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एक सरपंच ऐसा भी... गांव की बेटियों के लिए बनाई हॉकी टीम, महिलाओं को दिया रोजगार - Jhunjhunu sarpanch Neeru Yadav

बेटियों के सर्वांगिण विकास के लिए झुंझुनू की एक महिला सरपंच ने पहले तो हॉकी टीम बनाई, अब उनकी दिली इच्छा है कि उनकी टीम के खिलाड़ी राज्य व राष्ट्रीय टीम का हिस्सा (Unique Feat of Sarpanch Neeru Yadav) बने.

Unique Feat of Sarpanch Neeru Yadav
Unique Feat of Sarpanch Neeru Yadav
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Published : Feb 26, 2023, 11:03 PM IST

सरपंच नीरू यादव

झुंझुनू. आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी महिला सरपंच के बारे में बताएंगे, जिसने अपने ग्राम पंचायत लंबीहीर क्षेत्र की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए एकदम से अलग राह चुना. उसने गांव की बेटियों के लिए एक हॉकी टीम बनाई, जो वर्तमान में जिला स्तर पर खेल चुकी है. लंबीहीर की सरपंच नीरू यादव ने बताया कि हमारे यहां लकड़ियों की कम उम्र में ही शादी करा दी जाती है. उन्हें खेलने का अच्छा अवसर नहीं मिल पाता है. इसलिए हमने अपने गांव में लड़कियों को हॉकी खेलने के लिए तैयार किया. पिछले साल ही गांव में हॉकी की टीम बनी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वो स्वयं घर-घर गई और लड़कियों के अभिभावकों को इसके लिए राजी कराई.

आसान न थी डगर - नीरू यादव ने बताया कि गांव में लड़कियों को खेलने की वैसी आजादी नहीं है, जैसे लड़कों को होती है. ऐसे में लड़कियों की हॉकी टीम बनाना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि सबसे पहले वो इस बारे में लड़कियों से बात की और फिर घर- घर पर जाकर लड़कियों के अभिभावकों को इसके लिए राजी की, ताकि खेल के मैदान में बेटियों की सक्रियता बढ़ सके. इतना ही नहीं गांव की लड़कियों को हॉकी सिखाने के लिए उन्होंने अपने वेतन से एक कोच की भी व्यवस्था की. वहीं, आज गांव में क्रिकेट की तरह ही हॉकी का क्रेज भी देखते बनता है.

इसे भी पढ़ें - PAK में जन्मी नीता सितंबर में बनीं 'भारतीय', अब सरपंच बनकर संवारना चाहती हैं अपना गांव

सरकारी योजनाओं से किया गांव का कायाकल्प - नीरू बताती हैं कि जब वो गांव की सरपंच बनी तो उस समय गांव में कई तरह की समस्याएं थी, जिसके निराकरण के लिए उन्होंने ग्रामीणों संग मिलकर काम शुरू किया. जिसका परिणाम यह है कि आज धीरे-धीरे गांव की तस्वीर बदलने लगी है. पहले गांव की महिलाएं केवल घर में चूल्हा चौका करती थी. उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं था. ऐसे में अपनी पंचायत के विकास के लिए उन्होंने महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली. उन्होंने 'सच्ची सहेली महिला एग्रो' के नाम से FPO (किसान उत्पादन संगठन) बनाया, जिसे नाबार्ड से आर्थिक सहायता मिली.

ग्रामीण ओलंपिक में टीम ने लिया हिस्सा - सरपंच नीरू यादव ने बताया कि हमने जो टीम बनाई थी, वो पिछले साल जिला स्तर पर खेल चुकी है. साथ ही पिछले दिनों राजस्थान में हुए ग्रामीण ओलंपिक में भी हमारी टीम ने हिस्सा लिया था, जिसमें कई खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन किया. ऐसे में अब उनकी दिली इच्छा है कि उनकी टीम के प्लेयर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की टीम में शामिल हों.

सरपंच नीरू यादव

झुंझुनू. आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी महिला सरपंच के बारे में बताएंगे, जिसने अपने ग्राम पंचायत लंबीहीर क्षेत्र की बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए एकदम से अलग राह चुना. उसने गांव की बेटियों के लिए एक हॉकी टीम बनाई, जो वर्तमान में जिला स्तर पर खेल चुकी है. लंबीहीर की सरपंच नीरू यादव ने बताया कि हमारे यहां लकड़ियों की कम उम्र में ही शादी करा दी जाती है. उन्हें खेलने का अच्छा अवसर नहीं मिल पाता है. इसलिए हमने अपने गांव में लड़कियों को हॉकी खेलने के लिए तैयार किया. पिछले साल ही गांव में हॉकी की टीम बनी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वो स्वयं घर-घर गई और लड़कियों के अभिभावकों को इसके लिए राजी कराई.

आसान न थी डगर - नीरू यादव ने बताया कि गांव में लड़कियों को खेलने की वैसी आजादी नहीं है, जैसे लड़कों को होती है. ऐसे में लड़कियों की हॉकी टीम बनाना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि सबसे पहले वो इस बारे में लड़कियों से बात की और फिर घर- घर पर जाकर लड़कियों के अभिभावकों को इसके लिए राजी की, ताकि खेल के मैदान में बेटियों की सक्रियता बढ़ सके. इतना ही नहीं गांव की लड़कियों को हॉकी सिखाने के लिए उन्होंने अपने वेतन से एक कोच की भी व्यवस्था की. वहीं, आज गांव में क्रिकेट की तरह ही हॉकी का क्रेज भी देखते बनता है.

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सरकारी योजनाओं से किया गांव का कायाकल्प - नीरू बताती हैं कि जब वो गांव की सरपंच बनी तो उस समय गांव में कई तरह की समस्याएं थी, जिसके निराकरण के लिए उन्होंने ग्रामीणों संग मिलकर काम शुरू किया. जिसका परिणाम यह है कि आज धीरे-धीरे गांव की तस्वीर बदलने लगी है. पहले गांव की महिलाएं केवल घर में चूल्हा चौका करती थी. उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं था. ऐसे में अपनी पंचायत के विकास के लिए उन्होंने महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की, जिसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली. उन्होंने 'सच्ची सहेली महिला एग्रो' के नाम से FPO (किसान उत्पादन संगठन) बनाया, जिसे नाबार्ड से आर्थिक सहायता मिली.

ग्रामीण ओलंपिक में टीम ने लिया हिस्सा - सरपंच नीरू यादव ने बताया कि हमने जो टीम बनाई थी, वो पिछले साल जिला स्तर पर खेल चुकी है. साथ ही पिछले दिनों राजस्थान में हुए ग्रामीण ओलंपिक में भी हमारी टीम ने हिस्सा लिया था, जिसमें कई खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन किया. ऐसे में अब उनकी दिली इच्छा है कि उनकी टीम के प्लेयर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की टीम में शामिल हों.

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