जोधपुर. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कोणार्क गनर्स ने कोणार्क कोर के तत्वावधान में 22 फरवरी से 11 मार्च तक 17 दिनों की अवधि के लिए साइकिल अभियान आयोजित किया. इस अभियान के तहत गुजरात और राजस्थान के 75 सीमावर्ती गांवों से होते हुए 1549 किलोमीटर की दूरी तय की गई. इस अभियान को पूरा करने के बाद शनिवार को दल वापस लौटा.
जानकारी के मुताबिक अभियान को फरवरी में गुजरात के विगोकोट किले से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. अभियान के दौरान युवाओं में साहसिक भावना को बढ़ावा और अग्निपथ योजना के बारे में जागरूकता फैलाई गई. अभियान पूरा होने पर जोधपुर युद्ध स्मारक में कोणार्क कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर भी मौजूद रहे. इस साइकिल अभियान में कुल 32 सैन्य कर्मियों ने भाग लिया.
लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य आउटरीच गतिविधियों को बढ़ाना और युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने और गर्व के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रेरणा देना था. साथ ही अग्निपथ योजना तथा रोजगार योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए सीमावर्ती गांवों में विभिन्न संवादात्मक सत्र किए गए. उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने छात्रों और युवा पीढ़ी को सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित किया. करियर काउंसलिंग में उनकी सहायता करने के अलावा राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए भी प्ररित किया.
पूर्व सैनिकों के घर भी गए जवानः इस अभियान के तहत 75 सीमावर्ती गांव में जवान गए. इस दौरान उन्होंने वहां पर पूर्व सैनिकों के परिजनों से भी मुलाकात की, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया. इस दौरान वीर नारियों और वीर माताओं का उनके बलिदान के लिए आभार जताया गया. रैली में भाग लेने वालों ने पूर्व सैनिकों के अधिकार को लेकर समाग्री का वितरण भी किया. अभियान के दौरान प्रशासन और स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना को धन्यवाद देते हुए मानवीय और निस्वार्थ भाव की सराहना की.