जोधपुर. ट्रॉमा में उपचार की नई तकनीक और वर्तमान समय में ऑपरेशन के बदलते तरीकों की जानकारी देने के लिए जिले में जोधपुर एसोसिएशन ऑफ ऑर्थोपेडिक्स की अगुवाई में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस शुरू हुई है.
इस कॉन्फ्रेंस में देश के नामी ऑर्थोपेडिक सर्जन के साथ-साथ अमेरिका सहित अन्य देशों से भी एक दर्जन से ज्यादा विशेषज्ञों ने भाग लिया है, जो 3 दिनों तक ऑर्थोपेडिक जगत के अंदर उपचार की नई तकनीकों पर मंथन करेंगे और डॉक्टर स्कोर विशेषज्ञता से रू-ब-रू करवाएंगे.
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डॉ. एसएन मेडिकल के ऑर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण वैश्य ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस सभी डॉक्टर्स के लिए बहुत उपयोगी है. पहले दिन एल्बो और शोल्डर ट्रीटमेंट पर डिस्कशन हुआ. डॉ. किशोर रायचंदानी ने बताया कि कांफ्रेंस के डिस्कशन में सामने आ रहा है कि लाइफस्टाइल बदल रही है और जिस गति से वाहन चल रहे हैं फ्रैक्चर के रूप बदल रहे हैं, कॉम्प्लिकेटेड फ्रैक्चर सामने आ रहे हैं.
ऐसे में उन फ्रैक्चर्स को ऑपरेट करके तैयार करना और मरीज को सामान्य जीवन देने के लिए डॉक्टर्स नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं. देश के जाने-माने ऑर्थो सर्जन डॉक्टर जी एस कुलकर्णी ने कहा कि रोमा सोसाइटी सरकार को समय-समय पर सजेशन भी देती है कि किस तरह से रोमा के उपचार पर बदलाव किया जाए. इसके कोर्स को मॉडिफाई किया जाए, जिससे डॉक्टर को उपचार में आसानी हो. उन्होंने कहा कि भारत सड़क दुर्घटनाओं के मामले में नंबर वन है, जो बहुत बड़ी चुनौती बन चुका है. वहीं, इस राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का रविवार को समापन होगा.