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पाक विस्थापित हिन्दुओं को भारत छोड़ने का नोटिस, बोले- मर जाएंगे लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जाएंगे

पाकिस्तान से 6 साल पहले जोधपुर आए एक परिवार को सीआईडी ने गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए भारत छोड़ने का नोटिस थमा दिया, साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए हैं. जिसके चलते अब इस परिवार पर एक तरह की मुसीबत सी आ गई है. वहीं, परिवार की महिलाओं का कहना है कि वो मर जाएंगे लेकिन पाकिस्तान नहीं जाएंगे.

पाकिस्तान से आए परिवार के 6 सदस्यों को भारत छोड़ने का नोटिस, 6 family members from Pakistan notice to leave India
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Published : Nov 21, 2019, 11:20 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 11:33 PM IST

जोधपुर. पाकिस्तान के राहमियार जिले के एक गांव में रहने वाला परिवार 6 साल पहले पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से परेशान होकर जोधपुर पहुंचा. लेकिन इतने साल बाद भी उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई. परिवार का आरोप है कि जिला प्रशासन और सीआईडी ने उन्हें नागरिकता देने के नाम पर जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता कभी नहीं दी.

पाक विस्थापित हिन्दुओं को भारत छोड़ने का नोटिस

जिसके बाद सीआईडी ने एक बार फिर परिवार को नागरिकता देने के लिए जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता की जगह परिवार के 6 सदस्यों को भारत छोड़ने का नोटिस थमा दिया. साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए. परिवार के 19 लोगों में से 6 ऐसे सदस्यों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है जो पूरे परिवार का लालन-पालन करते हैं. जिसके चलते अब इस परिवार पर एक तरह की मुसीबत सी आ गई है.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: देश भर से पुलवामा हमले में शहीद जवानों की मिट्टी इकठ्ठा कर रहा है उमेश

पाकिस्तान से टुकड़ों में यह परिवार जोधपुर की वीजा पर आया था. लेकिन काम के लिए जैसलमेर के नाचना में बस गया. इसे वीजा नियम का उल्लंघन बताते हुए सीआईडी सीबी ने डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, परिवार की महिलाओं का कहना है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार को छोड़कर वो भारत आए, लेकिन अब यहां का प्रशासन उन्हें जबरन पाकिस्तान भेजने पर तुला हुआ है.

महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वह सभी मर जाएंगे लेकिन किसी भी सूरत में ना तो अपने पति और परिवार के लोगों को पाकिस्तान जाने देंगे और ना ही वह खुद पाकिस्तान जाएंगे. जिन 6 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस मिला है उसमें काजल का भी नाम शामिल है. बता दें कि काजल का यहां रिश्ता भी हो गया है लेकिन अब उसे अपने पिता के साथ भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.

पढ़ें- आर्थिक हालात खराब तभी केन्द्र सरकार बेचने जा रही नवरत्न कंपनियां, कांग्रेसी इसके विरोध में उतरेंगे सड़क पर

परिवार ने सरकार से गुहार लगाई है कि वह उन्हें अपनों के पास हिंदुस्तान में ही रहने दे. गुरुवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट में यह पूरा परिवार रोता बिलखता नजर आया. अपने परिवार से बिछड़ने का दुख क्या होता है, ये इन महिलाओं और मासूम बच्चों को देख कर पता चल सकता है. यह परिवार 6 साल पहले इस उम्मीद और आशाओं के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आया था कि कम से कम पाकिस्तान में होने वाले धार्मिक, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से वह बच सकेगा.

भारत में परिवार के मुखिया सहित 19 सदस्य पिछले 6 साल से जोधपुर और जैसलमेर के इलाके में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे, लेकिन अचानक सीआईडी जोधपुर ने गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए परिवार के मुखिया, कमाऊ बेटों और एक बेटी पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने का फरमान जारी कर दिया. अब यह पीड़ित परिवार सीआईडी कार्यालय, जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहा है. वहीं, पूरे मामले में सीआईडी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.

जोधपुर. पाकिस्तान के राहमियार जिले के एक गांव में रहने वाला परिवार 6 साल पहले पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से परेशान होकर जोधपुर पहुंचा. लेकिन इतने साल बाद भी उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई. परिवार का आरोप है कि जिला प्रशासन और सीआईडी ने उन्हें नागरिकता देने के नाम पर जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता कभी नहीं दी.

पाक विस्थापित हिन्दुओं को भारत छोड़ने का नोटिस

जिसके बाद सीआईडी ने एक बार फिर परिवार को नागरिकता देने के लिए जोधपुर बुलाया लेकिन नागरिकता की जगह परिवार के 6 सदस्यों को भारत छोड़ने का नोटिस थमा दिया. साथ ही उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए. परिवार के 19 लोगों में से 6 ऐसे सदस्यों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है जो पूरे परिवार का लालन-पालन करते हैं. जिसके चलते अब इस परिवार पर एक तरह की मुसीबत सी आ गई है.

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पाकिस्तान से टुकड़ों में यह परिवार जोधपुर की वीजा पर आया था. लेकिन काम के लिए जैसलमेर के नाचना में बस गया. इसे वीजा नियम का उल्लंघन बताते हुए सीआईडी सीबी ने डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, परिवार की महिलाओं का कहना है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार को छोड़कर वो भारत आए, लेकिन अब यहां का प्रशासन उन्हें जबरन पाकिस्तान भेजने पर तुला हुआ है.

महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वह सभी मर जाएंगे लेकिन किसी भी सूरत में ना तो अपने पति और परिवार के लोगों को पाकिस्तान जाने देंगे और ना ही वह खुद पाकिस्तान जाएंगे. जिन 6 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस मिला है उसमें काजल का भी नाम शामिल है. बता दें कि काजल का यहां रिश्ता भी हो गया है लेकिन अब उसे अपने पिता के साथ भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.

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परिवार ने सरकार से गुहार लगाई है कि वह उन्हें अपनों के पास हिंदुस्तान में ही रहने दे. गुरुवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट में यह पूरा परिवार रोता बिलखता नजर आया. अपने परिवार से बिछड़ने का दुख क्या होता है, ये इन महिलाओं और मासूम बच्चों को देख कर पता चल सकता है. यह परिवार 6 साल पहले इस उम्मीद और आशाओं के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आया था कि कम से कम पाकिस्तान में होने वाले धार्मिक, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से वह बच सकेगा.

भारत में परिवार के मुखिया सहित 19 सदस्य पिछले 6 साल से जोधपुर और जैसलमेर के इलाके में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे, लेकिन अचानक सीआईडी जोधपुर ने गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए परिवार के मुखिया, कमाऊ बेटों और एक बेटी पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने का फरमान जारी कर दिया. अब यह पीड़ित परिवार सीआईडी कार्यालय, जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहा है. वहीं, पूरे मामले में सीआईडी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.

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Body:वीजा नियम का उल्लंघन के आधार पर 6 पाक विस्थापित हिन्दुओ को भारत छोड़ने का नोटिस
जोधपुर।
पाकिस्तान के राहमियार जिले के गांव में रहने वाला परिवार 6 साल पहले पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर परिवार के साथ जोधपुर पहुंचा, लेकिन परिवार का आरोप है कि इतने सालों में कई बार जिला प्रशासन व सीआईडी ने उन्हें नागरिकता देने के नाम पर जोधपुर बुलाया लेकिन कभी नागरिकता नहीं दी और अब अचानक नागरिकता के नाम पर एक बार सीआईडी नहीं आ जोधपुर बुलाया और परिवार के छह सदस्यों को भारत छोड़ने का नोटिस थमा दिया साथ ही उन लोगों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए परिवार के 19 लोगों में से 6 ऐसे सदस्यों को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है जो पूरे परिवार का लालन पालन करते हैं इसके चलते अब इस परिवार पर एक तरह की मुसीबत सी आ गई है।
पाकिस्तान से टुकड़ों में यह परिवार जोधपुर की वीजा पर आया था लेकिन काम के लिए जैसलमेर के नाचना में बस गया। इसे वीजा नियम का उल्लंघन बताते हुए सीआईडी सीबी ने डिपोर्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस परिवार के 19 सदस्य है।   परिवार की महिलाओं ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार को छोड़कर  भारत में आए, लेकिन अब यहां का प्रशासन उन्हें जबरन पाकिस्तान भेजने पर तुला हुआ है। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वह मर जाएंगे लेकिन किसी भी सूरत में ना तो वह अपने पति और परिवार के लोगों को पाकिस्तान जाने देंगे और ना ही वह खुद पाकिस्तान जाएंगे। जिन 6 लोगों को भारत छोड़ने का नोटिस मिला है उसमें काजल का भी नाम शामिल है काजल का यहां रिश्ता भी हो गया है लेकिन अब उसे अपने पिता के साथ भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।  परिवार ने सरकार से गुहार लगाई है कि वह उन्हें अपनो के साथ हिमदुस्तान में ही रहने दे। गुरुवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट में यह पूरा परिवार होता गलत था नजर आया इन्हें देख कर लगता है कि आंखों में आंसू और परिवार से बिछड़ने का दुख क्या होता है।  इन महिलाओं और इन मासूम से बच्चों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। यह परिवार  6 साल पहले इस उम्मीद और आशाओं के साथ पाकिस्तान छोड़कर भारत आया था कि कम से कम पाकिस्तान में होने वाले धार्मिक, शारीरिक मानसिक प्रताड़ना से वह बच सके।  आगे का जीवन अपने बच्चों और परिवार के साथ शांति व शकुन से गुजार सके । भारत में परिवार के मुखिया सहित 19 सदस्य पिछले 6 साल से जोधपुर और जैसलमेर के इलाके में अपने रिश्तेदारों के यहां रहकर मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे, लेकिन अचानक सीआईडी जोधपुर ने गृह मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए परिवार के मुखिया और कमाऊ बेटों और एक बेटी पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से भारत छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। अब यह पीड़ित परिवार सीआईडी कार्यालय जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहा है।   इधर इस मामले में सीआईडी के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।

बाईट1 -सुंदर, पाक विस्थापित, जोधपुर
बाईट2 -सुंदर की भाभी, पाक विस्थापित

बाईट3 - काजल, पाक विस्थापित,जोधपुर
बाईट-4 काजल की माँ, पाक विस्थापित,जोधपुर



Conclusion:
Last Updated : Nov 21, 2019, 11:33 PM IST
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