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झुंझुनूः 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का निधन, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई

झुंझुनू के बुहाना तहसील में 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का निधन बुधवार को हो गया. जिनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस दौरान सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व आईएएस आरएन अरविंद, डीएसपी ज्ञान सिंह, बुहाना एसडीएम सुप्रिया, बुहाना तहसीलदार बंशीधर योगी ने समेत कई ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

Jhunjhnu news, झुंझुनू की खबर
स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम
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Published : Apr 23, 2020, 10:32 AM IST

बुहाना (झुंझुनू). जिले के बुहाना तहसील के ग्राम पंचायत थली के गांव सांवल की ढाणी में 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का बुधवार को निधन हो गया, जिनका पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इनका जन्म 30 दिसंबर 1916 में हुआ था.

स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का निधन

बता दें कि सुल्तानराम सर्वप्रथम 1939 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भर्ती हुए, फिर 1943 में इंडियन नेशनल आर्मी में आए. इसके बाद 1949 में भारतीय सेना में भर्ती हुए. वहीं, इनकी पत्नी जीमली देवी देवी भी 102 साल की है. इसके साथ ही इनके एक भाई सूबेदार उमेद सिंह जी थे, जो सेना में थे.

पढ़ें- झुंझुनूः लॉकडाउन में पुलिस की मदद के लिए आगे आए युवा, ली पुलिस मित्र की शपथ

वहीं, सुल्तानराम जी को उनके पोते योगेंद्र सिंह ने दी. इस दौरान सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व आईएएस आरएन अरविंद, डीएसपी ज्ञान सिंह, बुहाना एसडीएम सुप्रिया, बुहाना तहसीलदार बंशीधर योगी ने समेत कई ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

एससी बोस ने जेल में की थी बैठक

बताया जाता है कि जब स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम जेल में बंद थे, उसी दौरान जर्मनी से लौटे सुभाष चंद्र बोस ने जेल में पहुंचकर सुल्तानराम और उनके साथियों के साथ एक बैठक भी की थी, जिसमें बोस ने देश की आर्मी में भर्ती होने की पेशकश भी की थी, जिसके बाद सुल्तानराम आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे.

बुहाना (झुंझुनू). जिले के बुहाना तहसील के ग्राम पंचायत थली के गांव सांवल की ढाणी में 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का बुधवार को निधन हो गया, जिनका पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इनका जन्म 30 दिसंबर 1916 में हुआ था.

स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम का निधन

बता दें कि सुल्तानराम सर्वप्रथम 1939 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भर्ती हुए, फिर 1943 में इंडियन नेशनल आर्मी में आए. इसके बाद 1949 में भारतीय सेना में भर्ती हुए. वहीं, इनकी पत्नी जीमली देवी देवी भी 102 साल की है. इसके साथ ही इनके एक भाई सूबेदार उमेद सिंह जी थे, जो सेना में थे.

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वहीं, सुल्तानराम जी को उनके पोते योगेंद्र सिंह ने दी. इस दौरान सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पूर्व आईएएस आरएन अरविंद, डीएसपी ज्ञान सिंह, बुहाना एसडीएम सुप्रिया, बुहाना तहसीलदार बंशीधर योगी ने समेत कई ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

एससी बोस ने जेल में की थी बैठक

बताया जाता है कि जब स्वतंत्रता सेनानी सुल्तानराम जेल में बंद थे, उसी दौरान जर्मनी से लौटे सुभाष चंद्र बोस ने जेल में पहुंचकर सुल्तानराम और उनके साथियों के साथ एक बैठक भी की थी, जिसमें बोस ने देश की आर्मी में भर्ती होने की पेशकश भी की थी, जिसके बाद सुल्तानराम आजाद हिंद फौज में शामिल हुए थे.

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