झुंझुनू. दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने वाला 23 साल का एक युवक साइकिल से 2 हजार किमी यात्रा कर अपने गांव पहुंचा. जहां युवक ने पर्यावरण बचाने और राजस्थान के पर्यटन को बढ़ाने देने का संदेश दिया.
यह युवा इसी संदेश का प्रचार-प्रसार करने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक की करीब चार हजार किलोमीटर की यात्रा पर जाने का संकल्प भी लिया है. जिले के निकटवर्ती ग्राम बुडानिया में उसके परिवार जनों की मौजूदगी में गांव वालों ने युवक का स्वागत अभिनंदन कर उसे अगली यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं.
जैरी झाझड़िया ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि दिल्ली में पढ़ाई के दौरान वहां वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को लेकर बने माहौल ने उसे काफी प्रभावित किया. इसके बाद उन्होंने तय किया कि जैसे ही ग्रेजुएशन पूरा होगा, वह लगभग आधे राजस्थान की साइकिल से यात्रा करेगा. इसलिए उसने ग्रेजुएशन करने के बाद इसी साल 18 जनवरी को नई दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस से साइकिल यात्रा शुरू की. उसे राजस्थान के पर्यटन अधिकारियों से काफी हौसला और सहयोग मिला.
पूरा रूट चार्ट तैयार कर, शुरू की यात्रा
इस युवा पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि उनकी की ओर से यात्रा शुरू करने से पहले पूरा रूट चार्ट बनाया. कब, कहां पहुंचेगा, वहां किससे मिलेगा का भी पूरा मैप चार्ट बनाया. वह रोजाना करीब डेढ़ सौ किलोमीटर साइकिल चलाता था. अपनी यात्रा में जैरी ने कई स्थानों पर युवाओं को सेव एनवायरनमेंट एंड यूज साइकिल को संदेश देते हुए बताया कि प्रदूषण मानव जाति के लिए हानिकारक है.
प्रदेश के एक दर्जन जिलों में किया सफर
जैरी ने बताया कि वह दिल्ली से अलवर, खेतड़ी, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, अजमेर, पुष्कर, बोरूंदा, जोधपुर, देचू, पोकरण, जैसलमेर, रामदेवरा, बीकानेर, चूरू होते हुए झुंझुनू पहुंचा. यहां से दोपहर को वह अपने पैतृक गांव बुडानिया पहुंचा, जहां उसके दादा सांवलराम झाझड़िया, कप्तान रामावतार सिंह भांबू, नाना एक्स फौजी सुल्तान सिंह चाहर, शिक्षाविद सज्जन सिंह झाझडिय़ा, लक्ष्मण राम झाझडिय़ा, बजरंग बुडानिया, पीटीआई बीरबल सिंह झाझडिय़ा, रोहिताश झाझडिया, पहलवान लीला गुर्जर, विजेंद्र बुडानिया सहित गांव वालों ने इस युवा पर्यावरण प्रेमी का अभिनंदन किया.
जिला कलेक्टर ने मनरेगा के कार्यो का किया औचक निरीक्षण
झुंझुनू में जिला कलेक्टर उमर दीन खान ने शनिवार को विभिन्न गांवों में चल रहे मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा है कि मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, यह ऐसी योजना है, जिससे दो स्तरीय लाभ मिलता है. पहला गांव के विकास का और दूसरा गांव के वासिंदों को रोजगार देने का. इसलिए इस योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग, सही काम का चिन्हिकरण, काम में पारदर्शिता, श्रमिकों की उपलब्धता अपने आप में महत्वपूर्ण है.