नवलगढ़ (झुंझुनूं). शेखावाटी के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लोहार्गल धाम के देवनारायण बगीची में श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. तीर्थराज लोहार्गल इस समय धार्मिक वातावरण से सराबोर है. एक ओर 24 कोसीय परिक्रमा रोजाना लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर देवनारायण बगीची में भागवत कथा का रसपान हो रहा है.
कथावाचक पंडित चिरंजीव शास्त्री ने बताया कि जब-जब भी धर्म का नाश होता है तब तब भगवान अवतार लेते हैं. पापों के नाश के लिए कई रूपों में भगवान अनेक लीलाएं करते हैं. कथा के पावन प्रसंग में माखन लीला, पूतना वध, गोवर्धन पूजा, कृष्ण जन्म, मटकी फोड़, दही हांडी, कृष्ण-सुदामा मिलन, वामनावतार, नृसिंह अवतार आदि लीलाओं का सजीव चित्रण किया जा रहा है. श्रद्धालुओं ने भगत सांवताराम से आशीर्वाद लिया. उन्होंने सभी को धर्म के कार्य करने के लिए प्रेरित किया. कथा में मौजूद श्रद्धालुओं को माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया.
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वहीं वैदिक मंत्रों के द्वारा भगवान की स्तुति पाठ किया गया. भगत सांवताराम ने कहा कि कलियुग में राम का नाम ही जीवन का आधार है. इस भागवत में पित्रों की प्रसन्नता के लिए भगवान का नाम ही मुक्ति का मुख्य मार्ग है. यज्ञाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि रोजाना ग्यारह जोड़े द्वारा बैठकर प्रातः आठ से ग्यारह बजे तक पूजा-अर्चना और शिव का अभिषेक वेद मंत्रों से किया जाता है.
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इस मौके पर डॉ बीरबल सैनी, मुकेश गुर्जर, रामकरण, ग्यारसी लाल गुर्जर, कानाराम गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर, बाबू गुर्जर, सुवालाल, नवल, गीगराज गुर्जर, भंवर लाल गुर्जर श्रवण गुर्जर, भंवर लाल गुर्जर, भोला भंडारी, भोपाल गिरावड़ी, सुल्तान कोली, गिगराज, सांवरमल डोई, जग्गूराम बीरबल सिराधना, नेकीराम, दिनेश, मेवाराम, बंसी कुड़ी सहित देव नारायण सेवा समिति सदस्यों सहित सैकड़ों महिलाएं और पुरुष मौजूद रहें.