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50 पैसे वसूलने के लिए लगी लोक अदालत, शर्म के मारे बैंक अधिकारी कुर्सी छोड़ भागे - 50 पैसे के लिए नोटिस

खेतड़ी उपखंड के त्योंदा निवासी जितेन्द्र सिंह ना तो विजय माल्या की तरह उद्योगपति है और ना ही नीरव मोदी की तरह हीरा व्यावसायी. ना जितेन्द्र कोई धांधली कर लंदन भागा और ना ही कोई अपराध किया है. इनका बैंक ने महज 50 पैसे का बकाया निकला था. जिसे वसूलने के लिए बड़े-बड़े अधिकारियों की फौज पीछे लग गई और नोटिस तक थमा दिया.

lok adalat for 50 paise , खेतड़ी लोक अदालत
recovering 50 paisa case
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Published : Dec 14, 2019, 7:33 PM IST

खेतड़ी/झुंझुनू. अदालत में कई मामले ऐसे आ जाते हैं जो चर्चा का विषय बन जाते हैं. ऐसे मामलों को निपटाने में जहां कोर्ट का समय तो जाया होता ही है. साथ ही परिवादियों को भी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है. ऐसा ही एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया खेतड़ी में सजी एक लोक अदालत में.

जब 50 पैसे की रिकवरी का विवाद पहुंचा लोक अदालत...

दरअसल, जितेंद्र का खेतड़ी एसबीआई बैंक में जनधन खाता है. जिसमें वर्तमान में 124 रुपये जमा भी हैं. लेकिन बीते गुरुवार बैंक कर्मियों ने जितेंद्र के घर पहुंचकर 50 पैसे बकाया निकालकर नोटिस थमा दिया. जिसमें लिखा था. शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः स्पेशल: चूरू के बंशीधर पारीक का नायाब कलेक्शन

वहीं, रीड की हड्डी में दिक्कतों के बाद जितेन्द्र चलने फिरने में असमर्थ था ऐसे में उनके पिता विनोद सिंह डरे सहमे खेतड़ी में लगी लोक अदालत में पहुंचे. 50 पैसे के निपटारे का मामला देखकर आसपास के ग्रामीण और वकीलों की भीड़ भी लोक अदालत में जमा हो गई और ये चर्चा का विषय बन गया.

lok adalat for 50 paise , खेतड़ी लोक अदालत
बैंक द्वारा भेजा गया नोटिस

विषय तब और कोतुहल का हो गया जब शर्म के मारे बैंक अधिकारी बिना पैसे जमा किए ही मौके से कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए. पीड़ित जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने बताया कि वे सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर रहे हैं.

पढ़ेंः Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि मेरे क्लाइंट के पास 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था जब लोक अदालत में मेरा क्लाइंट 50 पैसे जमा करवा कर एनओसी लेने पहुंचा तो अधिकारियों ने पैसे जमा करने से मना कर दिया और मेरे क्लाइंट को एनओसी भी नहीं दी. अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा.

खेतड़ी/झुंझुनू. अदालत में कई मामले ऐसे आ जाते हैं जो चर्चा का विषय बन जाते हैं. ऐसे मामलों को निपटाने में जहां कोर्ट का समय तो जाया होता ही है. साथ ही परिवादियों को भी मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है. ऐसा ही एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया खेतड़ी में सजी एक लोक अदालत में.

जब 50 पैसे की रिकवरी का विवाद पहुंचा लोक अदालत...

दरअसल, जितेंद्र का खेतड़ी एसबीआई बैंक में जनधन खाता है. जिसमें वर्तमान में 124 रुपये जमा भी हैं. लेकिन बीते गुरुवार बैंक कर्मियों ने जितेंद्र के घर पहुंचकर 50 पैसे बकाया निकालकर नोटिस थमा दिया. जिसमें लिखा था. शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः स्पेशल: चूरू के बंशीधर पारीक का नायाब कलेक्शन

वहीं, रीड की हड्डी में दिक्कतों के बाद जितेन्द्र चलने फिरने में असमर्थ था ऐसे में उनके पिता विनोद सिंह डरे सहमे खेतड़ी में लगी लोक अदालत में पहुंचे. 50 पैसे के निपटारे का मामला देखकर आसपास के ग्रामीण और वकीलों की भीड़ भी लोक अदालत में जमा हो गई और ये चर्चा का विषय बन गया.

lok adalat for 50 paise , खेतड़ी लोक अदालत
बैंक द्वारा भेजा गया नोटिस

विषय तब और कोतुहल का हो गया जब शर्म के मारे बैंक अधिकारी बिना पैसे जमा किए ही मौके से कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए. पीड़ित जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने बताया कि वे सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर रहे हैं.

पढ़ेंः Exclusive: 'सरकार' के 1 साल : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के कामों का लेखा-जोखा, बस एक नजर में

जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि मेरे क्लाइंट के पास 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था जब लोक अदालत में मेरा क्लाइंट 50 पैसे जमा करवा कर एनओसी लेने पहुंचा तो अधिकारियों ने पैसे जमा करने से मना कर दिया और मेरे क्लाइंट को एनओसी भी नहीं दी. अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा.

Intro:Body:50 पैसे के लिए खेतड़ी में सजी लोक अदालत, परिवादी पैसे जमा करवाने पहुंचे तो बैंक के अधिकारी कुर्सी छोड़कर भागे
खेतड़ी/झुंझुनूं
अदालत में कई मामले ऐसे आ जाते हैं जो पेचीदा और चर्चा का विषय बन जाते हैं उनको निपटाने के लिए समय-समय पर लोक अदालत सजती है। शनिवार को खेतड़ी लोक अदालत में एक अजीबोगरीब मामला आया जो पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। वैसे तो बड़े बड़े बैंकों में बड़े-बड़े उद्योगपति हजारों करोड रुपए का कर्ज लेकर चुकाए बिना चंपत हो जाते हैं और विदेशों में रहकर ऐसो आराम करते हैं। चाहे भारत की सरकार हो, चाहे पुलिस, उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है और जब मामला किसी गरीब का हो तो ऊपर से लेकर नीचे तक अधिकारियों की फौज गरीब के घर पहुंच कर उसके मुंह से निवाला छीनने के लिए आमादा हो जाते हैं। मामला है खेतड़ी उपखंड के त्योंदा निवासी जितेंद्र कुमार पुत्र विनोद सिंह का। जानकारी के अनुसार जितेंद्र कुमार का खेतड़ी एसबीआई बैंक में जनधन खाता खुला हुआ है खाते में वर्तमान में 124 रूपये जमा भी है लेकिन फिर भी बैंक वालों ने गुरुवार रात्रि 11 बजे जितेंद्र के घर पहुंचकर 50 पैसे बकाया का नोटिस थमा दिया। जितेंद्र कुमार ने बताया कि नोटिस में लिखा हुआ था कि शनिवार को लोक अदालत में पहुंचकर 50 पैसे जमा करवाएं अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जितेंद्र की रीड की हड्डी में प्रॉब्लम और चलने फिरने में असमर्थ होने की वजह से उसके पिता विनोद सिंह डरे सहमे में खेतड़ी लोक अदालत में पहुंचे । 50 पैसे का नोटिस का मामला देखकर आसपास के ग्रामीण और वकीलों की भीड़ लोक अदालत में जमा हो गई और शर्म के मारे बैंक अधिकारी बिना पैसे जमा किए ही मौके से कुर्सी छोड़ कर रफूचक्कर हो गए। पीड़ित जितेंद्र के पिता विनोद सिंह ने बताया कि मैं सुबह से 50 पैसे जमा कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा हूं लेकिन बैंक के अधिकारी पैसे जमा करने से मना कर रहे हैं। जितेंद्र के वकील विक्रम सिंह ने बताया कि मेरे क्लाइंट के पास 50 पैसे जमा करवाने का नोटिस एसबीआई बैंक अधिकारियों ने दिया था जब लोक अदालत में मेरा क्लाइंट 50 पैसे जमा करवा कर एनओसी लेने पहुंचा तो अधिकारियों ने पैसे जमा करने से मना कर दिया और मेरे क्लाइंट को एनओसी भी नहीं दी। अब बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और मानहानि का दावा पेश किया जाएगा।

बाईट विनोद सिंह पिङित
विक्रम सिंह पीड़ित का वकीलConclusion:
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