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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में काम में आने वाले 360 मोबाइल 5 माह से कार्यालयों में फांक रहे धूल - राजस्थान

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल कटाई के लिए काम में आने वाले 360 मोबाइल 5 माह से कार्यालयों में ही पड़े हैं.

पीएम फसल बीमा योजना का मोबाइल
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Published : Mar 14, 2019, 3:13 PM IST

झुंझुनूं. किसानों की बात करने वाली सरकार की धरतीपुत्रों की भलाई की बात अब कागजी साबित हो रही है. झुंझुनूं में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल कटाई के लिए काम में आने वाले 360 मोबाइल 5 माह से कार्यालयों में ही पड़े हैं.

यह मोबाइल पटवारी , गिरदावरवर, कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षकों को दिए जाने है, ताकि वे कार्यालयों में बैठकर किसानों की फसल का आकलन नहीं करें. कम से कम किसानों के खेत में जाकर खेती के खराबी को अपलोड करें. सरकार ने यह इसलिए तय किया था कि बीमा क्लेम के भुगतान में कंपनी रोड़े ना अटका सकें.

पहले खरीब अब रबी में भी नहीं होगा काम
लोगों की माने तो खरीफ सीजन में बीमा कंपनी के खाते में लाखों का प्रीमियम जमा कराया गया, लेकिन मुआवजे के दौरान कई प्रकार की मुश्किलें खड़ी कर दी गई.इन्हीं सब दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए शत प्रतिशत कटाई अपलोड का प्रयोग स्मार्टफोन से किए जाने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया था. ताकि भविष्य में प्रीमियम राशि के भुगतान में किसी तरह की मुश्किल नहीं आए. इसके लिए सभी पटवारी व कृषि अधिकारियों को मोबाइल दिए जाने थी, लेकिन जांच के नाम पर कार्यालयों में रखा हुआ है.

जल्दी ही बांट देंगे मोबाइल
दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल फोन तो आ चुके हैं. अब जल्दी का काम करने वालों को वितरित कर दिया जाएगा. कृषि विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि इसमें कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी और इसलिए रोका हुआ है. अब सारी रिपोर्ट भेज दी गई है और प्रयास है कि इस बार की फसल से पहले ही बांट दिए जाएंगे.

झुंझुनूं. किसानों की बात करने वाली सरकार की धरतीपुत्रों की भलाई की बात अब कागजी साबित हो रही है. झुंझुनूं में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल कटाई के लिए काम में आने वाले 360 मोबाइल 5 माह से कार्यालयों में ही पड़े हैं.

यह मोबाइल पटवारी , गिरदावरवर, कृषि अधिकारी और कृषि पर्यवेक्षकों को दिए जाने है, ताकि वे कार्यालयों में बैठकर किसानों की फसल का आकलन नहीं करें. कम से कम किसानों के खेत में जाकर खेती के खराबी को अपलोड करें. सरकार ने यह इसलिए तय किया था कि बीमा क्लेम के भुगतान में कंपनी रोड़े ना अटका सकें.

पहले खरीब अब रबी में भी नहीं होगा काम
लोगों की माने तो खरीफ सीजन में बीमा कंपनी के खाते में लाखों का प्रीमियम जमा कराया गया, लेकिन मुआवजे के दौरान कई प्रकार की मुश्किलें खड़ी कर दी गई.इन्हीं सब दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए शत प्रतिशत कटाई अपलोड का प्रयोग स्मार्टफोन से किए जाने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया था. ताकि भविष्य में प्रीमियम राशि के भुगतान में किसी तरह की मुश्किल नहीं आए. इसके लिए सभी पटवारी व कृषि अधिकारियों को मोबाइल दिए जाने थी, लेकिन जांच के नाम पर कार्यालयों में रखा हुआ है.

जल्दी ही बांट देंगे मोबाइल
दूसरी तरफ कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल फोन तो आ चुके हैं. अब जल्दी का काम करने वालों को वितरित कर दिया जाएगा. कृषि विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि इसमें कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी और इसलिए रोका हुआ है. अब सारी रिपोर्ट भेज दी गई है और प्रयास है कि इस बार की फसल से पहले ही बांट दिए जाएंगे.

Intro: झुंझुनू । सरकार चुनने का वक्त आ गया है और किसान सबसे बड़ा वोट बैंक । किसी ने ऋण माफी का लॉलीपॉप दिया है तो किसी ने हर माह खाते में राशि जमा कराने का। अब किसानों की ये भलाई थोथी कैसे हैं , इसका ताजा उदाहरण झुंझुनू जिले में देखने को मिला है । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फसल कटाई के लिए काम में आने वाले 360 मोबाइल 5 माह से कार्यालयों में ही धरे हैं । यह मोबाइल पटवारी , गिरदावरवर, कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षकों को दिए जाने है , ताकि वे कार्यालयों में बैठकर किसानों की फसल का आकलन नहीं करें । कम से कम किसानो के खेत में जाकर खेती के खराबी को अपलोड करें।. सरकार ने यह इसलिए तय किया था कि बीमा क्लेम के भुगतान में कंपनी रोड़े ना अटका सके।




Body:पहले खरीद अब रब्बी में भी नहीं होगा काम
लोगों की माने तो खरीफ सीजन में बीमा कंपनी के खाते में लाखों का प्रीमियम जमा कराया गया। लेकिन मुआवजे के दौरान कई प्रकार की मुश्किलें खड़ी कर दी गई । इन्हीं सब दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए शत प्रतिशत कटाई अपलोडका प्रयोग स्मार्टफोन से किए जाने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया था।. ताकि भविष्य में प्रीमियम राशि के भुगतान में किसी तरह की मुश्किल नहीं आए। इसके लिए सभी पटवारी व कृषि अधिकारियों को मोबाइल दिए जाने थी लेकिन जांच के नाम पर कार्यालयों में रखा हुआ है ।


Conclusion:जल्दी ही बांट देंगे

वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल फोन तो आ चुके हैं अब जल्दी का काम करने वालों को वितरित कर दिया जाएगा । कृषि विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि इसमें कुछ तकनीकी समस्या आ गई थी और इसलिए रोका हुआ है । अब सारी रिपोर्ट भेज दी गई है और प्रयास है कि इस बार की फसल से पहले ही बांट दिए जाएंगे।
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