मनोहरथाना (झालावाड़). ग्रीन जोन और समीपवर्ती झालावाड़ के रेड जोन के सिलसिले में सबसे ज्यादा आफत सीमावर्ती गांवों के उन गरीब किसानों पर आई, जो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी दूसरे जिले के नजदीकी कस्बों पर आश्रित बने थे. उनकी इसी मजबूरी के चलते बॉर्डर पर लगाई चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने शोषण शुरू कर दिया. शोषण इसलिए कि सीमावर्ती गांवों के लोगों को आर-पार राशन पानी के लिए आना जाना था. लेकिन झालावाड़ के कामखेड़ा मार्ग स्थित भीलखेड़ा चेक पोस्ट पर तैनात पुलिस ने डंडे बरसाकर चौथ वसूली शुरू कर दी. यानि कि नियमों को ताक पर रखकर पैसे देकर आना-जाना एक सिलसिला बन गया था.
ऐसे में गरीब यहां पुलिस के डंडों का शिकार रोजाना होने लगे. लेकिन पुलिस की बर्बरता चेहरा एक विडियो में खुलकर सामने आया है, जिसमें झालावाड़ के गरीब किसानों की बेरहमी से पिटाई की जा रही है. इन गरीब किसानों का कसूर सिर्फ इतना था कि राशन पानी और खेती बाड़ी के काम से सीमा पार की थी. लेकिन ताजुब की बात तो यह है पिटाई करने वाले कर्मी भी अपना ड्यूटी स्थल छोड़कर सीमा पार पहुंचकर मारपीट कर रहे हैं.
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ग्रामीणों का तो इतना तक आरोप है कि ये पुलिस कर्मी नशे में धुत भी रहते हैं. उल्लेखनीय है कि इसी चेक पोस्ट पर एक माह पहले भी पुलिसकर्मियों की शराब पार्टी की सूचना पर कवरेज करने पहुंची मिडिया कर्मियों की टीम पर भी नशे में धुत हेड कांस्टेबल ने अभद्रता कर मोबाइल छीनने की घटना को अंजाम दिया था. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.