झुंझुनू .जिला न्यायालय और कलेक्ट्रेट परिसर में सुबह-सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब प्रशासन की गठित टीम वहां पर नोटेरी,अर्जीनवीस और टाइपिस्ट के लाइसेंस की जांच करने पहुंची. सभी तरह के न्यायालयों में घुसते ही नोटरी और टाइपिस्ट की टेबल कुर्सी लगी रहती हैं. इसमें कुछ लोग बकायदा लाइसेंस धारी होते हैं. लेकिन कुछ लोग बिना लाइसेंस के भी काम करते हैं.
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इससे लाइसेंस के तहत काम करने वालों को परेशानी होती है. इसी तरह की लगातार शिकायतें मिलने के बाद झुंझुनू जिला न्यायालय में प्रशासन की टीम जांच करने के लिए पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया.टीम की ओर से वहां लाइसेंस धारियों की सूची और उनकी भौतिक स्थिति की जांच की जा रही है. जांच में पाया गया है, कि लोग लाइसेंस के खिलाफ दूसरे काम करने में भी जुटे हुए हैं और कई टाइपिस्ट में नोटरी की मोहर लगी हुई है.
ऐसे में कानून,गिरदावर और पटवारियों की संयुक्त टीम ने सभी का सत्यापन किया और सूची बनाई है, कि कितने लाइसेंसधारी गलत तरीके से काम कर रहे हैं. कितने लोग बिना लाइसेंस के जिला न्यायालय में टिके हुए हैं, इसकी भी जांच हो रही है.
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जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं, टाइपिस्ट, नोटरी सभी के लिए जगह चिन्हित की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी लोग या तो बाहर खुले में बैठते हैं या फिर बरामदों में कब्जा जमाया हुआ है. इसकी वजह से ना केवल बाहर से आने वालों को परेशानी होती है, बल्कि प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों को भी निकलने में दिक्कत होती है.