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Jhunjhunu son martyr: झुंझुनू का एक और लाल देश की सेवा करते शहीद, झांसी में था तैनात

झुंझुनू का एक और वीर सपूत देश के लिए कुर्बान हो गया है. बीती रात आर्मी के फायरिंग रेंज में बैरल में बारूद का गोला (Jhunjhunu son martyr of serving the country) भरने के दौरान अचानक बैरल फट गया जिसमें गुढ़ा गौढ़जी के निकटवर्ती गांव गुढ़ाबावनी के नायब सूबेदार सुमेर सिंह बगड़िया शहीद हो गए.

Jhunjhunu son martyr of serving the country
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Published : Oct 7, 2022, 5:31 PM IST

झुंझुनू. वीर शहीदों की धरा झुंझुनू का एक और लाल देश की सेवा करते हुए शहीद (Jhunjhunu son martyr of serving the country) हो गया. गुढ़ा गौढ़जी के निकटवर्ती गांव गुढ़ाबावनी के नायब सूबेदार सुमेर सिंह बगड़िया शहीद हो गए हैं. नायब सूबेदार सुमेर सिंह झांसी के बबीना में आर्मी की 55 आर्म्ड कोर में तैनात थे. बीती रात आर्मी के फायरिंग रेंज में जवान बैरल में गोला भर रहे थे. तभी अचानक बैरल फट गया. घटना में नायब सूबेदार सुमेर सिंह समेत दो जवान शहीद हो गए जबकि एक की की हालत गंभीर है.

शहादत की सूचना पर शहीद नायब सूबेदार सुमेर सिंह बगड़िया के पैतृक गांव में शोक की लहर है. जवान सुमेर सिंह एक माह पूर्व ही छुट्टियां बिताकर पोस्टिंग पर लौटे थे और वादा करके गए थे कि अबकी बार दिवाली घर वालों के साथ ही मनाएंगे. झांसी आर्मी अस्पताल में पोस्टमार्टम प्रक्रिया के बाद शहीद का पार्थिव देह सड़क मार्ग के जरिए शनिवार को पैतृक घर लाया जाएगा. सुमेर सिंह ने वर्ष 1998 में इंडियन आर्मा ज्वाइन की थी.

पढ़ें. जम्मू में तैनात झुंझुनू का लाल शहीद, राजकीय सम्मान के साथ कल होगा अंतिम संस्कार

शहीद सुमेर सिंह की वीरांगना सुमन देवी निजी स्कूल में अध्यापिका हैं. सुमेर सिंह का आठ वर्षीय बेटा कृष और 15 वर्ष की एक बेटी भावना है. सुमेर सिंह के तीन भाई प्रहलाद नागरमल, बोदूराम और जगमाल हैं. सुमेर सिंह के शहीद होने की सूचना के बाद से घरवालों का बुरा हाल है.

झुंझुनू. वीर शहीदों की धरा झुंझुनू का एक और लाल देश की सेवा करते हुए शहीद (Jhunjhunu son martyr of serving the country) हो गया. गुढ़ा गौढ़जी के निकटवर्ती गांव गुढ़ाबावनी के नायब सूबेदार सुमेर सिंह बगड़िया शहीद हो गए हैं. नायब सूबेदार सुमेर सिंह झांसी के बबीना में आर्मी की 55 आर्म्ड कोर में तैनात थे. बीती रात आर्मी के फायरिंग रेंज में जवान बैरल में गोला भर रहे थे. तभी अचानक बैरल फट गया. घटना में नायब सूबेदार सुमेर सिंह समेत दो जवान शहीद हो गए जबकि एक की की हालत गंभीर है.

शहादत की सूचना पर शहीद नायब सूबेदार सुमेर सिंह बगड़िया के पैतृक गांव में शोक की लहर है. जवान सुमेर सिंह एक माह पूर्व ही छुट्टियां बिताकर पोस्टिंग पर लौटे थे और वादा करके गए थे कि अबकी बार दिवाली घर वालों के साथ ही मनाएंगे. झांसी आर्मी अस्पताल में पोस्टमार्टम प्रक्रिया के बाद शहीद का पार्थिव देह सड़क मार्ग के जरिए शनिवार को पैतृक घर लाया जाएगा. सुमेर सिंह ने वर्ष 1998 में इंडियन आर्मा ज्वाइन की थी.

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शहीद सुमेर सिंह की वीरांगना सुमन देवी निजी स्कूल में अध्यापिका हैं. सुमेर सिंह का आठ वर्षीय बेटा कृष और 15 वर्ष की एक बेटी भावना है. सुमेर सिंह के तीन भाई प्रहलाद नागरमल, बोदूराम और जगमाल हैं. सुमेर सिंह के शहीद होने की सूचना के बाद से घरवालों का बुरा हाल है.

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