झुंझुनू. जिले में डॉक्टर की कार से एएसआई के बेटे की बाइक टकराने से नाराज एएसआई ने डॉक्टर के साथ मारपीट की. स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव किया तो उनसे भी उलझ गया और धक्का-मुक्की और गाली-गलौज की. एएसआई के खिलाफ मारपीट करने की रिपोर्ट दी गई. बाद में चिकित्सकों ने जब कार्य का बहिष्कार कर दिया और लामबंद होकर आंदोलन की चेतावनी दी तो उसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक ने संबंधित एएसआई को सस्पेंड कर दिया है.
यह था मामला...
पुलिस को दी गई रिपोर्ट के अनुसार बीडीके अस्पताल में सर्जन डॉक्टर रामस्वरूप पायल देर रात 9:00 बजे आपातकालीन कॉल पर एक गंभीर रोगी को देखने के लिए बीडीके अस्पताल जा रहे थे. इसी दौरान रोड नंबर 2 पर उनकी कार सामने से आ रही एक बाइक से टकरा गई. डॉ. पायल ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी. उन्होंने पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर को भी फोन पर सूचना दी.
पढ़ेंः अजमेर: मारपीट मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार, भेजा न्यायिक अभिरक्षा में
उधर, बाइक सवार युवक ने भी फोन कर अपने पिता (एएसआई) को सूचना दे दी. कुछ ही देर में पुलिस की गाड़ी वहां आई. इसमें दो तीन पुलिसकर्मी सवार थे. जबकि एएसआई सत्यप्रकाश सिविल ड्रेस में थे. एएसआई सत्यप्रकाश ने गाड़ी से उतरते ही डॉक्टर के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसे पुलिस की गाड़ी में डालने लगे. इसी दौरान स्थानीय लोग और अन्य डॉक्टर आ गए और डॉक्टर से मारपीट का विरोध करने लगे. भीड़ को आक्रोशित होता देखते हुए कोतवाली से पुलिस की दूसरी गाड़ी आई उसमें सवार पुलिसकर्मी वहां से एएसआई को भीड़ से बचाकर निकाल ले गए. बाद में सूचना मिलने पर कोतवाल गोपाल सिंह ढाका और डीएसपी लोकेंद्र दादरवाल भी मौके पर पहुंच गए.
डॉक्टरों ने दी कार्य बहिष्कार की धमकी...
डॉक्टरों ने देर रात तक एएसआई सत्य प्रकाश को मेडिकल करवाने के लिए नहीं लाने पर कार्य बहिष्कार की धमकी दी. डॉक्टरों का कहना है कि आपातकालीन ड्यूटी में जा रहे डॉक्टर ने हादसा होने पर खुद का परिचय भी दे दिया था. इसके बावजूद एएसआई ने खाकी का रौब दिखाते हुए उनके साथ मारपीट की और अभद्रता की. वहां मौजूद भीड़ के साथ ही पुलिस वालों ने धक्का-मुक्की और गाली-गलौज की.
बता दें कि देर रात इधर बीडीके अस्पताल में डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों के बीच वार्ता हुई, लेकिन डॉक्टर इस बात पर अड़े हुए थे कि डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाले एएसआई का मेडिकल करवाया जाए. डॉ. पायल का कहना था कि एएसआई शराब के नशे में धुत था. पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की कोशिश की, लेकिन रात 1:00 बजे तक मामला उलझा रहा. बाद में सुबह जिला पुलिस अधीक्षक के आरोपी एएसआई को सस्पेंड करने के बाद चिकित्सक शांत हुए और काम पर लौटे.