झुंझुनू. उदयपुरवाटी उपखंड क्षेत्र के झड़ाया गेट के समीप गत 22 मार्च की रात कैराठ निवासी एक युवक विनोद गढ़वाल की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर चार लोगों को आरोपी माना है, जिसमें से दो लोगों को पुलिस अब तक गिरफ्तार भी कर चुकी है. जबकि दो अभी फरार चल रहे हैं. गिरफ्तार आरोपियों में पिपली की ढाणी तनचला निवासी रविंद्र गुर्जर और सिरोही निवासी धर्म सिंह उर्फ देवेंद्र सिंह को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जिनको चार दिन के रिमांड पर सौंपा गया है.
उदयपुरवाटी थानाधिकारी भगवानसहाय मीणा ने बताया, विनोद गढ़वाल के खिलाफ साल 2018 में चला के निकट पीपली वाली ढाणी से एक नाबालिग युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला नीमकाथाना में दर्ज हुआ था. मामले में वह करीब चार-पांच महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था. इसके बावजूद वह युवती और उसके परिजनों को परेशान कर रहा था. घटना से पहले 22 मार्च की रात भी वह युवती के घर गया था, जहां उसके रिश्ते में भाई रवींद्र, मुकेश और उसके साथियों ने उसके साथ मारपीट कर उसे झड़ाया नगर से कैरोठ जाने वाली सड़क पर पटक दिया. बाद में उसे नीमकाथाना अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई. मामले में मुख्य आरोपी राकेश गुर्जर और मुकेश गुर्जर अभी फरार चल रहे हैं.
यह भी पढ़ें: IPL मैच पर सट्टेबाजी और खाईवाली करते हुए 4 लोग गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, मृतक विनोद 22 मार्च की रात आठ बजे अपने दोस्त महेश को छोड़ने के लिए घर से निकला था. घरवालों को उसने कहा था, वह ननिहाल जाएगा. लेकिन इसकी बजाय वह युवती के गांव में उसके घर पहुंच गया. युवती के ताउ के बेटे रवींद्र गुर्जर ने पुलिस को बताया, विनोद रात करीब साढे 10 बजे उनके घर आया और उसकी बहनों के साथ गाली-गलौज करने लगा. इस पर रवींद्र ने मुकेश गुर्जर और अपने परिचित राकेश गुर्जर को फोन करके बुला लिया. उनके साथ देवेंद्र भी कैंपर लेकर आ गया. चारों ने विनोद के साथ मारपीट की और बाद में उसे झड़ाया नगर से कैरोठ जाने वाली सड़क पर पटक दिया, उसके बाद राकेश गुर्जर ने ही उसे अपनी कैंपर में डालकर कपिल अस्पताल नीमकाथाना पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई.
यह भी पढ़ें: Video Viral: पहली छोड़ गई...दूसरी थाने पहुंच गई, फफक-फफक कर रोते हुए आहत और लाचार पति ने की सुसाइड
कॉल डिटेल ने दिखाई राह
इस प्रकार हत्या के इस मामले में नामजद आरोपी घटना के तुरंत बाद फरार हो गया था. ऐसे में हत्या की गुत्थी खोलना चुनौती बन गई थी. लेकिन पुलिस थाने में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले कांस्टेबल अजीत ने मामले से संबंधित आरोपियों, उसके रिश्तेदारों और जानकारों आदि की कॉल डिटेल निकालकर मर्डर का खुलासा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.