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Sikkim Army Truck Accident: शहीद मनोज यादव का सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार, फूट फूट कर रोया गांव

सिक्किम ट्रक हादसे में शहीद मनोज यादव को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी गई. 23 दिसंबर को हादसे का शिकार हुए मनोज का पार्थिव शरीर पचेरीकलां पुलिस थाने में सुबह पहुंचा(Martyr Manoj Yadav body reached Pacheri ) था. अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव माजरी में हुआ. झुंझुनू के लाल को आखिरी बार देखने की लालसा लेकर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

Martyr Manoj Yadav body reached Pacheri
शहीद मनोज यादव का पार्थिव शरीर पहुंचा पचेरी
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Published : Dec 25, 2022, 9:44 AM IST

Updated : Dec 25, 2022, 2:10 PM IST

सैन्य सम्मान के साथ विदा हुआ शहीद

सिंघाना/झुंझुनूं. झुंझुनू के लाल मनोज यादव को भरे मन के साथ अंतिम विदाई दी गई. बड़े भाई प्रमोद कुमार ने मुखाग्नि दी. गगनभेदी नारों के बीच कई ऐसे पल भी आए जब लोगों की जुबान पर नारे और आंखों से आंसू बहते दिखे. राजकीय सम्मान के साथ शहीद को विदा किया गया. शहीद तो अंतिम सलामी देने वालों में सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा भ शामिल रहे.

इससे पहले सिक्किम हादसे में शहीद मनोज यादव का पार्थिव शव शनिवार देर रात दिल्ली से पचेरीकलां (Martyr Manoj Yadav body reached Pacheri) लाया गया था. इसके बाद तिरंगा यात्रा के जरिए उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव माजरी ले जाया गया. इस दौरान घर में कोहराम मच गया. पूरे गांव की आंखें नम हो गईं.

Sikkim Army Truck Accident
लाल की अंतिम झलक को बेताब दिखा गांव

निकाली जाएगी तिरंगा यात्रा: कड़ाके की ठंड के बावजूद सूरज उगने से पहले ही न केवल माजरी के बल्कि आसपास के कई गांवों से सैकड़ों लोग पचेरी पहुंच गए. लोगों ने अपने हाथों में तिरंगे लिया हुआ था. आंखें गमगीन थी और सिर गर्व से ऊंचा. हर कोई शहीद के सम्मान में नतमस्तक था. ये सभी शहीद अमर रहे के जयकारे लगा रहे थे. फूलों से सजे सेना के वाहन पर शहीद की पार्थिव देह रखी गई. पचेरी कलां से शहीद मनोज यादव का गांव 6 किलो मीटर की दूरी पर है. गांव में उनका पार्थिव शव तिरंगा यात्रा (Majri village will reach with Tiranga Yatra) के जरिए ले जाया जायेगा.

Sikkim Army Truck Accident
वीरांगना ज्योति

2015 में सेना की भर्ती: बता दें कि मनोज यादव 15 दिसंबर 2015 में पहली बार सेना की भर्ती प्रक्रिया देखी थी. इस दौरान उनका चयन सेना में हो गया था. मनोज यादव की शादी साल 2018 में खेतड़ी तहसील के दलोता गांव की ज्योति के साथ हुआ था. वह एक बेटी के पिता थे, जिसका नाम अवनी है. परिवार वालों ने बताया कि गुरुवार की शाम को मनोज यादव ने फोन किया था. इस दौरान अपनी माता विमला देवी से बात की और फरवरी में छुट्टी आने की बात कही थी. मनोज यादव की वर्तमान में अरुणाचल में पोस्टिंग थी, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी बात होगी.

ये भी पढ़ें: सिक्किम दुर्घटना: पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद 16 जवानों के पार्थिव शरीर घर भेजे गए

शहीद मनोज यादव को जानिए: मनोज यादव का जन्म 13 मई 1995 मे हुआ था. उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई पचेरी खुर्द से और 12 वीं की पढ़ाई कैम्ब्रिज स्कूल सिंघाना से की थी. मनोज यादव के सेना में जाने की इतनी ललक थी कि वह सुबह 4 बजे ही तैयारी करने के लिए गांव की सड़क पर चले जाते थे, जहां सड़क पर दौड़ लगाकर अपनी तैयारी करते थे. झुंझुनू में ओपन भर्ती में पहली कोशिश में ही सेना में सेलेक्ट हो गए थे. उन्होंने दीपावली के दिन ही महाराष्ट्र के नासिक में सेना मे ज्वाइन किया था, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग श्रीनगर के गुरेज में मिली. वहां डेढ़ साल तक रहने के बाद दूसरी पोस्टिंग पंजाब के गुरदासपुर मे हुई. इसके बाद साल 2021 मे प्रमोशन होने के बाद मनोज यादव को लांस नायक बनाया गया. वह पिछले डेढ़ साल से अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे.

सैन्य सम्मान के साथ विदा हुआ शहीद

सिंघाना/झुंझुनूं. झुंझुनू के लाल मनोज यादव को भरे मन के साथ अंतिम विदाई दी गई. बड़े भाई प्रमोद कुमार ने मुखाग्नि दी. गगनभेदी नारों के बीच कई ऐसे पल भी आए जब लोगों की जुबान पर नारे और आंखों से आंसू बहते दिखे. राजकीय सम्मान के साथ शहीद को विदा किया गया. शहीद तो अंतिम सलामी देने वालों में सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा भ शामिल रहे.

इससे पहले सिक्किम हादसे में शहीद मनोज यादव का पार्थिव शव शनिवार देर रात दिल्ली से पचेरीकलां (Martyr Manoj Yadav body reached Pacheri) लाया गया था. इसके बाद तिरंगा यात्रा के जरिए उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव माजरी ले जाया गया. इस दौरान घर में कोहराम मच गया. पूरे गांव की आंखें नम हो गईं.

Sikkim Army Truck Accident
लाल की अंतिम झलक को बेताब दिखा गांव

निकाली जाएगी तिरंगा यात्रा: कड़ाके की ठंड के बावजूद सूरज उगने से पहले ही न केवल माजरी के बल्कि आसपास के कई गांवों से सैकड़ों लोग पचेरी पहुंच गए. लोगों ने अपने हाथों में तिरंगे लिया हुआ था. आंखें गमगीन थी और सिर गर्व से ऊंचा. हर कोई शहीद के सम्मान में नतमस्तक था. ये सभी शहीद अमर रहे के जयकारे लगा रहे थे. फूलों से सजे सेना के वाहन पर शहीद की पार्थिव देह रखी गई. पचेरी कलां से शहीद मनोज यादव का गांव 6 किलो मीटर की दूरी पर है. गांव में उनका पार्थिव शव तिरंगा यात्रा (Majri village will reach with Tiranga Yatra) के जरिए ले जाया जायेगा.

Sikkim Army Truck Accident
वीरांगना ज्योति

2015 में सेना की भर्ती: बता दें कि मनोज यादव 15 दिसंबर 2015 में पहली बार सेना की भर्ती प्रक्रिया देखी थी. इस दौरान उनका चयन सेना में हो गया था. मनोज यादव की शादी साल 2018 में खेतड़ी तहसील के दलोता गांव की ज्योति के साथ हुआ था. वह एक बेटी के पिता थे, जिसका नाम अवनी है. परिवार वालों ने बताया कि गुरुवार की शाम को मनोज यादव ने फोन किया था. इस दौरान अपनी माता विमला देवी से बात की और फरवरी में छुट्टी आने की बात कही थी. मनोज यादव की वर्तमान में अरुणाचल में पोस्टिंग थी, लेकिन किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी बात होगी.

ये भी पढ़ें: सिक्किम दुर्घटना: पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद 16 जवानों के पार्थिव शरीर घर भेजे गए

शहीद मनोज यादव को जानिए: मनोज यादव का जन्म 13 मई 1995 मे हुआ था. उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई पचेरी खुर्द से और 12 वीं की पढ़ाई कैम्ब्रिज स्कूल सिंघाना से की थी. मनोज यादव के सेना में जाने की इतनी ललक थी कि वह सुबह 4 बजे ही तैयारी करने के लिए गांव की सड़क पर चले जाते थे, जहां सड़क पर दौड़ लगाकर अपनी तैयारी करते थे. झुंझुनू में ओपन भर्ती में पहली कोशिश में ही सेना में सेलेक्ट हो गए थे. उन्होंने दीपावली के दिन ही महाराष्ट्र के नासिक में सेना मे ज्वाइन किया था, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें पहली पोस्टिंग श्रीनगर के गुरेज में मिली. वहां डेढ़ साल तक रहने के बाद दूसरी पोस्टिंग पंजाब के गुरदासपुर मे हुई. इसके बाद साल 2021 मे प्रमोशन होने के बाद मनोज यादव को लांस नायक बनाया गया. वह पिछले डेढ़ साल से अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे.

Last Updated : Dec 25, 2022, 2:10 PM IST
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