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कार्यालय के बाबू ने ईमित्र संचालक को बेच दिया SDM के पासवर्ड और आईडी

झुंझुनू जिले में भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदनों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. इसमें जिला प्रशासन के एक बाबू ने पैसे लेकर ईमित्र संचालक को एसडीएम की पासवर्ड आईडी दे दी और उसके बाद ईमित्र संचालक फर्जी कागजात से भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जोड़ दिया.

Sold SDM rights to Eimitra operator by taking money
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Published : Aug 9, 2019, 4:06 AM IST

झुंझुनू. जिले में भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदनों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. एसडीएम सुरेंद्र सिंह यादव ने कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट देकर ईमित्र संचालक सुनील और बाबू योगेश कृष्णीया के खिलाफ उनके आईडी व पासवर्ड का उपयोग कर फर्जी तरीके से लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने का मामला दर्ज करवाया है.

पैसे लेकर ईमित्र संचालक को बेच दिए एसडीएम के अधिकार

पढ़ेंः राजस्थान में एक और किसान ने की आत्महत्या, पेंट को बनाया फांसी का फंदा

पुलिस ने संचालक को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, वहीं संबंधित बाबू को निलंबित कर दिया गया है.जांच में सामने आया है कि ईमित्र संचालक को बाबू योगेश कुमार ने पैसे लेकर भेज दिए. बाबू योगेश कुमार अभिनया शाखा में कार्यरत है. लेकिन पहले वह एसडीएम कार्यालय में कार्य करता था.

पढ़ेंः झुंझुनूं में ट्रैक्टर चोरी की घटना के 24 घंटे के अंदर आरोपी गिरफ्तार

ऐसे में यह साफ है कि यह बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जड़े गहरी है. यह भी सामने आया है कि ईमित्र पर आवेदनकर्ताओं के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज जोड़कर उनके आवेदनों को महज आधे घंटे में ही अप्रूव्ड भी कर दिया जाता था. हालांकि इस मामले में प्रशासन अब भी पुरानी फाइलें और रिकॉर्ड देखने की बात कह रहा है. जांच में यह भी सामने आया है कि ईमित्र संचालक ने आवेदन करने वालों के फॉर्म के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज लगा रखे थे.

झुंझुनू. जिले में भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदनों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है. एसडीएम सुरेंद्र सिंह यादव ने कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट देकर ईमित्र संचालक सुनील और बाबू योगेश कृष्णीया के खिलाफ उनके आईडी व पासवर्ड का उपयोग कर फर्जी तरीके से लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने का मामला दर्ज करवाया है.

पैसे लेकर ईमित्र संचालक को बेच दिए एसडीएम के अधिकार

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पुलिस ने संचालक को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, वहीं संबंधित बाबू को निलंबित कर दिया गया है.जांच में सामने आया है कि ईमित्र संचालक को बाबू योगेश कुमार ने पैसे लेकर भेज दिए. बाबू योगेश कुमार अभिनया शाखा में कार्यरत है. लेकिन पहले वह एसडीएम कार्यालय में कार्य करता था.

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ऐसे में यह साफ है कि यह बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जड़े गहरी है. यह भी सामने आया है कि ईमित्र पर आवेदनकर्ताओं के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज जोड़कर उनके आवेदनों को महज आधे घंटे में ही अप्रूव्ड भी कर दिया जाता था. हालांकि इस मामले में प्रशासन अब भी पुरानी फाइलें और रिकॉर्ड देखने की बात कह रहा है. जांच में यह भी सामने आया है कि ईमित्र संचालक ने आवेदन करने वालों के फॉर्म के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज लगा रखे थे.

Intro:झुंझुनू में भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदनों में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। इसमें जिला प्रशासन के एक बाबू ने पैसे लेकर ईमित्र संचालक को एसडीएम की पासवर्ड आईडी दे दी और उसके बाद ईमित्र संचालक मैं मनमर्जी वह फर्जी कागजात से भामाशाह कार्ड को खाद्य सुरक्षा से जोड़ दिया। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा से जुड़ने के बाद भी भामाशाह कार्ड पर निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज होता है।


Body:झुंझुनू। एसडीम की आईडी व पासवर्ड के जरिए लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा में जोड़ने के मामले मे सामने आया है। एसडीएम सुरेंद्र सिंह यादव ने कोतवाली थाने में एक रिपोर्ट देकर ईमित्र संचालक सुनील और एक बाबू योगेश कृष्णीया के खिलाफ उनके आईडी व पासवर्ड का उपयोग कर फर्जी तरीके से लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने संचालक को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, वहीं संबंधित बाबू को निलंबित कर दिया गया है।

पैसे लेकर बेच दिए आईडी और पासवर्ड
जांच में सामने आया है कि ईमित्र संचालक को बाबू योगेश कुमार ने पैसे लेकर भेज दिए। बाबू योगेश कुमार अभिनया शाखा में कार्यरत है लेकिन पहले वह एसडीएम कार्यालय में कार्य करता था। ऐसा में यह साफ है कि यह बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जड़े गहरी है। यह कहा नहीं जा सकता है कि ईमित्र संचालक कब से फर्जी और रूप से लोगों के खाद सुरक्षा आवेदनों को स्वीकृत एसडीएम की आईडी में पासवर्ड से कर रहा था।

दूसरे लोगों के दस्तावेज से भी आवेदन स्वीकृत
यह भी सामने आया है कि ईमित्र पर आवेदनकर्ताओं के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज जोड़कर उनके आवेदनों को महज आधे घंटे में ही अप्रूव्ड भी कर दिया। हालांकि इस मामले में प्रशासन अब भी पुरानी फाइलें और रिकॉर्ड देखने की बात कह रहा है। जांच में यह भी सामने आया है कि ईमित्र संचालक ने आवेदन करने वालों के फॉर्म के साथ दूसरे लोगों के दस्तावेज लगा रखे हैं।


वाइट सुरेंद्र सिंह यादव एसडीएम झुंझुनू




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