जोधपुर .भंवरी मामले में आरोपी पूर्व विधायक मलखानसिंह विश्नोई द्वारा स्वास्थ्य कारणों को लेकर अदालत में लीव पेटिशन दायर की गई थी. जिसपर मंगलवार को जस्टिस पीके लोहरा की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई में बचाव पक्ष जहां उपचार के लिए जमानत पर अड़ा रहा तो वहीं सीबीआई की ओर से कहा गया कि उपचार करवाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है. आरोपी कहीं पर भी उपचार करवाएं लेकिन वह न्यायिक हिरासत में रहकर ही उपचार करवाए .
सुनवाई के दौरान मलखान सिंह विश्नोई के अधिवक्ता ने कहा कि परिवादी को लंबे समय से गाल ब्लैडर में पथरी है और यह बढ़ रही है. इसके अलावा वह अन्य कई बीमारियों से भी ग्रसित हैं . ऐसे में उपचार के लिए अदालत से जमानत दी जाए. साथ ही बचाव पक्ष ने यह तर्क भी दिया कि लंबे समय तक गाल ब्लैडर में पथरी रहने से कैंसर का भी खतरा हो सकता है. इसको लेकर अदालत में रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किए गए.
कोर्ट में कुछ दिनों पहले एमडीएम अस्पताल में हुई विश्नोई की जांच रिपोर्ट का भी जिक्र किया गया. कोर्ट ने इस पर सीबीआई की ओर से मौजूद अधिवक्ता पन्नेसिंह से पूछा कि उनका इस पर क्या कहना है तो उन्होंने कहा कि उपचार तो सरकारी असपताल में हो सकता है. यहां सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं.
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इस पर बचाव पक्ष की ओर से तर्क पेश किया गया कि आज के समय में समर्थ व्यक्ति अच्छे से अच्छा उपचार चाहता है . इस पर सीबीआई की ओर से कहा गया कि उपचार के लिए वे मना नहीं कर रहे हैं सरकारी ही नहीं जहां इच्छा है वहां उपचार करवाएं लेकिन न्यायिक हिरासत में ही उपचार होना चाहिए, जमानत नहीं दी जाएगी क्योंकि आरोप संगीन है.
सीबीआई के अधिवक्ता ने भी कोर्ट में कहा कि जमानत की जरूरत नहीं है. इस मुद्दे पर कई देर तक बहस हुई. आरोपी को जमानत मिलने पर उसके फरार होने की आशंका पूर्व में निचली अदालत जता चुकी है.