झालावाड़. जिले ंमें इस बार मानसून की जबरदस्त मार देखने को मिली है. मानसून के दौरान भारी बारिश के चलते यूं तो सभी लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है लेकिन अगर कोई वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है तो वह किसान वर्ग.
वहीं भारी बारिश के चलते जहां कई खेतों में फसलें नष्ट हो गई तो कई खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है. लेकिन अभी तक न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी और ना ही बीमा कंपनियां फसल खराब होने का मुआयना करने पहुंची है. वहीं इसको लेकर किसानों में जबरदस्त आक्रोश है. इसलिए किसान खुद ही खराब हुई फसलों के पौधे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं.
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इस सीजन में किसानों ने मुख्यतः सोयाबीन, उड़द, मूंगफली और मक्के की फसल बोयी थी जिनमें सबसे ज्यादा सोयाबीन की फसल बोयी गयी थी लेकिन भारी बारिश के चलते सोयाबीन की फसलों में इल्ली लग चुकी है.
वहीं किसानों का कहना है कि खेतों में 90 प्रतिशत तक की फसल खराब हुई है. उसके बावजूद बीमा कम्पनी और प्रशासनिक अधिकारी मुआवजा तो दूर मुआयना भी नहीं करने आये है. किसानों का कहना है कि बीमा कंपनियों की ओर से हर बार उनके अकाउंट में से बीमा के नाम पर पैसे तो काट लिए जाते हैं लेकिन अभी तक क्लेम नहीं दिया गया है.