झुंझुनू. जाकिर सिद्दीकी वो शख्स है. जो कैंसर से लड़ाई जीतकर वापस लौटे हैं. अब वो किसी भी व्यक्ति को पान मसाला और सिगरेट पीते हुए देखते हैं तो वे उसके पास जाकर कहते हैं कि इन सब का सेवन करने से पहले आप एक बार मेरा चेहरा तो देख लो, लोगों को मशविरा देते है कि मैं तो मेडिकल फील्ड से जुड़ा हुआ था, इसलिए शायद उत्पादों के सेवन से होने वाले कैंसर से जैसे-तैस जीत भी पाया, लेकिन यदि आप इसका शिकार बने तो हो सकता है कि आपका चेहरा इसी तरह से गल जाएगा और एक दिन आप धीरे-धीरे मौत के मुंह में जाएंगे और वह मौत भी बहुत दर्दनाक होगी.
ऐसा शौक जिसने दर्द और चेहरे को बिगाड़ा
दवा कंपनी से जुड़े मोहल्ला इमाम नगर के जाकिर सिद्दीकी ने बताया कि बचपन में शौक के तौर पर पान मसाला खाना शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इस की लत सी लग गई. उन्होंने बताया कि खाना भूल जाते, लेकिन तंबाकू, पान मसाला उनके लिए जरूरी हो गया था, नहीं मिलने पर बेचैन हो जाते थे. रात में कभी पान मसाला नहीं होने पर गाड़ी लेकर दुकान तलाशने के लिए निकल जाते थे. कहीं से उन्हें एक पैकेट मिल जाता तो समझो रात निकल जाएगी. उन्होंने बताया कि 1 दिन मुंह में छोटा छाला हुआ लगातार इलाज के बावजूद भी ठीक नहीं हुआ तो परेशान हो गए 3-4 और छाले होने पर जांच करवाने चिकित्सक के पास पहुंचे तो बायोप्सी कराने की सलाह दी.
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जांच रिपोर्ट आने पर फूटी रुलाई
जाकिर ने बताया कि रिपोर्ट में कैंसर होने की जानकारी लगने पर उनकी रुलाई फूट गई. यह बात घर आकर बताई तो सभी अनिष्ट की आशंका को देखते हुए परेशान हो गए, लेकिन इस परेशानी के वक्त में उनकी मां, पत्नी, रिश्तेदार, मित्रों ने उन्हें हौसला बंधाया. उन्होंने बताया कि कैंसर का इलाज करवाया इसके बाद से अब तक स्वस्थ है. हालांकि ऑपरेशन के बाद चेहरे में बदलाव आ गया, ऑपरेशन के बाद चीजें निगलने में काफी दिक्कत होती है.
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चेहरा दिखाकर करते हैं नशा छोड़ने के लिए प्रेरित
जाकिर बताते है कि ठीक होने के बाद लोगों को इस व्यसन को छुड़वाने का मकसद बनाया. इसकी शुरुआत पहले घर से की, उसके बाद में अभी तक करीब 300 से अधिक लोगों को प्रेरित कर नशा छुड़वाने में कामयाब रहे. तंबाकू, पान मसाला खाने वालों को स्वयं का चेहरा दिखाकर लत को छोड़ने के लिए कहते हैं, लोगों को तंबाकू जनित उत्पादों के दुष्परिणामों के बारे में भी बताते हैं. समय-समय पर स्कूल कॉलेजों में जागरूकता शिविर लगाते हैं.