झुंझुनूं. जिले में आवश्यक सेवाओं से जुड़े सरकारी कर्मचारियों, राशन डीलर और स्वयं सेवकों को संक्रमण से बचाने के लिए 50 लाख रुपये की लागत से कपड़े के मास्क बनवाकर वितरित किए जाएंगे. लॉकडाउन के शुरू होते ही विधायक कोष और आपदा प्रबंधन कोष से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से 20 लाख के मास्क खरीदवाए गए थे. लेकिन वो मास्क केवल एक बार ही उपयोग में आते थे. जिसको देखते हुए प्रशासन ने इस बार स्थानीय स्तर पर कपड़े के टिकाऊ मास्क बनाने का निर्णय लिया है.
चार लाख मास्क का लक्ष्यः
पिछले एक सप्ताह से मास्क की बढ़ती मांग को देखते हुए जिला खनिज विकास मद ने 24 लाख रुपये इस मद में स्वीकृत किए हैं. जिला परिषद भी 26 लाख रुपये खर्च कर अगले एक सप्ताह में जिले की महिला स्वयं सहायता समूहों से 4 लाख मास्क तैयार करवाएगा. जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट ने बताया कि, लॉकडाउन के दौरान स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार और आर्थिक सहायता देने के लिये 50 लाख रुपये के कपड़े के मास्क तैयार करवाने का निर्णय लिया गया है.
पढ़ेंः जयपुर में केंद्र से आई टीम ने लिया कोरोनाग्रस्त इलाकों का जायजा
15 रुपये तक प्रति मास्क का किया जा सकेगा भुगतानः
जिले की तीनों स्तर की पंचायती राज संस्थाओं को उनके क्षेत्र के स्वयं सहायता समूहों से प्रत्येक ब्लॉक में 50 हजार मास्क तैयार करवाने का लक्ष्य दिया गया है. यदि किसी महिला स्वयं सहायता समूह ने अपने स्तर पर मास्क तैयार कर रखे हैं तो, निकटतम ग्राम पंचायत या पंचायत समिति में मास्क सुपुर्द कर अधिकतम 15 रुपये प्रति मास्क तत्काल भुगतान प्राप्त कर सकती हैं. जिला स्तर पर महिला स्वयं सहायता संगठन की अध्यक्ष आबिदा बानो ने 11 हजार मास्क जिला परिषद को सुपुर्द कर इसकी पहल कर दी है. साथ ही सभी कामकाजी महिला समूहों को अपने घर पर अधिकाधिक मास्क बनाने के लिए कहा गया है, ताकि उनको रोजगार मिल सके और करुणा से इस संकट की घड़ी में समाज को लड़ने में मदद भी मिले.