झुंझुनु. राजस्थान के झुंझुनू जिले के जगदीप धनखड़ जो कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं, को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है. जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान में झुंझुनू जिले के किठाना में हुआ था. उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए द्वारा नाम घोषित किए जाने के बाद (Celebration in Jagdeep Dhankhar Village) झुंझुनू में ही नहीं, पूरे शेखावाटी में उत्सव का माहौल है.
उनके गांव किठाना में लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर (Jhunjhunus Kithana Village of Rajasthan) खुशियां मना रहे हैं. उनके परिवार वालों का कहना है कि जगदीप धनखड़ ने दिनोंदिन उन्नति की है और आज उपराष्ट्रपति के पद पर विराजमान होने जा रहे हैं. यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है.
तीन भाइयों में जगदीप धनखड़ दूसरे नंबर के हैं. उनके बड़े भाई कुलदीप कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं और उनसे छोटे (Jagdeep Dhankhar NDA Vice Presidential Candidate) रणदीप धनखड़ आरटीडीसी में चेयरमैन रह चुके हैं. संयोग की बात यह भी है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की घोषणा भी शनिवार को हुई थी और उपराष्ट्रपति पद के लिए शनिवार को ही एनडीए ने उनकी उम्मीदवारी घोषित की है. मीडिया से बातचीत में धनखड़ के गांव के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला.
गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर भाजपा में शामिल हुए थे धनखड़ : धनखड़ 1990 में चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली अल्पमत सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. जब पीवी. नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने तो वह कांग्रेस में शामिल हो गए. राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत का प्रभाव बढ़ने पर धनखड़ भाजपा में शामिल हो गए और कहा जाता है कि वह जल्द वसुंधरा राजे के करीबी बन गए. धनखड़ का राजनीतिक सफर उस समय करीब एक दशक के लिए थम गया, जब उन्होंने अपने कानूनी करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित किया. जुलाई 2019 में धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और तब से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करने को लेकर वह अक्सर सुर्खियों में रहे हैं.
खेल प्रेमी के रूप में जाने जाते हैं धनखड़ : राजस्थान में झुंझुनू जिले के एक सुदूर गांव में किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से पूरी की भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि ली. धनखड़ ने राजस्थान उच्च न्यायालय और देश के उच्चतम न्यायालय, दोनों में वकालत की. 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. 1993 में वह अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा पहुंचे. धनखड़ को एक खेल प्रेमी के रूप में भी जाना जाता है और वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं.
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