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झुंझुनूः कोरोना प्रकोप के चलते गणेश चतुर्थी के आयोजन रहे फीके

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Published : Aug 22, 2020, 6:38 PM IST

झुंझुनू के सूरजगढ़ में कोरोना के प्रकोप से गणेश चतुर्थी के आयोजन फीके रहे. गणेश चतुर्थी पर होने वाले बड़े आयोजन इस बार कोरोना की वजह से रद्द किए गए है. उपखंड में सादगी और सरकारी गाइडलाइन के आधार पर इस बार गणपति बप्पा का जन्मोत्सव मनाया गया.

Surajgarh Subdivision News, Jhunjhunu News
कोरोना से फीकी इस बार की गणेश चतुर्थी

सूरजगढ़ (झुंझुनू). कोरोना महामारी के कारण सिद्धि विनायक गणपति महाराज के जन्मोत्सव की रौनक इस वर्ष फीकी नजर आ रही है. जिले के सूरजगढ़ कस्बे में गणपति जन्मोत्सव हर साल बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता था. लेकिन इस साल कोरोना के कारण गणेश जन्मोत्सव पर होने वाले विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन रद्द किये जा चुके है.

कोरोना से फीकी इस बार की गणेश चतुर्थी

उपखंड के वार्ड संख्या 15 में गणेश मंदिर का 42वां वार्षिकोत्सव भी आयोजकों की ओर से रद्द कर दिया गया. मंदिर प्रांगण में विशेष पूजा अर्चना के साथ बाबा का जन्मोत्सव साधारण और सादगी के साथ मनाया गया. वहीं कस्बे के 435 वर्ष पुराने प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में भी मां राजेश्वरी सेवक मंडल के तत्वाधान में हर साल जिले का बड़ा गणपति महोत्सव आयोजित होता था. लेकिन कोरोना की वजह से इस बार इसे भी स्थगित करना पड़ा.

पढ़ेंः कोटा: गणेश चतुर्थी का बाजारों में नजर आया उत्साह, बड़ी संख्या में बिकी पीओपी की मूर्तियां

महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में गणपती महोत्सव की परंपरा को निभाने के उद्देश्य से गणपती महोत्सव के आयोजन को सूक्ष्म कर दिया गया. पंडित आनंद शर्मा के आचार्यत्व में महंत क्रांतिदास महाराज ने मंदिर में मूर्ती की स्थापना कर सरकारी गाइडलाइन की पालना के आधार पर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. पांच दिनों तक चलने वाली इस विशेष पूजा अर्चना में भीड़ पर रोक रहेगी. सोशल डिस्टेंस की अनुपालना के आधार पर ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करवाकर बाबा के दर्शन कराये जायेंगे.

सूरजगढ़ (झुंझुनू). कोरोना महामारी के कारण सिद्धि विनायक गणपति महाराज के जन्मोत्सव की रौनक इस वर्ष फीकी नजर आ रही है. जिले के सूरजगढ़ कस्बे में गणपति जन्मोत्सव हर साल बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता था. लेकिन इस साल कोरोना के कारण गणेश जन्मोत्सव पर होने वाले विभिन्न प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन रद्द किये जा चुके है.

कोरोना से फीकी इस बार की गणेश चतुर्थी

उपखंड के वार्ड संख्या 15 में गणेश मंदिर का 42वां वार्षिकोत्सव भी आयोजकों की ओर से रद्द कर दिया गया. मंदिर प्रांगण में विशेष पूजा अर्चना के साथ बाबा का जन्मोत्सव साधारण और सादगी के साथ मनाया गया. वहीं कस्बे के 435 वर्ष पुराने प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में भी मां राजेश्वरी सेवक मंडल के तत्वाधान में हर साल जिले का बड़ा गणपति महोत्सव आयोजित होता था. लेकिन कोरोना की वजह से इस बार इसे भी स्थगित करना पड़ा.

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महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में गणपती महोत्सव की परंपरा को निभाने के उद्देश्य से गणपती महोत्सव के आयोजन को सूक्ष्म कर दिया गया. पंडित आनंद शर्मा के आचार्यत्व में महंत क्रांतिदास महाराज ने मंदिर में मूर्ती की स्थापना कर सरकारी गाइडलाइन की पालना के आधार पर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. पांच दिनों तक चलने वाली इस विशेष पूजा अर्चना में भीड़ पर रोक रहेगी. सोशल डिस्टेंस की अनुपालना के आधार पर ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करवाकर बाबा के दर्शन कराये जायेंगे.

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