जोधपुर. अवैध रूप से ले जाए जा रहे बजरी से भरे डंपर को छोड़ने की एवज में रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी ने गत 8 मई को बासनी थाने के सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. उस मामले में बासनी थाने में तैनात हैड कांस्टेबल तेजाराम मेघवाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई थी. जिसके बाद से हैड कांस्टेबल तेजाराम अभी तक एसीबी की पकड़ से दूर है. साथ ही एसीबी के अधिकारी साक्ष्य जुटाने और जांच करने की बात कर रहे हैं. जबकि हैड कांस्टेबल तेजाराम की राजस्थान हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है.
आरोपी सब इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने भी मामले में फरार हैड कांस्टेबल की गिरफ्तारी नहीं होने पर एसीबी के अधिकारियों को फटकार लगाई थी. साथ ही इस मामले में बासनी के तत्कालीन थानाधिकारी संजय बोथरा की भी भूमिका संदिग्ध पाई थी, लेकिन एसीबी के उच्च अधिकारियों का कहना है कि बजरी मामले में थानाधिकारी संजय बोथरा के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.
इसमें अगर तत्कालीन थानाधिकारी संजय बोथरा के खिलाफ पुख्ता सबूत पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. वहीं तत्कालीन बासनी थानाधिकारी संजय बोथरा मेडिकल अवकाश पर चल रहे हैं. एसीबी द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. एसीबी द्वारा पूछताछ करने के लिए तत्कालीन थानाधिकारी संजय बोथरा को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन उसके बावजूद भी संजय बोथरा एसीबी के समक्ष पेश नहीं हुए.