जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने शारीरिक शिक्षा में फर्जी दस्तावेजों के साथ नौकरी लगने वाले राजकीय कर्मचारियों पर बड़ा फैसला लिया है. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय नौकरी पाने वाले 134 पीटीआई को सरकार ने नौकरी से बाहर कर दिया है. इतना ही नहीं फर्जीवाड़े में सहयोग करने वाले अन्य पांच राजकीय कर्मचारियों को भी सरकारी सेवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि अभी और भी जांच जारी है. एक हो चाहे 10 हजार अभ्यर्थी, जो भी फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लगे हैं, उन सबको न केवल सेवा से बर्खास्त किया जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. दिलावर ने बताया कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय कई भर्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ था. फर्जी दस्तावेजों से नौकरियां दी गई थी. जिन-जिन भी भर्तियों की शिकायत आई है, उन सब पर सरकार जांच एजेंसी के जरिए जांच करवा रही है. इसी कड़ी में शारीरिक शिक्षक भर्ती मामले में भी शिकायत आई थी, जिसकी जांच एसओजी ने की है.
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243 में से 134 अभ्यर्थियों के खिलाफ आरोप साबित: प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में 243 शारीरिक शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेज के साथ नौकरी प्राप्त की थी. इनमें से 134 अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है और शिकायत सही पाई गई है. इसके बाद इन सभी 134 शारीरिक शिक्षकों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही इसी भर्ती में 19 अभ्यर्थियों ने जांच के डर से ज्वाइन नहीं किया है और 10 अभ्यर्थियों की नियुक्ति होना बाकी थी. उनकी नियुक्ति पर सरकार ने रोक लगा दी.
फर्जीवाड़े में शामिल सरकारी कर्मचारी भी बर्खास्त: दिलावर ने कहा कि इस मामले में न केवल फर्जी दस्तावेज के साथ नौकरी पाने वाले शारीरिक शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है, बल्कि जो इस फर्जी दस्तावेज में संलिप्त रहे है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. प्रारंभिक रूप से पांच राजकीय कर्मचारियों को फर्जीवाड़ा में संलिप्त मानते हुए राजकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है. दिलावर ने कहा कि एक हो चाहे 10 हजार लोग, जिसने भी फर्जीवाड़े से नौकरी प्राप्त की, उस पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अभी एसओजी जांच कर रही है, जांच के दायरे में और भी शारीरिक शिक्षक हैं, जैसे-जैसे जांच पूरी होगी और फर्जीवाड़ा साबित होगा. वैसे वैसे उन्हें भी नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. इसके अलावा इन पर कानूनी कार्रवाई भी होगी.
कांग्रेस सरकार ने रेवड़ियां बांटी: मंत्री दिलावर ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि उसने इस तरह से भर्ती की, जैसे रेवड़ियां बांट रहे हों. भरपूर भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन जो भी पाप उन्होंने किए हैं. उन सबको हम एक-एक करके निकालेंगे. मंत्री ने कहा कि फर्जीवाड़े में शामिल अभ्यर्थियों को भविष्य में किसी अन्य सेवा में भी मौका नहीं मिलेगा. सरकार की ओर से इनके खिलाफ अनुशंसा की जाएगी.
स्कूल बंद नहीं, मर्ज किए हैं: पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से स्कूलों को बंद करने को लेकर दिए जा रहे बयान पर दिलावर ने कहा कि स्कूल बंद नहीं किए गए, उन्हें मर्ज हुए हैं. दिलावर ने कहा कि डोटासरा को शर्म आनी चाहिए कि उनकी सरकार अंग्रेजी विद्यालयों में टीचर नहीं लगा सकी. मुझे ऐसे लोगों से कहना है वह तुम्हारी निर्लज्जता थी कि आपने हिंदी विद्यालय पर अंग्रेजी स्कूल का बोर्ड लटका दिया.कांग्रेस के लोग ऐसे कह रहे हैं जैसे 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'. दिलावर ने कहा कि हम भर्ती कर रहे हैं. अगले 2 साल में सभी पदों पर भर्ती की जाएगी, कोई भी पद खाली नहीं रखा जाएगा.
243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री से हासिल की थी नौकरीः बता दें कि साल 2022 में 5546 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. इसमें 12वीं तक की पढ़ाई, शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र या डिप्लोमा की जरूरत थी. पीटीआई भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की डिग्री और अन्य डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन किया गया, इसमें कई दस्तावेज फर्जी या मिस मैच पाए गए. दिलावर ने बताया कि चयनित 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज में विसंगतियां पाई गईं, जांच में यह भी पता चला कि कई ऐसे लोगों ने भी नौकरी हासिल कर ली थी, जिन्होंने केवल 8वीं तक की पढ़ाई की थी. 243 अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और दस्तावेजों के जरिए नियुक्ति हासिल की थी. इनकी लिस्ट शिक्षा विभाग को भेजी गई थी, इसके बाद अब शिक्षा विभाग ने 134 के खिलाफ कार्रवाई की है. दिलावर ने कहा कि अभी जांच एजेंसी जांच कर रही है. जल्द ही और भी कई पर कार्रवाई होगी.