटी के खुलने से एक और मेडिकल कॉलेज जिले को मिल जाएगा. अस्पतालों का भी विकास होगा.
केंद्र सरकार को भी लाना चाहिए बिल : मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जनता के लिए हर वक्त काम कर रहे हैं. अब हमारी प्राथमिकता लोगों को प्राइवेट सोशल सिक्योरिटी देना है. मेरी प्रधानमंत्री जी से मांग है कि वह भी इस तरह का बिल संसद में पास करें, जिससे कि भारत के हर व्यक्ति को सोशल सिक्योरिटी दी जा सके.