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झुंझुनूः सरकार ने की विद्यार्थियों के लिए ई-लर्निंग की व्यवस्था - jhunjhunu news

लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों को अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने तथा ई-लर्निंग व्यवस्था की गई है. लेकिन, इन सब में सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को गैजेटस की कमी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

झुंझुनू न्यूज, jhunjhunu news
ई लर्निंग से कैसे पढ़ पाएंगे सरकारी स्कूल की विद्यार्थी
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Published : Apr 19, 2020, 8:52 PM IST

झुंझुनू. सरकार ने विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने तथा ई-लर्निंग की घोषणा की है. ई-लर्निंग से निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तो फायदा हो जाएगा, लेकिन सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे. क्योंकि सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों के पास ना तो लैपटॉप है, ना ही कंप्यूटर और ना ही मल्टीमीडिया मोबाइल.

ई लर्निंग से कैसे पढ़ पाएंगे सरकारी स्कूल की विद्यार्थी

ऐसे हालात में सरकार की ओर से कोई रोडमैप भी जारी नहीं किया गया है कि इनके बिना सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी कैसे पढ़ पाएंगे. शिक्षा विभाग के अधिकारी केवल यह समझकर काम कर रहे हैं कि घर में किसी न किसी के पास तो उस तरह का फोन होगा और विद्यार्थियों को सहायता मिल जाएगी.

112179 विद्यार्थियों को क्रमोन्नत

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते देश प्रदेश के विद्यार्थियों की तरह ही झुंझुनू के स्टूडेंट्स की भी पढ़ाई भी पूर्णतया बाधित है.

पढ़ेंः कोरोना के चलते टला जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण, अगले वर्ष होने की संभावना

राज्य सरकार ने 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को छोड़कर अन्य विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने के निर्णय के चलते जिले के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं, कक्षा 9 और ग्यारहवीं के करीब 112179 विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया गया है. इसके अलावा यहां के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थी हैं जो अगली कक्षाओं में क्रमोन्नत हो गए हैं.

मुश्किल है एंड्रॉयड फोन मिलना

साथ ही विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन सिस्टम के तहत ई-लर्निंग कंटेंट और यूट्यूब के चैनलों पर पढ़ाने का निर्णय किया गया है. ऐसे में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश विद्यार्थियों या फिर उनके अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल उपलब्ध है, जिससे वे ई-लर्निंग से पढ़ाई कर लेंगे.

पढ़ेंः झुंझुनूः फर्ज की राह में शादी की रस्में रह गईं अधूरी...

परंतु सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे कमजोर तबके से आते हैं. ऐसे में उनके सामने एंड्राइड मोबाइल फोन लाना एक बड़ी चुनौती है और ऐसे में ऑनलाइन सिस्टम के तहत पढ़ाई करने में सक्षम नहीं है.

झुंझुनू. सरकार ने विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने तथा ई-लर्निंग की घोषणा की है. ई-लर्निंग से निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तो फायदा हो जाएगा, लेकिन सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे इसका फायदा नहीं उठा सकेंगे. क्योंकि सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों के पास ना तो लैपटॉप है, ना ही कंप्यूटर और ना ही मल्टीमीडिया मोबाइल.

ई लर्निंग से कैसे पढ़ पाएंगे सरकारी स्कूल की विद्यार्थी

ऐसे हालात में सरकार की ओर से कोई रोडमैप भी जारी नहीं किया गया है कि इनके बिना सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी कैसे पढ़ पाएंगे. शिक्षा विभाग के अधिकारी केवल यह समझकर काम कर रहे हैं कि घर में किसी न किसी के पास तो उस तरह का फोन होगा और विद्यार्थियों को सहायता मिल जाएगी.

112179 विद्यार्थियों को क्रमोन्नत

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के चलते देश प्रदेश के विद्यार्थियों की तरह ही झुंझुनू के स्टूडेंट्स की भी पढ़ाई भी पूर्णतया बाधित है.

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राज्य सरकार ने 10वीं, 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को छोड़कर अन्य विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने के निर्णय के चलते जिले के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठवीं, कक्षा 9 और ग्यारहवीं के करीब 112179 विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया गया है. इसके अलावा यहां के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थी हैं जो अगली कक्षाओं में क्रमोन्नत हो गए हैं.

मुश्किल है एंड्रॉयड फोन मिलना

साथ ही विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन सिस्टम के तहत ई-लर्निंग कंटेंट और यूट्यूब के चैनलों पर पढ़ाने का निर्णय किया गया है. ऐसे में निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश विद्यार्थियों या फिर उनके अभिभावकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल उपलब्ध है, जिससे वे ई-लर्निंग से पढ़ाई कर लेंगे.

पढ़ेंः झुंझुनूः फर्ज की राह में शादी की रस्में रह गईं अधूरी...

परंतु सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे कमजोर तबके से आते हैं. ऐसे में उनके सामने एंड्राइड मोबाइल फोन लाना एक बड़ी चुनौती है और ऐसे में ऑनलाइन सिस्टम के तहत पढ़ाई करने में सक्षम नहीं है.

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