झुंझुनू. कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ग्राम पंचायत भारू के गांवों में प्रचार के लिए निकली हैं. हालांकि, यहां भी कोई एकतरफा मुकाबला नहीं है, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी सुशीला सिगड़ा को भी वोट जाएंगे. राजनीतिक रूप से ये ग्राम पंचायत बेहद जागरूक रही है, क्योंकि डॉ. चंद्रभान और रामनारायण चौधरी तो कई बार मंत्री रहे हैं. इसके अलावा भी कई राजनीतिक पद इस पंचायत के लोगों के खाते में रहे हैं.
इसी ग्राम पंचायत के हरदेव सिंह भरो जिला प्रमुख भी रहे. ऐसे में हमने कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी से जाना कि वे इस बारे में क्या सोचती हैं. इस ग्राम पंचायत ने कांग्रेस को दो प्रदेशाध्यक्ष दिए हैं और उनमें से एक डॉक्टर चंद्रभान अभी कुछ दिनों पहले यहां से प्रचार कर कांग्रेस प्रत्याशी को जीताने की अपील करके गए हैं तो वहीं दूसरे प्रदेशाध्यक्ष स्वर्गीय राम नारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी भी इस बार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में है.
रीटा ने कहा कि ये मेरा अपना गांव है. यहां के लोगों को जुनून और उत्साह दिख रहा है. ये चुनाव यहां की जनता का है और ये इसे बखूबी लड़ रहे हैं. रीटा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि परिणाम अच्छा ही होगा. मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के चुनाव में भागीदारी नहीं होने से जुड़ा सवाल पूछने पर रीटा ने कहा कि जब जरूरत होगी वे खुद यहां आ जाएगें. मैं अभी भी उनसे फोन के जरिए सलाह लेती रहती हूं.
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दोनों विधायक प्रत्याशी एक ही पंचायत और एक ही गांव के थे
इस ग्राम पंचायत भारू और इसके गांव हेतमसर की यह भी खास बात रही है कि एक समय ऐसा भी था कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी एक ही गांव और एक ही पंचायत के रहने वाले थे. तब कांग्रेस से हेतमसर गांव के रामनारायण चौधरी चुनाव लड़ रहे थे. इस दौरान भाजपा और इनेलो का गठबंधन हुआ था. इस गठबंधन के तहत हेतमसर गांव के ही संजीव कस्वां को इनेलो का टिकट मिला. हालांकि इसमें कांग्रेस के रामनारायण चौधरी को ही जीत मिली थी. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस गांव की निवासी कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी का भाग्य विधायकी में खुलता है या नहीं.