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बेरहम कोरोना: 6 दिन में उजड़ गया परिवार, कोरोना से पति पत्नी व बेटे की मौत

कोरोना महामारी की वजह से लोगों के हंसते-खेलते परिवार के परिवार उजड़ रहे हैं. ऐसे ही झालावाड़ में 6 दिन में कोरोना ने 3 लोगों की जान छीन ली. जिसके चलते पूरा परिवार उजड़ गया. अब परिवार में सिर्फ भाई बहन ही बचे हैं, उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया है.

death from corona in Jhalawar, Jhalawar corona news
6 दिन में उजड़ गया परिवार
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Published : May 23, 2021, 2:31 PM IST

झालावाड़. कोरोना लोगों के लिए कितनी बड़ी त्रासदी साबित हो रहा है. इसके रोज नए उदाहरण हमारे सामने आ रहे हैं. लोग अपने मां-बाप, भाई बहन गंवा चुके हैं, तो कई पूरे के पूरे परिवार उजड़ गए. ऐसा ही कुछ झालावाड़ में भी देखने को मिला, जहां कोरोना ने महज 6 दिन में एक ही परिवार के 3 लोगों की जान लेकर हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया. झालावाड़ में पहले पति उसके बाद उनकी पत्नी और फिर उनके छोटे बेटे ने भी कोरोना के चलते दम तोड़ दिया. जिससे झालावाड़ में सरदार जी का ढाबा के नाम से जाने जाने वाले सरदार सुरेंद्र सिंह का पूरा परिवार उजड़ गया है. ऐसे में अब उनके परिवार में महज एक भाई और बहन रह गए हैं.

कोरोना के चलते 6 दिन में उजड़ गया परिवार

दरअसल कोटा रोड स्थित जमुनिया में ढाबा चलाने वाले सरदार सुरेंद्र सिंह की पत्नी सहित परिवार के 5 लोग 11 मई को कोरोना पॉजिटिव आ गए थे. 5 लोगों के इस परिवार में 4 लोगों की कोरोना के कारण तबीयत इतनी ज्यादा खराब हुई कि उनको अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. इनमें पिता व पुत्र को एसआरजी अस्पताल में तो वहीं दूसरा बेटा और पत्नी को सैटेलाइट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. ऐसे में 15 मई को परिवार के मुखिया सुरेंद्र सिंह की कोरोना के कारण मौत हो गई, लेकिन इसकी सूचना अस्पताल में भर्ती उनकी पत्नी और बेटे को नहीं दी गई.

पढ़ें- जोधपुर में ब्लैक फंगस से पहली मौत, ऑपरेशन के बाद पड़ा दौरा

19 मई को पत्नी दर्शन कौर की भी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें एसआरजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया. ऐसे में तीन भाई-बहनों के ऊपर से माता पिता का साया उठ गया. माता और पिता का यूं छोड़कर चले जाने से तीनों भाई-बहन की आंखों से आंसू सूखे भी नहीं थे कि छोटे बेटे गगनदीप सिंह ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. ऐसे में 6 दिन में परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों को गहरा सदमा लगा है. ऐसे में अब उनके परिवार में बडा भाई गुरप्रीत सिंह और बहन जसप्रीत कौर ही बची हैं.

बता दें कि सरदार सुरेंद्र सिंह ने पंजाब से आने के बाद कोटा रोड पर जामुनिया में अपना ढाबा खोला था. करीब 40 साल से वह ढाबा चला रहे थे, जिसके चलते पुरे झालावाड़ में उनका ढाबा सरदार जी ढाबा के नाम से प्रसिद्ध था. सुरेंद्र सिंह ने ढाबे के सहारे ही अपने परिवार की परवरिश की थी. बाद में दोनों बेटे भी ढाबा चलाने में उनकी मदद करने लगे थे. ढाबे के पीछे ही उनका मकान था, जहां पूरा परिवार हंसी-खुशी रहता था, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी कि 6 दिन में ही परिवार के तीन सदस्य दुनिया छोड़कर चले गए. वहीं उनकी पत्नी दर्शन कौर सरकारी शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी और प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई थी. ऐसे में सरदार जी के बड़े बेटे गुरप्रीत सिंह ने सभी से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन की पालना करें और हमेशा मास्क पहनें.

झालावाड़. कोरोना लोगों के लिए कितनी बड़ी त्रासदी साबित हो रहा है. इसके रोज नए उदाहरण हमारे सामने आ रहे हैं. लोग अपने मां-बाप, भाई बहन गंवा चुके हैं, तो कई पूरे के पूरे परिवार उजड़ गए. ऐसा ही कुछ झालावाड़ में भी देखने को मिला, जहां कोरोना ने महज 6 दिन में एक ही परिवार के 3 लोगों की जान लेकर हंसता खेलता परिवार उजाड़ दिया. झालावाड़ में पहले पति उसके बाद उनकी पत्नी और फिर उनके छोटे बेटे ने भी कोरोना के चलते दम तोड़ दिया. जिससे झालावाड़ में सरदार जी का ढाबा के नाम से जाने जाने वाले सरदार सुरेंद्र सिंह का पूरा परिवार उजड़ गया है. ऐसे में अब उनके परिवार में महज एक भाई और बहन रह गए हैं.

कोरोना के चलते 6 दिन में उजड़ गया परिवार

दरअसल कोटा रोड स्थित जमुनिया में ढाबा चलाने वाले सरदार सुरेंद्र सिंह की पत्नी सहित परिवार के 5 लोग 11 मई को कोरोना पॉजिटिव आ गए थे. 5 लोगों के इस परिवार में 4 लोगों की कोरोना के कारण तबीयत इतनी ज्यादा खराब हुई कि उनको अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. इनमें पिता व पुत्र को एसआरजी अस्पताल में तो वहीं दूसरा बेटा और पत्नी को सैटेलाइट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. ऐसे में 15 मई को परिवार के मुखिया सुरेंद्र सिंह की कोरोना के कारण मौत हो गई, लेकिन इसकी सूचना अस्पताल में भर्ती उनकी पत्नी और बेटे को नहीं दी गई.

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19 मई को पत्नी दर्शन कौर की भी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्हें एसआरजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया. ऐसे में तीन भाई-बहनों के ऊपर से माता पिता का साया उठ गया. माता और पिता का यूं छोड़कर चले जाने से तीनों भाई-बहन की आंखों से आंसू सूखे भी नहीं थे कि छोटे बेटे गगनदीप सिंह ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. ऐसे में 6 दिन में परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों को गहरा सदमा लगा है. ऐसे में अब उनके परिवार में बडा भाई गुरप्रीत सिंह और बहन जसप्रीत कौर ही बची हैं.

बता दें कि सरदार सुरेंद्र सिंह ने पंजाब से आने के बाद कोटा रोड पर जामुनिया में अपना ढाबा खोला था. करीब 40 साल से वह ढाबा चला रहे थे, जिसके चलते पुरे झालावाड़ में उनका ढाबा सरदार जी ढाबा के नाम से प्रसिद्ध था. सुरेंद्र सिंह ने ढाबे के सहारे ही अपने परिवार की परवरिश की थी. बाद में दोनों बेटे भी ढाबा चलाने में उनकी मदद करने लगे थे. ढाबे के पीछे ही उनका मकान था, जहां पूरा परिवार हंसी-खुशी रहता था, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी कि 6 दिन में ही परिवार के तीन सदस्य दुनिया छोड़कर चले गए. वहीं उनकी पत्नी दर्शन कौर सरकारी शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी और प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई थी. ऐसे में सरदार जी के बड़े बेटे गुरप्रीत सिंह ने सभी से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन की पालना करें और हमेशा मास्क पहनें.

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