झुंझुनू. जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा चलाई जा रही जनता जल योजनाओं का संचालन ग्राम जल स्वच्छता समितियां करेगी. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5 साल पहले इन समितियों का ग्राम स्तर पर गठन किया गया था. इन समितियों के सदस्यों को स्वच्छता की गतिविधियों के संचालन का प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन ग्राम पंचायतों के सरपंचों और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा इन्हें काम नहीं दिए जाने के कारण ये समितियां निष्क्रिय हो चुकी थी.
अभी केवल एक पंचायत समिति में सरपंच
जिले के 8 में से 7 ब्लॉकों में निर्वाचित सरपंच और वार्ड पंच नहीं होने के कारण ग्राम पंचायतों के प्रबंधन में स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं रही है. ऐसी स्थिति में जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी विकास अधिकारियों और ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ग्राम जल और स्वच्छता समितियों के सदस्यों के रिक्त पदों पर स्वच्छता की गतिविधियों में रुचि रखने वाले लोगों को शामिल करें. इन समितियों को गांवों की जल प्रदाय और स्वच्छता गतिविधियों के संचालन का काम सौंपें. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों द्वारा संचालित जनता जल योजना के तहत नलकूपों का संधारण, घरेलू कनेक्शन का नियमन, पेयजल का दुरुपयोग रोककर समान वितरण और पंप चालकों पर समुचित नियंत्रण के कार्यों में इन समितियों को जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए गए है.
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पेयजल की व्यवस्था अभी पंप चालकों के भरोसे
वर्तमान में जिले 385 गांवों में पेयजल की व्यवस्था जनता जल योजना के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा की जा रही है, जो पंप चालकों के भरोसे चल रही है. कुछ गांवों में पंप चालकों की मनमानी और लापरवाही के कारण अत्यधिक जल दोहन के बावजूद कमजोर तबके के लोगों को पेयजल उपलब्ध ना होने के साथ ही बार-बार मोटर जलाकर पंचायत फंड को चूना लगाने की शिकायतों पर लगाम लगाने के लिये ये समितियां असर कारी होंगी.