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Etv Bharat Exclusive: उपचुनाव करो या मरो का...मेरी जीत से कांग्रेस को जीवन : रीटा चौधरी

मंडावा विधासभा में उपचुनाव होने हैं. इस उपचुनाव में जहां भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी भी घर-घर प्रचार में जुटी हुई हैं. इस दौरान ईटीवी भारत से कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने खास बातचीत की और जीत का दावा किया.

Mandawa Assembly, Congress candidate Rita Chaudhary, कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी, मंडावा विधानसभा
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Published : Oct 15, 2019, 8:00 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 7:10 AM IST

मंडावा (झुंझुनूं). मंडावा विधानसभा उपचुनाव में दो महिला उम्मीदवार आमने-सामने हैं. कांग्रेस के परम्परागत चेहरे और पूर्व विधायक रीटा चौधरी का मुकाबला कांग्रेस से बीजेपी में आई सुशीला सींगड़ा से होगा. सत्ताधारी दल कांग्रेस की प्रतिष्ठा इन चुनावों में दांव पर होगी तो वहीं भाजपा अपने कब्जे से इस सीट को गंवाना नहीं चाहेगी. ऐसे में दोनों ही दल की प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी से ईटीवी भारत ने बात की.

(पार्ट-1) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

पढ़ें- मंडावा उप चुनाव : 'बुआ-भतीजी' के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई

मंडावा की सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. मंडावा से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी लगातार विधायक बने, लेकिन अब उनकी विरासत नारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी संभाल रही हैं जो लगातार दो चुनाव हार चुकी हैं. ऐसे में अब यह उप चुनाव तय करेगा कि रीटा चौधरी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा. इस सब मुद्दों पर रीटा चौधरी ने खुलकर बात की.

(पार्ट-2) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

पढ़ें- विधानसभा उपचुनाव: मंडावा सीट पर कड़ा मुकाबला...एक तरफ कैलिफोर्निया से एमबीए तो दूसरी तरफ 10वीं पास

ईटीवी भारत से रीटा चौधरी ने बात करते हुए बड़ी साफगोई से स्वीकार किया कि साल 2008 में वह विधायक बनी तो वह राजनीति में नई थी. उन्हें पता नहीं था कि क्या करना होता है. ऐसे में कुछ गलतियां उनसे हुई थी. जिन्हें वह सुधार रही है तो वहीं भाजपा सतीश पूनिया के तौर पर जाट प्रदेशाध्यक्ष बनाना और हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा के साथ भाजपा का गठबंधन होने और उनके खिलाफ प्रचार करने की बात पर उन्होंने कहा कि मंडावा की जनता सब जानती है. बेनीवाल और सतीश पूनिया दो दिन मंडावा में शक्ल दिखाएंगे उसके बाद कभी दिखाई नहीं देंगे क्षेत्र की जनता के काम तो रीटा चौधरी की आएगी.

(पार्ट-3) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

पढ़ें- विधानसभा उप चुनाव: मंडावा के बाजार से चुनावी चर्चा, स्थानीय ही नहीं, राष्ट्रीय मुद्दे भी हावी

वहीं उन्होंने माना कि रामेश्वर डूडी के प्रकरण को लेकर उनके क्षेत्र में दुष्प्रचार किया जा रहा है. लेकिन रामेश्वर डूडी का आशीर्वाद उन पर हमेशा रहा है और आगे भी बना रहेगा. उन्होंने बताया कि जब वह पार्टी से निष्कासित हुई थी तो उन्हें वापस लाने में सचिन पायलट के साथ ही रामेश्वर डूडी का भी योगदान रहा था. रीटा चौधरी साफ तौर पर यह चुनाव अपने पिता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे रामनारायण चौधरी के नाम पर लड़ रही हैं.

पढें- विधानसभा उपचुनाव: मंडावा विधानसभा में जाट महिला नेत्रियों के बीच में मुकाबला, जानें जातिय समीकरण

मंडावा (झुंझुनूं). मंडावा विधानसभा उपचुनाव में दो महिला उम्मीदवार आमने-सामने हैं. कांग्रेस के परम्परागत चेहरे और पूर्व विधायक रीटा चौधरी का मुकाबला कांग्रेस से बीजेपी में आई सुशीला सींगड़ा से होगा. सत्ताधारी दल कांग्रेस की प्रतिष्ठा इन चुनावों में दांव पर होगी तो वहीं भाजपा अपने कब्जे से इस सीट को गंवाना नहीं चाहेगी. ऐसे में दोनों ही दल की प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी से ईटीवी भारत ने बात की.

(पार्ट-1) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

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मंडावा की सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. मंडावा से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी लगातार विधायक बने, लेकिन अब उनकी विरासत नारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी संभाल रही हैं जो लगातार दो चुनाव हार चुकी हैं. ऐसे में अब यह उप चुनाव तय करेगा कि रीटा चौधरी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा. इस सब मुद्दों पर रीटा चौधरी ने खुलकर बात की.

(पार्ट-2) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

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ईटीवी भारत से रीटा चौधरी ने बात करते हुए बड़ी साफगोई से स्वीकार किया कि साल 2008 में वह विधायक बनी तो वह राजनीति में नई थी. उन्हें पता नहीं था कि क्या करना होता है. ऐसे में कुछ गलतियां उनसे हुई थी. जिन्हें वह सुधार रही है तो वहीं भाजपा सतीश पूनिया के तौर पर जाट प्रदेशाध्यक्ष बनाना और हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा के साथ भाजपा का गठबंधन होने और उनके खिलाफ प्रचार करने की बात पर उन्होंने कहा कि मंडावा की जनता सब जानती है. बेनीवाल और सतीश पूनिया दो दिन मंडावा में शक्ल दिखाएंगे उसके बाद कभी दिखाई नहीं देंगे क्षेत्र की जनता के काम तो रीटा चौधरी की आएगी.

(पार्ट-3) ईटीवी भारत की कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी की खास बातचीत

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वहीं उन्होंने माना कि रामेश्वर डूडी के प्रकरण को लेकर उनके क्षेत्र में दुष्प्रचार किया जा रहा है. लेकिन रामेश्वर डूडी का आशीर्वाद उन पर हमेशा रहा है और आगे भी बना रहेगा. उन्होंने बताया कि जब वह पार्टी से निष्कासित हुई थी तो उन्हें वापस लाने में सचिन पायलट के साथ ही रामेश्वर डूडी का भी योगदान रहा था. रीटा चौधरी साफ तौर पर यह चुनाव अपने पिता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे रामनारायण चौधरी के नाम पर लड़ रही हैं.

पढें- विधानसभा उपचुनाव: मंडावा विधानसभा में जाट महिला नेत्रियों के बीच में मुकाबला, जानें जातिय समीकरण

Intro:मंडावर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी बोली राजनीति में नई थी तो कुछ गलतियां हुई अब उन्हें सुधारा मंडावा की जनता करो या मरो मुकाबले में अपनी बेटी अबकी बार नहीं करेगी निराश रामेश्वर डूडी का रहा हमेशा मेरे ऊपर आशीर्वाद मुझे पार्टी से निष्कासित होने के बाद उन्होंने ही करवाई थी वह आपसे प्रोपेगेंडा के तहत भाजपा कर रही है दुष्प्रचार लेकिन सतीश पूनिया और हनुमान बेनीवाल 2 दिन आएंगे मंडावा की जनता के काम रीटा चौधरी ही आयेगी धारा 370 का कांग्रेस ने नहीं किया कभी विरोध लेकिन मोदी का नारा बेटी बचाओ आएगा मेरे सबसे ज्यादा काम


Body:राजस्थान की मंडावा सीट पर उपचुनाव होने हैं इस उपचुनाव मैं जहां भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की प्रत्याशी रीटा चौधरी भी घर-घर प्रचार में जुटी हुई है मंडावा की सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था मंडावर से कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी लगातार विधायक बने लेकिन अब उनकी विरासत संभाल रही नारायण चौधरी की बेटी रीटा चौधरी लगातार दो चुनाव हार चुकी है ऐसे में अब यह उपचुनाव तय करेगा कि रीटा चौधरी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा गीता चौधरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बड़ी साफगोई से स्वीकार किया साल 2008 में वह विधायक बनी तो वह राजनीति में नहीं थी और उन्हें पता नहीं था कि क्या करना होता है ऐसे में कुछ गलतियां उनसे हुई थी जिन्हें वह सुधार रही है तो वही भाजपा सतीश पूनिया के तौर पर जाट अध्यक्ष बनाना और हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा के साथ भाजपा का गठबंधन होने और उनके खिलाफ प्रचार करने की बात पर उन्होंने कहा कि मंडावा की जनता सब जानती है बेनीवाल और सतीश पूनिया 2 दिन मंडावा में शक्ल दिखाएंगे उसके बाद कभी दिखाई नहीं देंगे क्षेत्र की जनता के काम तो रीटा चौधरी की आएगी वहीं उन्होंने माना कि रामेश्वर डूडी के प्रकरण को लेकर उनके क्षेत्र में दुष्प्रचार किया जा रहा है लेकिन रामेश्वर डूडी का आशीर्वाद उन पर हमेशा रहा है आगे भी बना रहेगा जब वह पार्टी से निष्कासित हुई थी तो उन्हें वापस लाने में सचिन पायलट के साथ ही रामेश्वर डूडी का भी योगदान रहा था रीटा चौधरी साफ तौर पर यह चुनाव अपने पिता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे रामनारायण चौधरी के नाम पर लड़ रही है
रीटा चौधरी से सवाल और उनके जवाब
सवाल-
क्या कभी उम्मीद थी कि कांग्रेस के दिग्गज रामनारायण चौधरी की बेटी को भी लगातार चुनाव में हार देखनी पड़ेगी
जवाब- लगातार दो बार चुनाव हारने के बाद पर रीटा चौधरी ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा था कि वह लगातार दो चुनाव हार सकती हैं मेरे पिता लगातार 7 बार एमएलए रहे मंडावा से 2008 में मैं भी अपना पहला चुनाव जीती उसके बाद 2013 में चुनाव हार गई पुराने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कहने पर ही मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था इस बार साल 2018 में कम मार्जिन से मैं चुनाव हारी इसमें कुछ कमियां रही थी उन्हें दूर करने का प्रयास कर रही हूं यह सच है कि कभी हारने का नहीं सोचा था
सवाल- क्या यह चौधरी के लिए राजनीति में चुनाव करो या मरो के चुनाव है
यह चुनाव करो या मरो के चुनाव हैं अगर मंडावा में कांग्रेस पार्टी को जिंदा रखना है इस सीट को कांग्रेस की सशक्त सीट फिर से बनाना है और अपनी परंपरागत सीट वह कांग्रेस को बचाना है तो यही सोचकर चुनाव हुआ इंटर चौधरी ने अपने पिता रामनारायण चौधरी की 50 साल की बेदाग छवि के साथ की गई राजनीति को आधार बताते हुए कहा कि उनके पिता रामनारायण चौधरी के नाम के लिए यह चुनाव उनका जीतना मेरे लिए महत्व रखता है

सवाल -कांग्रेस के स्टार प्रचारक अब तक दूर तबादलों को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और लगातार उनके चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं संगठन की सब सो लोग साथ लगे हुए हैं मैं खुद भी चाहती थी कि पहले जनता से खुद जाकर मिलूं जहां तक बात तबादलों की है भाजपा में पैसे लेकर तबादले होते थे यह बात उनके यहां फेमस थी तो उनको लगता है कि कांग्रेसमें भी तबादले इसी आधार पर होते होंगे भाजपा प्रोपेगेंडा के तहत यह बात फैला रही है जो तबादले हुए वह मंडावा के नहीं थे भाजपा खाली भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है कांग्रेस सरकार में कभी तबादलों में पैसे का लेन देन नहीं होता है
सवाल -आपको सरकार ने उप चुनाव को देखते हुए पहले ही ताकत दी मंडावा में पहले से काम रीटा चौधरी के कहने पर ही हो रहे हैं और चुनाव में क्या मुद्दे रहेंगे
ऐसा नहीं है कोई भी काम करवाना हो तो मुझे भी 50 बार फोन करना होता है मैं तो जनवरी से ही इस काम में जुट गई थी उस समय तो पता भी नहीं था कि सांसद को विधायक का टिकट दे दिया जाएगा और मंडावा सीट पर उपचुनाव होगा काम तो होते रहते हैं लेकिन कांग्रेस सरकार में हारे या जीते विधायक के साथ भेदभाव नहीं होता इन चुनाव में मंडावा में पानी की किल्लत को कम करने के लिए कुंभाराम लिफ्ट परियोजना को आगे बढ़ाना युवाओं के लिए इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप करना और किसानों को आवारा पशु की परेशानी से बचाना रहेंगे मुद्दे
सवाल-हनुमान बेनीवाल और सतीश पूनिया यहां प्रचार करेंगे और रामेश्वर डूडी भी नाराज हैं इसका असर क्या चुनाव में पड़ेगा क्या जाट कम्युनिटी में मंडावा में भी नाराजगी है
जवाब- जाट कम्युनिटी समझदार है रामेश्वर डूडी को लेकर जो हुआ उसमें सोचने का काम बड़े लेवल का है रामेश्वर डूडी का आशीर्वाद हमेशा मुझ पर बना रहा मैं जब निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी से निष्कासित थी तो रामेश्वर डूडी और सचिन पायलट में मिलकर मुझे लाने का का काम किया था हां यह सही है कि भाजपा के लोग इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हनुमान बेनीवाल और सतीश पूनिया का यहां कोई असर नहीं है हनुमान बेनीवाल किस स्तर पर भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए बोलते थे वह सब जानते हैं आज वही हनुमान बेनीवाल भाजपा की तारीफें कर रहे हैं शेखावटी की जनता और उसमें भी झुंझुनू और खासतौर पर मंडावा की जनता सब जानती है कि उन्हें क्या करना है और उनका भला कौन चाहता है बेनीवाल और सतीश पूनिया 2 दिन आएंगे उसके बाद देखेंगे भी नहीं मंडावा की जनता के दो कामायनी है रीटा चौधरी सतीश पूनिया और हनुमान बेनीवाल का फैक्टर यहां कोई काम नहीं करेगा
सवाल -कांग्रेसमें आपसी गुटबाजी का ओला परिवार ने बना रखी है चुनाव प्रचार से दूरी
हमारे राष्ट्रीय अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस को केवल कांग्रेसी हरा सकती है कोई दूसरा नहीं यह सब पॉलिटिक्स में चलता रहता है ओला परिवार महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में व्यस्त होने के चलते नहीं आ पाया होगा जब आएगा तो वह भी आ जाएंगे
सवाल- रीटा चौधरी को लेकर मैथ की वह इकोस्टिक है
भाजपा का यह प्रोपेगेंडा था साल 2008 में में चुनाव जीती तो मेरे खिलाफ चुनाव लड़े नेताओं ने यह माहौल खड़ा किया सबको पता है कि कांग्रेस का टिकट मिलेगा इसीलिए कभी ईगो की बात करते हैं तो कभी कुछ और था ना कि यह सच है इस साल 2008 में चुनाव जीतने के बाद पॉलिटिक्स में नहीं होने के कारण उस समय में समझ नहीं पाई थी कि किस तरीके से शुरुआत करनी है कुछ गलतियां हुई है उनको सुधार लिया है
सवाल- भाजपा की प्रत्याशी का कांग्रेस बैकग्राउंड होने का क्या होगा नुकसान
जो कैंडिडेट मेरे सामने है उनके ससुर को मेरे पिता रामनारायण चौधरी नहीं प्रधान बनाया था वह मेरे पिता के वफादार से और पार्टी के अनुशासित सफाई भी सुशीला जी को भी प्रधान मेरे पिता ने ही बनाया लेकिन उसके बाद उनकी महत्वाकांक्षा बढ़ गई मंडावा में जब भी कोई चुनाव होता है तो वह हमेशा कांग्रेस का विरोध करती हैं झुंझुनू में वह कांग्रेस की हो जाती है तो मंडावा में वह भाजपा की कांग्रेस कार्यकर्ता मेरे साथ है
सवाल-क्या धारा 370 का असर होगा
लोकसभा के चुनाव नेशनल इश्यू पर हुए थे उन चुनाव में लोग नेशनल लेवल की बात करते हैं धारा 370 हटाने का कांग्रेस ने भी कभी विरोध नहीं किया केवल उस तरीके का विरोध किया था पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी कहा था की धारा 370 गिरते-गिरते खुद ही खत्म हो जाएगी लेकिन धारा 370 के हटने का स्थानीय चुनाव से कोई लेना देना नहीं है जनता को रोजगार किसानों को राहत और बिजली पानी सड़क स्थानीय चुनाव में मुद्दे होते हैं लोकसभा चुनाव में भी मंडावा के विधायक होने के बावजूद सांसद बने नरेंद्र कुमार को सबसे कम लीड मंडावा सीट से ही मिली थी ऐसे में सरकार और मेरे कामों का इन चुनाव में रहेगा असर धारा 370 का तो नहीं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के बेटी बचाओ का नारा मंडावा में मेरे लिए कर रहा है काम
121 रीटा चौधरी प्रत्याशी मंडावा





Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 7:10 AM IST
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