कोटा: कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी कोचिंग एरिया और शहर के इंस्टीट्यूशनल एरिया में साइकिल पाथ-वे बनाने की संभावना तलाश रही है. इसको लेकर कौंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) को जिम्मेदारी सौंपी गई है. हाल ही में कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी की तीसरी बैठक आयोजित की गई थी. इसी में इसका अनुमोदन करवाया गया . इसमें कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी 60 लाख रुपए और इस पर लगने वाले जीएसटी को वहन करेगा.
केडीए के अभियंता शैलेंद्र जैन ने बताया कि इंस्टीट्यूशनल एरिया में साइकिल मार्ग की संभावनाओं को लेकर कंसल्टेंसी ली जा रही है. इसमें साइकल मार्ग की संभावनाएं निकाल कर आती हैं तो निर्माण भी कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी करवाएगा. कोटा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान बने सर्किल फ्लाईओवर और अन्य स्थानों पर ट्रैफिक इंप्रूवमेंट की स्टडी भी कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी करवा रहा है. इनमें घंटाघर सर्किल, डीसीएम कैनाल सर्किल, डीसीएम फ्लायर, पॉलिटेक्निकल इंटरसेक्शन, लायंस क्लब सर्किल, एरोड्रम सर्किल, कोटरी सर्किल, अनंतपुरा पुलिस स्टेशन सर्किल और महाराणा प्रताप सर्किल कुन्हाड़ी शामिल है.
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ब्लैक स्पॉट खत्म करने पर भी होगा काम: कोटा डेवलपमेंट अथॉरिटी के इंजीनियरिंग डायरेक्टर रविंद्र माथुर का कहना है कि सीआईआईआर के जरिए कोटा शहर के विभिन्न चौराहे और ब्लैक स्पॉट जोन का मौका निरीक्षण किया गया है. चयनित किए गए स्थानों पर ट्रैफिक की स्टडी करवाई जानी है. इस स्टडी के बाद ही केडीए को आगे काम करने के संबंध में राय दी जाएगी. यहां पर सीआईआईआर की सलाह पर खड़े किए गए स्ट्रक्चर्स और सड़कों का रिपेयर एंड रिहैबिलिटेशन किया जाएगा.
कोटा में हजारों बच्चे चलाते हैं साइकिल: देश भर से मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी करने आने वाले बच्चे हॉस्टल या पीजी से कोचिंग जाने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं. कोटा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में बच्चे साइकिल से आते जाते हैं. ये सभी बच्चे आसपास होने वाले छोटे-मोटे काम भी साइकिल के जरिए ही करते हैं. इन बच्चों को कोचिंग संस्थान जाने के लिए एक से डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. कोटा में राजीव गांधी नगर, लैंडमार्क सिटी, कोरल पार्क, तलवंडी, जवाहर नगर, महावीर नगर, दादाबाड़ी, विज्ञान नगर, इंद्र विहार, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स, आईएपीआई एरिया सहित कई जगह पर कोचिंग संस्थान, हॉस्टल व पीजी बने हुए हैं. ऐसे में रिसर्च इन एरिया में की जा सकती है.
नहीं मिली थी रेंटल साइकिल प्रोग्राम को सफलता: कोटा नगर निगम ने स्मार्ट सिटी के तहत ही रेंटल साइकिल प्रोग्राम 'ग्रीन राइड' (पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग सर्विस) भी शुरू की गई थी. इसमें 10 रुपए प्रति घंटे के अनुसार साइकिल कोचिंग स्टूडेंट और अन्य लोगों को दी जाने लगी थी. शहर में 10 जगह पर स्टेशन भी बनाए गए थे, लेकिन लोगों को ये सेवा पसंद नहीं आई. अब उन स्टेशनों पर पूरी तरह ताले लगे हुए हैं. सड़क किनारे बने हुए यह स्टेशन किसी काम भी नहीं आ रहे हैं. इनमें राजीव गांधी नगर, जवाहर नगर, इंद्रविहार, डकनिया तालाब, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स, घटोत्कच चौराहा, कॉमर्स कॉलेज, महावीर नगर प्रथम, द्वितीय, तृतीय और विस्तार योजना में भी इसके स्टैंड बनाए गए थे. अब यहां से किराए पर साइकिल किसी को नहीं दी जा रही है.