जयपुर: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से राजधानी में चल रहे महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय आरएसी बटालियन में उर्दू विषय को बंद कर यहां संस्कृत का पद सृजित करने के आदेश दिए गए हैं. इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्रधानाचार्य से तृतीय भाषा संस्कृत विषय शुरू करने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ ने इस पर विरोध जताया है और इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.
शिक्षा विभाग में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी का एक आदेश चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय आरएसी बटालियन में तृतीय भाषा के रूप में उर्दू विषय को बंद कर संस्कृत विषय का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में स्कूल प्रशासन की ओर से प्रस्ताव भी भेजा गया है. इसके विरोध में राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि उर्दू विषय को बंद कर संस्कृत विषय को शुरू करने का प्रस्ताव मांगा गया है, जबकि स्कूल में 127 छात्र उर्दू विषय पढ़ रहे हैं, और महज 17 बच्चे संस्कृत विषय पढ़ रहे हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री के निर्देश पूरी तरह गलत हैं.
इसे भी पढ़ें- शिक्षा विभाग में जारी की उर्दू और सामान्य स्कूलों के लिए अलग अवकाश कैलेंडर, हो रहा पुरजोर विरोध
आदेश वापस लेने की मांग : उन्होंने कहा कि बिना नियमों, बिना मैपिंग, बिना छात्रों और बिना पेरेंट्स से राय-मशविरा किए उर्दू विषय को बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है, जिसका वे विरोध करते हैं. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की कि इस आदेश को वापस लिया जाए और जो छात्र उर्दू पढ़ रहे हैं, उनकी उर्दू की तालीम बदस्तूर जारी रखी जाए. यदि स्कूल में संस्कृत पढ़ाना चाहते हैं तो संस्कृत का भी एक पद दे दिया जाए, लेकिन उर्दू को बंद करके संस्कृत को थोपना सरासर नाइंसाफी है. इससे सरकार की छवि भी धूमिल होगी.