खेतड़ी/झुंझुनूं. बड़ाऊ के सामुदायिक अस्पताल में घायल युवक को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने बुधवार को अस्पताल में विरोध प्रर्दशन (Villagers protest against poor ambulance system) किया. इस दौरान ग्रामीणों ने एंबुलेंस कर्मचारियों व अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की. विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि एंबुलेंस सामुदायिक अस्पताल में होते हुए भी किसी काम की नहीं है. एंबुलेंस में ड्राइवर नहीं है और रखरखाव पर ध्यान नहीं देने के चलते टायरों मे हवा भी नहीं रहती है. इसलिए अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस का आमजन को लाभ नहीं मिल पा रहा है.
सरपंच जितेंद्र चावरिया ने बताया मोती (31) पुत्र जमील खान अरड़ावता में टाइल का काम करता था. मंगलवार रात को वह बाइक पर अपने घर जा रहा था. इस दौरान उसका अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट हो गया. इसमें वह घायल हो गया. घायल अवस्था में उसे बड़ाऊ के सामुदायिक अस्पताल ले जाया गया. हालत गंभीर होने पर उसे झुंझुनू रेफर किया गया. लेकिन एंबुलेंस में न तो ड्राइवर था न इसके टायरों में हवा थी. एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिजन निजी गाड़ी से घायल मोती को झुंझुनूं लेकर गए. इस दौरान बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.
घटना की सूचना पर बीसीएमओ डॉ हरीश यादव मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने सीएचसी प्रभारी को एमआरएस की मीटिंग लेकर दो ड्राइवर 24 घंटे उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसके बाद ग्रामीणों से सहमति बनी. इस संबंध में अस्पताल प्रभारी डॉ रजनीश कुमावत ने बताया कि घायल अवस्था में एक व्यक्ति को अस्पताल लाया गया था. जिसको प्राथमिक उपचार देकर हालत गंभीर होने पर उसे झुंझुनू रेफर किया गया था. परिजन अपनी गाड़ी में लेकर चले गए थे.