भोपालगढ़ (जोधपुर). जिले की भोपालगढ पुलिस ने थाने में 3 जून को यूथ कांग्रेस के चार राष्ट्रीय पदाधिकारियों के खिलाफ नाड्सर गांव निवासी एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव और यूथ कांग्रेस के डेलिकेट सदस्य रामचंद्र जलवानिया की रिपोर्ट पर दर्ज मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी. यानी की पुलिस की नजर में ये मामला जांच योग्य नहीं है, इसलिए अंतिम रिपोर्ट लगाकर इसे बंद कर दिया गया है.
इधर मामला दर्ज करवाने वाले रामचंद्र जलवानिया के खिलाफ भी युवक कांग्रेस ने कार्रवाई करते हुए प्राथमिक सदस्यता से उन्हें निलंबित कर दिया है. रामचंद्र जलवानिया ने बताया कि पुलिस ने बिना मामले की जांच किए ही एफआर लगा दी है, जबकि न तो मेरे बयान हुए और ना ही मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे गए. उन्होंने ने बताया कि वो इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे जिससे कि मामले की पूरी जांच हो सके.
रामचंद्र ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास, कृष्णा अलोवरो, तरुण त्यागी और जगदीप संधू पर भारतीय युवा कांग्रेस में सदस्य बनाने हेतु सदस्यता शुल्क के नाम पर राज्य भर से ₹6 करोड़ 25 लाख से अधिक राशि वसूलने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी थी, जिस पर पुलिस ने मामले दर्ज किया था, लेकिन 7 दिन में ही मामले पर एफआर लगा दी गई. जलवानिया का आरोप है कि दबाव के चलते इस मामले पर एफआर लगा दी गई.
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रामचंद्र जलवानिया के अनुसार उसने अपने क्षेत्र में युवा कांग्रेस के सदस्य बनाने के लिए 4 लाख 88 हजार 725 रुपए शुल्क जमा करवाया, लेकिन राजस्थान के यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के लिए ऑनलाइन वोटिंग करवाई गई. एक अध्यक्ष बनाने के बाद फिर बदला गया, जो दर्शाता है कि चुनाव प्रक्रिया में धांधली हुई थी. जलवानिया के अनुसार अभी तक कई जिलों के अध्यक्ष का चुनाव भी अटका हुआ है. ऐसे में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान युवा कांग्रेस के चुनाव में पहले प्रदेश अध्यक्ष के लिए सुमित भगासरा की घोषणा की गई थी. उसके बाद एक बार फिर चुनाव परिणाम बदलते हुए लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई थी. इसके बाद से इस चुनाव को लेकर विवाद चल रहा है.