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बारिश ने वन्यजीव गणना के आंकड़ों को भी 'धोया', जानें कैसे

कोरोना संक्रमण के चलते वन्यजीवों की गणना एक महीना देरी से गई. इस काम के लिए करीब डेढ़ सौ लोग लगातार वाॅच टावर, पेड़ों पर बनाए मचान वाटर पॉइंट पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए. बता दें कि कर्मचारियों ने बड़ के नीचे बैठकर वन्यजीवों की गणना की.

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Published : Jun 6, 2020, 6:40 PM IST

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क्षेत्र में बरसात के कारण नहीं दिख पैंथर

झुंझुनू. कोरोना महामारी की वजह से वन्यजीव गणना एक माह की देरी और बारिश होने की वजह से सही तरीके से नहीं हो पाई है. विभाग की ओर से की गई वन्यजीव गणना में केवल 6 ही पैंथर पाए गए हैं, जबकि पग मार्क व अन्य तरीकों से माना जा रहा है कि झुंझुनू जिले में करीब 15 के आसपास पैंथर हैं.

क्षेत्र में बरसात के कारण नहीं दिख पैंथर

बता दें कि वन्यजीव गणना में करीब 150 लोग लगातार वॉच टावर, पेड़ों पर बनाए मचान से वाटर पॉइंट पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए थे. खेतड़ी के बांसियाल क्षेत्र में पैंथर देखने की उम्मीद रही, लेकिन बरसात ने इस उम्मीद को पूरा नहीं होने दिया.

यह जानवर जरूर दिखे...

हालांकि मनसा माता क्षेत्र में भेड़िए, जंगली सूअर, कदम कुंड के पास बिज्जू, मलसीसर क्षेत्र में चिंकारा सहित जिले भर में मोर, बंदर, नीलगाय, खरगोश, जरख, गीदड़ दिखाई दिए. 75 वाटर पॉइंट पर पूरी चौकसी से निगरानी की गई. खेतड़ी क्षेत्र में पैंथर के मूवमेंट पर नजर रखी गई. वहीं क्षेत्र में बरसात के कारण दिन भर में एक भी पैंथर नजर नहीं आया. जिसके बाद सोचा गया कि वो पानी पीने के लिए रात के समय में आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और क्षेत्र में गूंजी गुर्राहट से ही उनके होने का अनुमान लगाया गया.

यह भी देखें : जेल में खेल: अलवर कारागार में सजा नहीं मौज काट रहे कैदी!, देखिए भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा

बड़ के नीचे बैठकर भी की गणना...

वहीं, इंद्रपुरा 7 वाटर पॉइंट पर वन विभाग के कार्मिकों ने वन्यजीव गणना जारी रखी. इस दौरान डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने वाटर पॉइंट पर अवलोकन किया. वहीं, बाघोली केवन विभाग के कार्मिकों ने क्षेत्र में बाघोली की वन चौकी व खोह मनसा माता पुराना बालाजी मंदिर के पास दोनों वाटर पॉइंट पर आए वन्यजीवों को गिना. बता दें कि कर्मचारियों ने बड़ के नीचे बैठकर वन्यजीवों की गणना की.

झुंझुनू. कोरोना महामारी की वजह से वन्यजीव गणना एक माह की देरी और बारिश होने की वजह से सही तरीके से नहीं हो पाई है. विभाग की ओर से की गई वन्यजीव गणना में केवल 6 ही पैंथर पाए गए हैं, जबकि पग मार्क व अन्य तरीकों से माना जा रहा है कि झुंझुनू जिले में करीब 15 के आसपास पैंथर हैं.

क्षेत्र में बरसात के कारण नहीं दिख पैंथर

बता दें कि वन्यजीव गणना में करीब 150 लोग लगातार वॉच टावर, पेड़ों पर बनाए मचान से वाटर पॉइंट पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए थे. खेतड़ी के बांसियाल क्षेत्र में पैंथर देखने की उम्मीद रही, लेकिन बरसात ने इस उम्मीद को पूरा नहीं होने दिया.

यह जानवर जरूर दिखे...

हालांकि मनसा माता क्षेत्र में भेड़िए, जंगली सूअर, कदम कुंड के पास बिज्जू, मलसीसर क्षेत्र में चिंकारा सहित जिले भर में मोर, बंदर, नीलगाय, खरगोश, जरख, गीदड़ दिखाई दिए. 75 वाटर पॉइंट पर पूरी चौकसी से निगरानी की गई. खेतड़ी क्षेत्र में पैंथर के मूवमेंट पर नजर रखी गई. वहीं क्षेत्र में बरसात के कारण दिन भर में एक भी पैंथर नजर नहीं आया. जिसके बाद सोचा गया कि वो पानी पीने के लिए रात के समय में आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और क्षेत्र में गूंजी गुर्राहट से ही उनके होने का अनुमान लगाया गया.

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बड़ के नीचे बैठकर भी की गणना...

वहीं, इंद्रपुरा 7 वाटर पॉइंट पर वन विभाग के कार्मिकों ने वन्यजीव गणना जारी रखी. इस दौरान डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने वाटर पॉइंट पर अवलोकन किया. वहीं, बाघोली केवन विभाग के कार्मिकों ने क्षेत्र में बाघोली की वन चौकी व खोह मनसा माता पुराना बालाजी मंदिर के पास दोनों वाटर पॉइंट पर आए वन्यजीवों को गिना. बता दें कि कर्मचारियों ने बड़ के नीचे बैठकर वन्यजीवों की गणना की.

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