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बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा का चौथा दिन, लाठी के सहारे घाटियों का सफर तय किए श्रद्धालु

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Published : Aug 28, 2019, 9:22 AM IST

परिक्रमा के तीसरे पड़ाव खाकीखेड़ा से रवाना हुई ठाकुरजी की पालकी. परिक्रमा की अगुवाई कर रही पालकी के साथ अगेती दल में सैकड़ों साधु-संत शामिल हैं. लाठी पकड़कर घाटियों में परिक्रमार्थी चढ़ रहे हैं.

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नवलगढ़ (झुंझुनू). बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा में रोजाना हजारों हजार श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. तीसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. हजारों लोगों ने मंगलवार को भी परिक्रमा शुरू की. श्रद्धालुओं ने सूर्य कुण्ड में स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन कर परिक्रमा शुरू की.

बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा का चौथा दिन

परिक्रमा के चौथे दिन काफी लोगों ने सीधे किरोड़ी से परिक्रमा शुरू की. श्रद्धालु बाबा मालकेत के जयकारे लगाते, भजन कार्यक्रमों में नाचते-झूमते हुए आगे बढ़े. घाटी चढ़ते हुए महिला श्रद्धालुओं ने लाठी को सहारा बनाया. देलसर की घाटी में श्रद्धालुओं की चढ़ाई का नजारा देखते ही बन रहा था. परिक्रमा की अग्रपंक्ति में ठाकुरजी की पालकी बुधवार अलसुबह शोभावती से रवाना हुई. इससे पहले देर शाम तीसरे पड़ाव पर खाकीखेड़ा पहुंची. यहां संतों ने भजन कार्यक्रम किए.

पढ़ें- जल परियोजनाओं का समय पर पूरा होना सुनिश्चित करें : सीएम गहलोत

श्रद्धालुओं ने खाकीखेड़ा में रात्रि विश्राम किया. पालकी शाकंभरी से चलकर सकराय गांव, टपकेश्वर महादेव, शोभावती होते हुए आगे बढ़ी. इस बार परिक्रमा में परिक्रमार्थियों पर मौसम की भी मेहरबानी रही. रिमझिम फुहारें बरसने से परिक्रमार्थियों को गर्मी से राहत मिली. परिक्रमा व मेले को देखते हुए रोडवेज ने अतिरिक्त मेला स्पेशल बसें चलाईं हैं. सीकर और झुंझुनू डिपो ने हर बार की तरह मेले से दो दिन पहले ही ये व्यवस्था शुरू कर दी है.

पढ़ें- छात्रसंघ चुनाव 2019: महारानी महाविद्यालय में प्रत्याशियों ने वोटर्स के हाथ जोड़े तो कुछ ने झुककर किया प्रणाम

डिपो के मेला स्पेशल सहप्रभारी शंकरलाल शर्मा ने बताया कि 30मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं. सीकर डिपो की ओर से 4 दर्जन से अधिक मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं. ये बसें दिनभर आना-जाना करेंगी. 29 अगस्त और 30 अगस्त को ये बसें गोल्याणा में रोडवेज के अस्थाई स्टैण्ड पर ही रात्रि विश्राम करेंगी. परिक्रमा मार्ग में विभिन्‍न निशुल्क सेवा शिविर लगे हुए हैं. भूतनाथ सेवा समिति चिड़ावा, नेताजी भोमाराम सैनी स्मृति सेवा संस्थान, मेट्रो अस्पताल झुंझुनूं, भूतनाथ सेवा समिति लक्ष्मणगढ़ के पवन शर्मा, शिव शक्ति वाटर सप्लायर्स, शिवा ग्रुप, शेखावाटी शिक्षण संस्थान लोसल, आदि श्रद्धालुओं का मनुहार करने में जुटे हैं.

नवलगढ़ (झुंझुनू). बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा में रोजाना हजारों हजार श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. तीसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. हजारों लोगों ने मंगलवार को भी परिक्रमा शुरू की. श्रद्धालुओं ने सूर्य कुण्ड में स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन कर परिक्रमा शुरू की.

बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा का चौथा दिन

परिक्रमा के चौथे दिन काफी लोगों ने सीधे किरोड़ी से परिक्रमा शुरू की. श्रद्धालु बाबा मालकेत के जयकारे लगाते, भजन कार्यक्रमों में नाचते-झूमते हुए आगे बढ़े. घाटी चढ़ते हुए महिला श्रद्धालुओं ने लाठी को सहारा बनाया. देलसर की घाटी में श्रद्धालुओं की चढ़ाई का नजारा देखते ही बन रहा था. परिक्रमा की अग्रपंक्ति में ठाकुरजी की पालकी बुधवार अलसुबह शोभावती से रवाना हुई. इससे पहले देर शाम तीसरे पड़ाव पर खाकीखेड़ा पहुंची. यहां संतों ने भजन कार्यक्रम किए.

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श्रद्धालुओं ने खाकीखेड़ा में रात्रि विश्राम किया. पालकी शाकंभरी से चलकर सकराय गांव, टपकेश्वर महादेव, शोभावती होते हुए आगे बढ़ी. इस बार परिक्रमा में परिक्रमार्थियों पर मौसम की भी मेहरबानी रही. रिमझिम फुहारें बरसने से परिक्रमार्थियों को गर्मी से राहत मिली. परिक्रमा व मेले को देखते हुए रोडवेज ने अतिरिक्त मेला स्पेशल बसें चलाईं हैं. सीकर और झुंझुनू डिपो ने हर बार की तरह मेले से दो दिन पहले ही ये व्यवस्था शुरू कर दी है.

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डिपो के मेला स्पेशल सहप्रभारी शंकरलाल शर्मा ने बताया कि 30मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं. सीकर डिपो की ओर से 4 दर्जन से अधिक मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं. ये बसें दिनभर आना-जाना करेंगी. 29 अगस्त और 30 अगस्त को ये बसें गोल्याणा में रोडवेज के अस्थाई स्टैण्ड पर ही रात्रि विश्राम करेंगी. परिक्रमा मार्ग में विभिन्‍न निशुल्क सेवा शिविर लगे हुए हैं. भूतनाथ सेवा समिति चिड़ावा, नेताजी भोमाराम सैनी स्मृति सेवा संस्थान, मेट्रो अस्पताल झुंझुनूं, भूतनाथ सेवा समिति लक्ष्मणगढ़ के पवन शर्मा, शिव शक्ति वाटर सप्लायर्स, शिवा ग्रुप, शेखावाटी शिक्षण संस्थान लोसल, आदि श्रद्धालुओं का मनुहार करने में जुटे हैं.

Intro:परिक्रमा के तीसरे पड़ाव खाकीखेड़ा से रवाना हुई ठाकुरजी की पालकी. परिक्रमा की अगुवाई कर रही पालकी के साथ अगेती दल में सैकड़ों साधु-संत शामिल हैं. अगेती दल लगभग दो तिहाई सफर तय कर रहा है.

नवलगढ़(झुंझुनूं):- बाबा मालकेतु की 24 कोसीय परिक्रमा में रोजाना हजारों हजार श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। तीसरे दिन मंगलवार श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। हजारों लोगों ने मंगलवार को भी परिक्रमा शुरू की। श्रद्धालुओं ने सूर्य कुण्ड में स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन कर परिक्रमा शुरू की। हर तरफ परिक्रमार्थियों का जबर्दस्त रैला दिखाई दे रहा है। चौथे दिन काफी लोगों ने सीधे किरोड़ी से परिक्रमा शुरू की। श्रद्धालु बाबा मालकेत के जयकारे लगाते, भजन कार्यक्रमों में नाचते-झूमते हुए आगे बढ़े।  घाटी चढ़ते हुए महिला श्रद्धालुओं ने लाठी को सहारा बनाया। देलसर की घाटी में श्रद्धालुओं की चढ़ाई का नजारा देखते ही बन रहा था। परिक्रमा की अग्रपंक्ति में ठाकुरजी की पालकी बुधवार अलसुबह शोभावती से रवाना हुई। इससे पहले देर शाम तीसरे पड़ाव पर खाकीखेड़ा पहुंची। यहां संतों ने भजन कार्यक्रम किए। श्रद्धालुओं ने खाकीखेड़ा में रात्रि विश्राम किया। पालकी शाकंभरी से चलकर सकराय गांव, टपकेश्वर महादेव, शोभावती होते हुए आगे बढ़ी। इस बार परिक्रमा में परिक्रमार्थियों पर मौसम की भी मेहरबानी रही। रिमझिम फुहारें बरसने से परिक्रमार्थियों को गर्मी से राहत मिली। परिक्रमा व मेले को देखते हुए रोडवेज ने अतिरिक्त मेला स्पेशल बसें चलाईं हैं। सीकर व झुंझुनूं डिपो ने हर बार की तरह मेले से दो दिन पहले ही  ये व्यवस्था शुरू कर दी है। झुंझुनूं डिपो के मेला स्पेशल सहप्रभारी शंकरलाल शर्मा ने बताया कि 30मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं। सीकर डिपो की ओर से 4 दर्जन से अधिक मेला स्पेशल बसें चलाई जा रही हैं। ये बसें दिनभर आना-जाना करेंगी। 29 अगस्त और 30अगस्त को ये बसें गोल्याणा में रोडवेज के अस्थाई स्टैण्ड पर ही रात्रि विश्राम करेंगी।Body:किरोड़ी से कोट गांव श्रद्धालुओं का मेला लग गया, जहां दुकानदार भी श्रद्धालु और खरीददार भी मानों श्रद्धालु ही हों। ऐसे में सामान्य समय में दो घण्टे में तय होने वाले सफर में श्रद्धालुओं को छः से सात घण्टे लगे। श्रद्धालुओं को भूख-प्यास की चिन्ता भी नहीं है। सब भक्ति के नशे में चूर हैं। कोई गीत गाते हुए आगे बढ़ रहा है तो कोई नाचते हुए। किसी ने ठण्डी छांव में गमछा बिछाया तो किसी ने तेज धूप की परवाह ना करते हुए सफर तय किया। श्रद्धालु सिर्फ एक ही धुन में चले जा रहे हैं। सोमवार को किरोड़ी से आगे कूच करने वालों की बम्पर भीड़ रही। देलसर की घाटी और पलासकी ढाणी में तो श्रद्धालुओं को एक-दूसरे से एकदम जुड़कर चलना पड़ा। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार परिक्रमा की भीड़ ने पिछले 10-15साल का रिकाॅर्ड तोड़ दिया। इस बार परिक्रमार्थियों के साथ नन्हें-मुन्ने बच्चे भी काफी नजर आए। ये बच्चे अपने बुजुर्गों का सामान उठाकर, हाथ पकड़कर सहारा दे रहे हैं। इसके साथ ही परिक्रमा में अबतक करीब 2 लाख से अधिक श्रद्धालु लोहार्गल से परिक्रमा शुरू कर चिराना, लोहार्गल, किरोड़ी, कोट, शाकम्भरी, शोभावती पार करते हुए अब नीमड़ी की घाटी आगे का सफर तय कर रहे हैं। अभी भी हजारों श्रद्धालु के आने की सम्भावना है। वहीं सोमवार और मंगलवार सुबह शाकम्भरी पड़ाव डालने वाले परिक्रमार्थी शाम तक रवाना हो गए। यहां से सकराय, टपकेश्वर, भगोवा, नागकुण्ड, कालाखेत होते हुए शोभावती पहुंचे। बादलों की आवाजाही के मौसम में हजारों परिक्रमार्थी चलते रहे। करीब आधा दर्जन जगह पहाड़ों का मलबा सड़क पर आ गिरा है। जिस कारण परिक्रमार्थियों को भी चलने में परेशानी आ रही है। अमावस्या के मुख्य स्नान को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है।

पेट भर गए मन नहीं भरे

परिक्रमा मार्ग में विभिन्‍न निशुल्क सेवा शिविर लगे हुए हैं। जहां एक से एक स्वादिष्ट व्यञ्जन हैं। सोमवार को कोट से शोभावती तक श्रद्धालुओं के जत्थों को इन शिविरार्थियों ने सेवाएं दीं। भूतनाथ सेवा समिति चिड़ावा, नेताजी भोमाराम सैनी स्मृति सेवा संस्थान, मेट्रो अस्पताल झुंझुनूं, भूतनाथ सेवा समिति लक्ष्मणगढ़ के पवन शर्मा, शिव शक्ति वाटर सप्लायर्स, शिवा ग्रुप, शेखावाटी शिक्षण संस्थान लोसल, डोई परिवार, श्री शाकंभरी माता मंदिर सेवक, हरे कृष्णा सेवा समिति, चिड़ावा सेवा समिति, शाकंभरी सेवा समिति बाय आदि श्रद्धालु की मनुहार करने में जुटे हैं। इन शिविरों में परिक्रमार्थियों के लिए चाय-पानी, गन्ने का ज्यूस, शिकंजी, पूड़ी-कचौड़ी, रोटी-सब्जी, मालपुआ, बिस्कुट, दाल-चावल, फल एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था की जा रही दीं।

बाइट:- सुभाष कुमार, श्रद्धालु, गुंगारा
बाइट:- राजकुमार, श्रद्धालु, नीमला

पीटीसी:- स्वप्निल सक्सेना‌Conclusion:
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