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झुंझुनू: किसानों का हल्लाबोल, मुआवजा नहीं मिलने से हैं नाराज

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Published : Jan 25, 2020, 3:26 PM IST

झुंझुनू जिले के मलसीसर क्षेत्र में पिछले साल सूखे के कारण काफी फसल बर्बाद हो गई थी. किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा भी करवा रखा था. लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को खराब हुई फसल का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. पढ़ें विस्तृत ख़बर.

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किसानों का हल्ला बोल

झुंझुनू. फसल के खराब होने के एक साल बीत जाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने शनिवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी उन्हें अनावश्यक परेशान कर रही है, और मुआवजा देने से बच रही है.

किसानों का हल्ला बोल...

मामला जिले के मलसीसर क्षेत्र का है, जहां पिछले साल सूखे के कारण काफी फसल बर्बाद हो गई थी. किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा भी करवा रखा था. लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को खराब हुई फसल का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

सर्वे के बावजूद नहीं मिला मुआवजा...

पटवारी व कृषि विभाग के कर्मचारियों के द्वारा करवाए गए सर्वे में भी फसल का सौ प्रतिशत नुकसान होना पाया गया था. इसकी रिपोर्ट जिले के सांख्यिकी विभाग के पास भी है.

यह भी पढ़ेंः Special : पहले रानी के लिए बना जलमहल...अब 'जल की रानी' की कब्रगाह

शनिवार को किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. किसानों ने धमकी दी है, कि अगर उन्हें जल्द से जल्द उनकी फसल का उचित मुआवजा नहीं दिया जाता है तो वे बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

झुंझुनू. फसल के खराब होने के एक साल बीत जाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने शनिवार को कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी उन्हें अनावश्यक परेशान कर रही है, और मुआवजा देने से बच रही है.

किसानों का हल्ला बोल...

मामला जिले के मलसीसर क्षेत्र का है, जहां पिछले साल सूखे के कारण काफी फसल बर्बाद हो गई थी. किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा भी करवा रखा था. लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को खराब हुई फसल का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

सर्वे के बावजूद नहीं मिला मुआवजा...

पटवारी व कृषि विभाग के कर्मचारियों के द्वारा करवाए गए सर्वे में भी फसल का सौ प्रतिशत नुकसान होना पाया गया था. इसकी रिपोर्ट जिले के सांख्यिकी विभाग के पास भी है.

यह भी पढ़ेंः Special : पहले रानी के लिए बना जलमहल...अब 'जल की रानी' की कब्रगाह

शनिवार को किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. किसानों ने धमकी दी है, कि अगर उन्हें जल्द से जल्द उनकी फसल का उचित मुआवजा नहीं दिया जाता है तो वे बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

Intro:बैंकों से फसलों के लिए लिए जाने वाले दीर्घकालीन ऋण किसान कार्ड के तहत स्वतः ही किसानों के बैंक अकाउंट से बीमा के लिए पैसा काट लिया जाता है लेकिन जब मुआवजे की बात आती है तो बीमा कंपनियां कई तरह के बहाने बनाने लग जाती हैं। इसी तरह से झुंझुनू में फसल के खराब होने के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने प्रदर्शन किया और जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने की मांग की।


Body:झुंझुनू। जिले के मलसीसर क्षेत्र में गत वर्ष पाले की वजह से हुई फसल खराबे का अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है और इसके चलते किसानों ने यहां पर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि जिले मे रबी की फसल के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करने के लिए राज्य सरकार के द्वारा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया को निर्धारित किया गया था। उक्त कंपनी को मलसीसर तहसील के सभी बैंकों ने केसीसी धारक किसानों की बीमा किस्त की राशि बीमा कंपनी को निर्धारित समय में जमा करवा दी थी परंतु वर्षा के अभाव में रबी की फसल के पूर्णतया खराब होने के बावजूद हजारों किसानों के खातों में बीमा क्लेम की राशि बीमा कंपनी के द्वारा अभी तक जमा नहीं करवाई गई है।

पूरी तरह से खराबे का हुआ था सर्वे
पटवारी व कृषि विभाग के कर्मचारियों के द्वारा करवाए गए सर्वे में भी 100% तक नुकसान माना गया है जिसकी प्रति जिले के कृषि विभाग में सांख्यिकी विभाग के पास है। जिसमें तहसील के अधिकांश गांव न्यूनतम उपज से 60 से 100% तक कम उपज वाले हैं ।अब बीमा कंपनी के द्वारा अनेक गांव के किसानों को इससे वंचित कर दिया गया है। बुधा का बास पंचायत जो सर्वे के अनुसार 100% नुकसान में मानी गया व गांव ढाणी चारण के किसानों को पिछले 3 साल से बीमा क्लेम की राशि नहीं मिल रही है ,ढीलसर गांव के किसानों के खाते में भी कोई राशि जमा नहीं करवाई गई है। किसानों की बीमा क्लेम की राशि का ब्याज बैंक ले रहे हैं। बीमा कंपनी ने अधिसूचना के नियम के अनुसार तहसील मलसीसर में कोई अपना कर्मचारी कभी नहीं रखा ना ही किसानों को बीमा संबंधित कोई जानकारी दी ।किसानों की मांग है कि बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को बुलवाकर कृषि विभाग के माध्यम से गरीब किसानों को बीमा क्लेम दिलवाया जाए।


बाइट महेंद्र कपूरिया, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि


Conclusion:
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