जोधपुर. जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में लाठीचार्ज के बाद से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इसी कड़ी में दसवें दिन ABVP छात्रों ने यूनिर्वसिटी के सभी कार्यालयों से कर्मचारियों को निकलवाकर सभी जगह काम बंद करवा दिया.
बता दें कि JNVU में 3 फरवरी को छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को विद्यालय की रजिस्ट्रार चंचल वर्मा का भी घेराव कर जमकर नारेबाजी की गई. विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि वे पिछले 10 दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन उसके बावजूद भी विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं आया. साथ ही उनकी किसी भी मांगों पर अभी तक पूर्णतया सहमत ही नहीं हुई है. जिसके चलते वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के महामंत्री ने बताया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी, तब तक वह लोग धरने पर बैठे रहेंगे.
ये है प्रमुख मांगे
- कोरोना काल के दौरान जिन विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति खराब है, उन्हें राज्य सरकार की ओर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाए
- सभी विद्यार्थियों की 50 % फीस माफ की जानी चाहिए
- 39 बीघा जमीन जेडीए प्रशासन को नहीं दी जाएगी इस आदेश को विश्वविद्यालय प्रशासन लिखित में उपलब्ध कराया जाए
- शोध विद्यार्थियों के लिए छात्रावास के लिए इस भूमि को उपलब्ध कराया जाए
- लाठीचार्ज के विरोध में कुलपति सभी विद्यार्थिों से माफी मांगे और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई हो
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साथ ही छात्रों की मांग है कि 2013 के अयोग्य बर्खास्त 28 शिक्षकों की नियुक्त निरस्त की जाए. जिससे युवाओं में विश्वविद्यालय की नियुक्ति प्रक्रिया और उसकी पारदर्शिता तय हो. नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता पूर्ण हो. BA प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को उनके इच्छा अनुसार विषय दिए जाएं और उनकी फीस रिफंड की जाए. कला संकाय के विद्यार्थियों के लिए नया परिसर में हॉस्टल की व्यवस्था की जाए. TEQIP फैकल्टी, जो एमएचआरडी की ओर से एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्ति की गई थी. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उनकी स्थाई नियुक्ति की जाए. स्वर्ण पदक विजेता विद्यार्थियों को पूर्व उचित मूल्य का स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएं. इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र की अवधि (180 दिन) तय हो. विश्वविद्यालय परिसर को पूर्ण तरह अतिक्रमण मुक्त किया जाए.