भरतपुर: जिले में अवैध खनन और बजरी के अवैध परिवहन पर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है. ऑपरेशन अरावली के तहत प्रशासन, वन विभाग और ट्रांसपोर्ट विभाग की संयुक्त टीमें खनन माफियाओं पर शिकंजा कस रही हैं. जिले के बयाना, रूपवास और बंशी पहाड़पुर इलाके अवैध खनन के प्रमुख गढ़ बने हुए हैं, जहां प्रशासन व पुलिस की छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है. चंबल नदी से आने वाली अवैध बजरी के परिवहन पर भी नजर रखी जा रही है.
ऑपरेशन अरावली के तहत वन विभाग, ट्रांसपोर्ट विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पिछले दो वर्षों (2023 और 2024) में 167 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ है बड़ी मात्रा में अवैध खनन सामग्री भी जब्त की गई है.
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ऑपरेशन अरावली के तहत सख्ती जारी: भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जिले में अवैध खनन को रोकने के लिए ऑपरेशन अरावली के तहत वन विभाग, ट्रांसपोर्ट विभाग और पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि इससे सरकारी राजस्व को भी भारी हानि हो रही है. कई मामलों में खनन माफिया पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए नए तरीके अपनाते हैं, लेकिन पुलिस की लगातार सख्ती के कारण इन पर लगाम कसने की कोशिश की जा रही है.
सबसे ज्यादा अवैध खनन: भरतपुर जिले में बयाना, रूपवास और बंशी पहाड़पुर इलाकों में अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. यहां अरावली पर्वत श्रृंखला से पत्थरों का अवैध खनन किया जाता है. इसके अलावा, धौलपुर जिले से चंबल नदी की बजरी का अवैध परिवहन भी भरतपुर में होता है, जिसे रोकने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है.
वर्षवार कार्रवाई का ब्योरा:
2023 में की गई कार्रवाई:
- मामले: 28
- गिरफ्तारी: 63
- खनन सामग्री जब्त: 771 टन अवैध पत्थर और 79.39 टन अवैध बजरी
- वाहन जब्त: 56 (ट्रक, ट्रैक्टर, ट्रेलर)
2024 में की गई कार्रवाई:
- मामले: 55
- गिरफ्तारी: 104
- खनन सामग्री जब्त: 1400 टन अवैध पत्थर, 5 ठेवी और 193.97 टन अवैध बजरी
- वाहन जब्त: 90
पुलिस की अपील: पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे अवैध खनन या बजरी परिवहन की किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें. इससे इस गैरकानूनी कारोबार को रोकने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को भी बचाया जा सकेगा.