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झुंझुनूं में बन रहे शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी के समय से झुंझुनूं में बनाया जा रहा देश के पहले शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस भाजपा को घेरने में लगी है. राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से बनाए गए इस शौर्य उद्यान में एक तरफ भारतीय वीर योद्धा पोरस महान की वीरता को दिखाया जा रहा है तो दूसरी ओर यहीं पर यूनानी आक्रमणकारी सिकन्दर का पुतला भी उनके समकक्ष खड़ा कर दिया गया है.जिसको लेकर कांग्रेस के नेता भाजपा पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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Published : May 17, 2019, 3:21 PM IST

शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर उठाए सवाल

झुंझुनूं. देश के पहले शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस भाजपा पर सवाल खड़े कर रही है. दरअसल 20 बीघा जमीन में बनाये गए शौर्य उद्यान में भारतीय वीरों के शौर्य को ही प्रदर्शित किया गया है. इसमें भारतीय सेना के अलावा भारत के महान राजाओं के शौर्य को दर्शाया गया है. वहीं भारतीय वीर योद्धा पोरस महान के पूतले के साथ यूनानी आक्रमणकारी सिकन्दर का पूतला लगाने को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसमें अपना बचाव किया है. भाजपा ने कहा है कि यहां बात केवल शौर्य की थी और सिकन्दर का भी शौर्य था. इसलिए उनकी मूर्ति बनाई गई है.

शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर उठाए सवाल
देश को सबसे अधिक सैनिक और शहीद देने वाली झुंझुनूं की वीर धरा पर सैनिकों और भारत के वीरों की वीरता की कहानियां और किस्सों से देश के लोगों को अवगत करवाने के लिए शौर्य उद्यान बनाया जा रहा है. इसका कार्य करीब-करीब पूरा भी हो चुका हैं. यहां पर देश के शहीदों और वीरों की गाथाओं को ऑडियो, वीडियों और स्मारक के माध्यम से चिर स्थाई बनाने का प्रयास है. नई पीढ़ी को भारतीय शौर्य से रूबरू करवाने के लिए यहां शौर्य उद्यान का निर्माण करवाया गया हैं. इसमें एक म्यूजियम भी होगा और दो एक्जीविशन गैलेरी भी होगी. शहीदों और सैनिकों को समर्पित इस भवन में दो एक्जीबिशन गैलेरी व एक प्लाजा ऑफ फ्रीडम बनाया गया हैं. बिल्डिंग के बाहर एक बैटल फील्ड (युद्ध का दृश्य) दिखाया गया हैं. जिसमें युद्ध की 12 पोजिशन दिखाई गई हैं.

झुंझुनूं. देश के पहले शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस भाजपा पर सवाल खड़े कर रही है. दरअसल 20 बीघा जमीन में बनाये गए शौर्य उद्यान में भारतीय वीरों के शौर्य को ही प्रदर्शित किया गया है. इसमें भारतीय सेना के अलावा भारत के महान राजाओं के शौर्य को दर्शाया गया है. वहीं भारतीय वीर योद्धा पोरस महान के पूतले के साथ यूनानी आक्रमणकारी सिकन्दर का पूतला लगाने को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसमें अपना बचाव किया है. भाजपा ने कहा है कि यहां बात केवल शौर्य की थी और सिकन्दर का भी शौर्य था. इसलिए उनकी मूर्ति बनाई गई है.

शौर्य उद्यान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर उठाए सवाल
देश को सबसे अधिक सैनिक और शहीद देने वाली झुंझुनूं की वीर धरा पर सैनिकों और भारत के वीरों की वीरता की कहानियां और किस्सों से देश के लोगों को अवगत करवाने के लिए शौर्य उद्यान बनाया जा रहा है. इसका कार्य करीब-करीब पूरा भी हो चुका हैं. यहां पर देश के शहीदों और वीरों की गाथाओं को ऑडियो, वीडियों और स्मारक के माध्यम से चिर स्थाई बनाने का प्रयास है. नई पीढ़ी को भारतीय शौर्य से रूबरू करवाने के लिए यहां शौर्य उद्यान का निर्माण करवाया गया हैं. इसमें एक म्यूजियम भी होगा और दो एक्जीविशन गैलेरी भी होगी. शहीदों और सैनिकों को समर्पित इस भवन में दो एक्जीबिशन गैलेरी व एक प्लाजा ऑफ फ्रीडम बनाया गया हैं. बिल्डिंग के बाहर एक बैटल फील्ड (युद्ध का दृश्य) दिखाया गया हैं. जिसमें युद्ध की 12 पोजिशन दिखाई गई हैं.
Intro:झुन्झुनूं। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर लगतार हमला कर रही है कि कांग्रेस को स्पष्ट करना होगा कि अकबर महान या महाराणा प्रताप। लेकिन इस बीच भारतीय जनता पार्टी के समय से झुंझुनूं की धरा पर बनाया जा रहा देश का पहला शौर्य उद्यान अलग ही कहानी कह रहा है। राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति  प्राधिकरण की ओर से बनाए गए इस शौर्य उद्यान में एक तरफ भारतीय वीर योदृधा पोरस महान की वीरता को दिखाया जा रहा है तो दूसरी ओर यहीं पर यूनानी आक्रमणकारी सिकन्दर भी उनके समकक्ष खड़ा कर दिया गया है । इसमें बडी बात यह है कि 20 बीघा जमीन में बनाये गए शौर्य उद्यान में भारतीय वीरों के शौर्य को ही प्रदर्शित किया गया है। इसमें भारतीय सेना के अलावा भारत के महान राजाओं के शौर्य को दर्शाया गया है। 




Body:और कोई विदेश नहीं 

वहीं यदि बात शौर्य की होती तो दुनिया के सभी वीर यौद्धाओं को दर्शाया जाता तो सिकन्दर का  शैार्य भी दर्शाया जा सकता था लेकिन इस उद्यान में सिकन्दर के अलावा सभी भारतीय राजा ही है। ऐसे में कांग्रेस ने इसे भाजपा की कथनी और करनी में बडा अंतर आया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने इसमें अपना बचाव किया है। भाजपा ने कहा है कि यहां केवल शौर्य की थी और सिकन्दर का भी शौर्य था, इसलिए उनकी मूर्ति बनाई गई है। 





यह है सिकंदर व पोरस की कहानी 

सिकंदर विश्व विजय पर निकले हुए थे। वो पोरस के राज्य तक पहुंच गए थे। सिकंदर के आगे जिसने सरेंडर नहीं किया, उनसे टकराव हुआ। तक्षशिला के राजा ने सिकंदर के आगे घुटने टेक दिए और सिकंदर से पोरस पर आक्रमण करने के लिए कहा ताकि उनका राज्य विस्तार हो सके। लेकिन पोरस ने वीरता के साथ लड़ाई लड़ी और काफ़ी संघर्ष के बाद पराजय हुई।  इसमें सिकंदर की सेना को भी भारी नुक़सान पहुंचाजब पोरस हार गए तब उन्हें सिकंदर के सामने पेश किया गया।  सिकंदर ने पोरस से सवाल किया कि उनके साथ कैसा बर्ताव किया जाए? इस सवाल के जवाब में पोरस ने सिकंदर से बड़े आत्मविश्वास और आत्मसम्मान के साथ कहा कि ठीक वैसा, जैसा एक शासक दूसरे शासक के साथ करता है। 



यह है शौर्य उद्यान 

देश को सबसे अधिक सैनिक और शहीद देने वाली झुंझुनूं की वीर धरा पर सैनिकों और भारत के वीरों की वीरता की कहानियां और किस्सों से देश के लोगों को अवगत करवाने के लिए शौर्य उद्यान बनाया जा रहा है।  इसका कार्य करीब करीब पूरा भी हो चुका हैं। यहां पर देश के शहीदों और वीरों की गाथों को ऑडियो और वीडियों और स्मारक के माध्यम से चिर स्थाई बनाने का प्रयास है। नई पीढ़ी को भारतीय शौर्य से रूबरू करवाने के लिए यह शौय उद्योन का निर्माण करवाया गया हैं। इसमें एक म्यूजियम भी होगा।  इसमें दो एक्जीविशन गैलेरी भी होगी। शहीदों और सैनिकों को समर्पित इस भवन में दो एक्जीबिशन गैलेरी व एक प्लाजा ऑफ फ्रीडम बनाया गया हैं। बिल्डिंग के बाहर एक बैटल फील्ड (युद्ध का दृश्य) दिखाया गया हैं। जिसमें युद्ध की 12 पोजिशन दिखाई गई हैं। 


बाइट वन
मनोज मील, पूर्व यूथ कॉन्ग्रेस महासचिव व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता


बाइट टू
उमेद सिंह पुनिया रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी

बाइट थी

कमल कांत शर्मा bjp मीडिया प्रभारी झुंझुनू

















Conclusion:
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