जोधपुर. दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकील और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत के बाद उपजे विवाद में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मांग को लेकर सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर और अधीनस्थ न्यायालय में कामकाज ठप रहा.
वहीं, यहां वकीलों के संगठनों ने स्वैच्छिक कार्य बहिष्कार की घोषणा की, जिसके चलते वकील अदालत में नहीं गए. हालांकि कोर्ट परिसर में उन्होंने नारेबाजी की और अपना विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान स्वच्छ कार्य बहिष्कार के चलते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई टल गई, जिनमें रॉबर्ट वाड्रा का मामला भी था.
बता दें कि इस मामले में सोमवार को सुनवाई होनी थी और संभवतः इस मामले में कोई आदेश भी जारी हो जाता. लेकिन, कार्य बहिष्कार के चलते सुनवाई नहीं हुई. बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी. 18 दिसंबर तक इस मामले में पूर्व में जारी अंतरिम आदेश लागू रहेंगे. जिसके तहत रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक भी रहेगी.
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राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मांग किया है कि सरकार को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना चाहिए. जिससे की वकीलों की सुरक्षा हो सके और वकीलों पर हमले नहीं हो. जोशी ने कहा कि सरकार ने अगर इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई तो पूरे भारत में यह आंदोलन उग्र हो जाएगा.