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झुंझुनू: जिला कोर्ट में आखिर क्यों मचा हड़कंप....पूरी खबर देखिए - राजस्थान खबर

झुंझुनू जिला न्यायालय में प्रशासन की टीम के जांच के लिए पहुंचने पर हड़कंप मच गया. इस टीम ने लाइसेंस धारियों की सूची और उनकी भौतिक स्थिति की जांच की है.

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जिला न्यायालय में मचा हड़कंप
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Published : Jan 24, 2020, 12:52 PM IST

झुंझुनू .जिला न्यायालय और कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह-सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब प्रशासन की गठित टीम वहां पर नोटेरी,अर्जीनवीस और टाइपिस्ट के लाइसेंस की जांच करने पहुंची. सभी तरह के न्यायालयों में घुसते ही नोटरी और टाइपिस्ट की टेबल कुर्सी लगी रहती हैं. इसमें कुछ लोग बकायदा लाइसेंस धारी होते हैं. लेकिन कुछ लोग बिना लाइसेंस के भी काम करते हैं.

जिला न्यायालय में मचा हड़कंप

पढ़ें: गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर एक नजर

इससे लाइसेंस के तहत काम करने वालों को परेशानी होती है. इसी तरह की लगातार शिकायतें मिलने के बाद झुंझुनू जिला न्यायालय में प्रशासन की टीम जांच करने के लिए पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया.टीम की ओर से वहां लाइसेंस धारियों की सूची और उनकी भौतिक स्थिति की जांच की जा रही है. जांच में पाया गया है, कि लोग लाइसेंस के खिलाफ दूसरे काम करने में भी जुटे हुए हैं और कई टाइपिस्ट में नोटरी की मोहर लगी हुई है.

ऐसे में कानून,गिरदावर और पटवारियों की संयुक्त टीम ने सभी का सत्यापन किया और सूची बनाई है, कि कितने लाइसेंसधारी गलत तरीके से काम कर रहे हैं. कितने लोग बिना लाइसेंस के जिला न्यायालय में टिके हुए हैं, इसकी भी जांच हो रही है.

पढ़ें: 24 जनवरी : भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी का निधन

जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं, टाइपिस्ट, नोटरी सभी के लिए जगह चिन्हित की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग या तो बाहर खुले में बैठते हैं या फिर बरामदों में कब्जा जमाया हुआ है. इसकी वजह से ना केवल बाहर से आने वालों को परेशानी होती है, बल्कि प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों को भी निकलने में दिक्कत होती है.

झुंझुनू .जिला न्यायालय और कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह-सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब प्रशासन की गठित टीम वहां पर नोटेरी,अर्जीनवीस और टाइपिस्ट के लाइसेंस की जांच करने पहुंची. सभी तरह के न्यायालयों में घुसते ही नोटरी और टाइपिस्ट की टेबल कुर्सी लगी रहती हैं. इसमें कुछ लोग बकायदा लाइसेंस धारी होते हैं. लेकिन कुछ लोग बिना लाइसेंस के भी काम करते हैं.

जिला न्यायालय में मचा हड़कंप

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इससे लाइसेंस के तहत काम करने वालों को परेशानी होती है. इसी तरह की लगातार शिकायतें मिलने के बाद झुंझुनू जिला न्यायालय में प्रशासन की टीम जांच करने के लिए पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया.टीम की ओर से वहां लाइसेंस धारियों की सूची और उनकी भौतिक स्थिति की जांच की जा रही है. जांच में पाया गया है, कि लोग लाइसेंस के खिलाफ दूसरे काम करने में भी जुटे हुए हैं और कई टाइपिस्ट में नोटरी की मोहर लगी हुई है.

ऐसे में कानून,गिरदावर और पटवारियों की संयुक्त टीम ने सभी का सत्यापन किया और सूची बनाई है, कि कितने लाइसेंसधारी गलत तरीके से काम कर रहे हैं. कितने लोग बिना लाइसेंस के जिला न्यायालय में टिके हुए हैं, इसकी भी जांच हो रही है.

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जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं, टाइपिस्ट, नोटरी सभी के लिए जगह चिन्हित की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग या तो बाहर खुले में बैठते हैं या फिर बरामदों में कब्जा जमाया हुआ है. इसकी वजह से ना केवल बाहर से आने वालों को परेशानी होती है, बल्कि प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों को भी निकलने में दिक्कत होती है.

Intro:सभी तरह के न्यायालयों में घुसते ही नोटरी और टाइपिस्ट की टेबल कुर्सी लगी रहती हैं और और लोगों को काम के लिए बुलाते रहते हैं। इसमें कुछ लोग बकायदा लाइसेंस धारी होते हैं लेकिन कुछ लोग उनकी आड़ में बिना लाइसेंस के भी काम करते हैं। इससे लाइसेंस के तहत काम करने वालों को परेशानी रहती है और इसी तरह की लगातार शिकायतें मिलने के बाद झुंझुनू जिला न्यायालय में प्रशासन की टीम जांच करने पहुंची तो हड़कंप मच गया। टीम की ओर से लाइसेंस धारियों की सूची और उनकी भौतिक स्थिति की जांच की जा रही है।


Body:झुंझुनू। झुंझुनू जिला न्यायालय और कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब प्रशासन की गठित टीम वहां पर नोटेरी, अर्जीनवीस तथा टाइपिस्ट के लाइसेंस की जांच करने पहुंची। इसमें पाया गया कि लोग लाइसेंस के खिलाफ अन्य तरह के काम करने में भी जुटे हुए हैं और कई टाइप इसने भी नोटरी की मोहर रखी हुई थी। ऐसे में कानूनगो, गिरदावर व पटवारियों की संयुक्त टीम ने सभी का सत्यापन किया और सूची बनाई कि कौन-कौन से लाइसेंसधारी गलत तरीके से काम कर रहे हैं या कौन लोग बिना लाइसेंस के भी जिला न्यायालय में टिके हुए हैं।

आज भी नहीं बैठते तय जगह पर
गौरतलब है कि जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं, टाइपिस्ट नोटरी आदि सभी के लिए जगह चिन्हित की भी है लेकिन इसके बावजूद भी लोग या तो बाहर खुले में बैठते हैं या फिर बरामदो में कब्जा जमाया हुआ है। इसकी वजह से ना केवल बाहर से आने वाले मुश्किलों को परेशानी होती है बल्कि प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों को भी निकलने में दिक्कत होती है।


बाइट, दिलीप, जांच टीम सदस्य व पटवारी



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